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बुलबुल

एक सुप्रसिद्ध गानेवाली चिड़िया, गोवत्सक, एक प्रसिद्ध गानेवाली चिड़िया जो कई प्रकार की होती और एशिया, यूरोप तथा अमेरिका में पाई जाती है, एक प्रकार की काली छोटी चिड़िया जिसकी बोली बहुत मधुर होती है

बुलबुल-चश्म

एक प्रकार का रेशमी कपड़ा जिसकी बनावट में आँखों की तरह के फूल नज़र आते हैं, ढाके की रेशमी धारीदार मलमल का एक प्रकार

बुलबुल-तरंग

सारंगी आदि बजाने की कमानी से बजाया जाने वाला सारंगी के प्रकार का जापानी वाद्ययंत्र

बुलबुल-टीन

सूती मख़मल, नक़ली मख़मल

बुलबुल-ए-आमिल

ईरान के शहर आमिल का रहने वाला मशहूर फ़ारसी शायर तालिब आमिली जो बहुत अच्छी आवाज़ वाला शायर था

बुलबुल-ए-ख़ामा

क़लम जो बुलबुल की तरह अच्छी बातें करने वाला और अच्छी आवाज़ वाला है

बुलबुल-ए-शीराज़

ईरान के प्रसिद्ध कवि (गुलिस्ताँ और बोस्ताँ के लेखक) श़ेख सादी की उपाधि

बुलबुल-ए-शीराज़ा

शीराज का बुलबुल, शेख सादी की उपाधि जो फ़ारसी के बहुत बड़े कवि थे।

बुलबुल-ए-शीरीं-सुख़न

बुलबुल-ए-हज़ार-दास्ताँ

बहुत प्रकार के गाने गानेवाली, बुलबुल, हज़ारों किस्म के मनमोहक गीत सुनाने वाला बुलबुल, प्रतीकात्मक: सुवचन, भाषणकला, वक्तृत्वकला

बुलबुल-ए-हज़ार-दास्तान

बुलबुल-ए-गुलज़ार-मा'नी

बुलबुला

बुदबुदा, बुल्ला, किसी तरल पदार्थ या पानी की बूंद का वह खोखला और फूला हुआ रूप जो उसे अंदर हवा भर जाने के कारण प्राप्त होता है

बुलबुली

बुलबुल का तुग़रा

बुलबुलान-ए-शो'ला-दम

बुलबुलों की सी लड़ाई है

किसी लालच पर लड़ते हैं, बुलबुल गूंदनी पर लड़ते हैं

बुलबुल का बच्चा पालना

फुंसी फोड़ों वग़ैरा का इलाज न करना

बुलबुल का बच्चा पाला है

फंसी या किसी और मर्ज़ का ईलाज नहीं करते, तोता पाला है (रुक)

अश्क-ए-बुलबुल

(लखनऊ) बहुत थोड़ी मात्रा, विशेषतः अफ़ीम की

चश्म-ए-बुलबुल

नग़्मा-ए-बुलबुल

बुलबुल का गाना, बुलबुल का गाना या रोना

पर्दा-ए-बुलबुल

(संगीत) एक सुर का नाम

सुल्तानी-बुलबुल

एक विशेष रंग की बुलबुल जिस की चोटी काली और पर लाल होते हैं

हुसैनी-बुलबुल

ख़ास प्रकार की बुलबुल जिस का शरीर सफ़ैद और सर पर कोले रंग की चोटी होती है

रैणी-बुलबुल

सारी रात चहचहाने वाला बुलबल

'आदत-ए-बुलबुल

सदक़े के बुलबुल

गुल-ओ-बुलबुल

फूल और बुलबुल, अर्थात: प्रेमी-प्रेमिका

सदक़े की बुलबुल

ब-क़्दर-ए-अश्क-ए-बुलबुल

दस्त-ए-बुलबुल-ओ-दामान

सर-ए-बुलबुल-ए-गुलज़ार

गुल-ओ-बुलबुल की शा'इरी

प्रेम की कविता, वसंत की कविता

हज़ार जी से बुलबुल होना

बहुत तलाश करना, बहुत ढूंढना, तलाश में बहुत फिरना

रग-ए-गुल से बुलबुल के पर बाँधना

बे सरोपा बातें करना

गोंदा दे कर बुलबुल पकड़ते हैं

लालच की वजह से आदमी फंसता है

देखने को बुलबुल निगलने को बड़

शक्ल-ओ-सूरत से दुर्बल मगर खाने (या काम करने) में चुस्त

सियाना कव्वा गू खाए यानी बुलबुल गोंदा खाए

बाअज़ चालाक-ओ-होशयार तबाह हाल होते हैं और भूले भाले कामयाब-ओ-आसूदा हाल या बाअज़ होशयार बेतौक़ीर होते हैं और भूले भाले साहब-ए-इज़्ज़त

देखने को बुलबुल निगलने को दोमड़

शक्ल-ओ-सूरत से कमज़ोर या दिखने नें मगर खाने (या काम करने) में चुस्त

ज़ौक़-ए-चमन ज़े-ख़ातिजर-ए-बुलबुल नमी-रवद

चमन का शौक़ बुलबुल के दिल से नहीं जाता यानी जिस बात का किसी को शौक़ हो वो दिल से नहीं जाती

हज़ार से संबंधित मुहावरे

हज़ार

स्रोत: अरबी

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