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बेगाना

(लाक्षणिक) कोई परस्पर विरोधी वस्तु जो तुलनात्मक रुप से कम और घटिया न हो

बेगाना-वश

बेगानों की तरह रहने वाला, मेल-जोल न रखने वाला, अनजान की तरह

बेगाना-ख़ू

बेगानों-जैसा व्यवहार करने वाला, मेल-जोल न रखने वाला

बेगाना-सिफ़त

बेगानों की तरह जैसे कभी की जान-पहचान ही न हो, उत्साह के बिना, बेदिली से, उपरिचितों की तरह

बेगाना-मनिश

बेगाना-वज़ा'

बेगाना-वार

बेगानों की तरह जैसे कभी की जान-पहचान ही न हो, उत्साह के बिना, बेदिली से, उपरिचितों की तरह

बेगाना-ए-'आलम

बेगाना-वज़'ई

बेगाना-रवी

बेनियाज़ी, बिना संबंध के

बेगाना-ख़ौफ़ी

अनजान लोगों से डरना, नए लोगों से खौफ़ खाना

बेगाना-ए-नफ़'-ओ-ज़रर

बेगाना-ए-'अहद-ए-वफ़ा

बेगानापन

विचित्रता, बेताल्लुक़ी, विलक्षणता, अलगाव की भावना, अन्य संक्रामण

बेगाना बनाना

बे-गाना-ए-दो-'आलम

मा'ना-बेगाना

ख़ातिर-बेगाना

कम ध्यान होना, स्वभाव में रुचि न होना, उखड़ा-उखड़ा मन

वफ़ा-बेगाना

जो ज़रा भी वफ़ा न करता हो, नमक हराम, विश्वासहीन, बेवफ़ा, विश्वासघाती

सब्ज़ा-ए-बेगाना

जंगली घास, वो घास जो अपने-आप उगे

गुल-ए-बेगाना

वह फूल जो घास में खिलता और बेकार होता है, जंगली फूल, स्वयं उगने और बढ़ने वाला फूल

ख़्वेश-ओ-बेगाना

अपने और पराए, रिश्तेदार

आश्ना-ए-मा'नी-ए-बेगाना

यगाना-ओ-बेगाना

अपना-पराया, आश्ना-ना-आशना, परिचित-अपरिचित (संकेतात्मक) हर एक, सब

होश-ओ-हवास से बेगाना होना

बे-हवास हो जाना, औसान में ना होना

खाया सो अपना, रहा सो बेगाना

इंसान जो ख़र्च करे उस का अपना होता है, उसके मर जाने पर दूसरे उस का माल खाएँगे या ख़र्च करेंगे

याद से बेगाना कर देना

किसी चीज़ या शख़्स की तरफ़ से ख़्याल या तवज्जा को हटा देना, याद ना रहने देना

चिट्ठी न परवाना मार खाएँ मुल्क बेगाना

हुकूमत की बदइंतिज़ामी और हाकिम की ग़फ़लत से बदमाश ख़्वाहमख़्वाह लागों को लौटते फिरते हैं

अपना बेगाना

दोस्त, दुश्मन

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चित के अर्थदेखिए

चित

chitچِت

स्रोत: संस्कृत

वज़्न : 2

टैग्ज़: पहलवानी

चित के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अंतःकरण की चार वृत्तियों में से एक जो अंतरिद्रिय के रूप में मानी गई है और जिसके द्वारा धारण, भाबना आदि की क्रियाएँ सम्पन्न होती है। जी। दिल। मुहा०-चित्त उचटना = किसी काम, बात या स्थान से जी विरक्त होना या हटना। दिल को भला न लगना। चित्त करना = जी चाहना। इच्छा होना। जैसे-उनसे मिलने को मेरा चित्त नहीं करता। चित्त चढ़ना = दे० “ चित्त पर चढ़ना '। चित्त चिहुँटना-प्रेमासक्त होने के कारण मन में कष्टदायक स्मृति होना। उदा०-नहिं अन्हाय नहि जाय घर चित चिहुँठयो तकि तीर। बिहारी। चित्त चुराना = मन को मोहित करना। चित्त देना ध्यान देना। मन लगाना। उदा० चित्त दै सुनो हमारी बात।-सूर। चित्त घरना = (क) किसी बात पर ध्यान देना। मन लगाना। (ख) कोई बात या विचार मन में लाना। उदा०-हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ-सूर। चित्त पर चढ़ना = (क) मन में बसने के कारण बार-बार ध्यान में आना। (ख) स्मृत्ति जाग्रत होना। याद आन, या पड़ना। चित्त बॅटना = एक बात या विषय ओर ध्यान रहने की दशा में कुछ समय के लिए दूसरी ओर ध्यान जाना जो बाधा के रूप में हो जाता है। चित्त में जमना, धंसना या बैठना = अच्छी तरह हृदयंगम होना। दृढ़ निश्चय के रूप में मन में बैठना। चित्त में होना या चित्त होना = इच्छा होना। जी चाहना। चित्त लगना = किसी काम या बात में मन की वृत्ति लगना। ध्यान लगना। जैसे-चित्त लगाकर काम किया करो। चित्त से उतरना = (क) व्यान में न रहना। भूल जाना। जैसे-वह बात हमारे चित्त मे उतर गई थी। (ख) पहले की तरह आदरणीय या प्रिय न रह जाना। जैसे-अब तो वह हमारे चित्त से उतर गया है। चित्त से न टलना ध्यान में बराबर बना रहना। न भूलना।
  • नृत्य में, शृंगारिक प्रसंगों में अनुराग, प्रसन्नता आदि प्रकट करने वाली चितवन या दृष्टि। + वि० चित।
  • दिल
  • -प्रसादन-पुं० [प० त०] योग में चित्त का एक संस्कार जो करुणा, मैत्री, हर्ष आदि के उपयुक्त्त व्यवहार द्वारा होता है

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चेतना। जान।
  • चिंतन।
  • चिंता।
  • सोची, विचारी या अनुभूत की हुई कोई बात। विचार। अनुभूति।

विशेषण

  • (व्यक्ति) जिसे कोई चिंता न हो। फलतः निश्चित या बेफिक्र
  • चुनकर इकट्ठा किया हआ। ढेर के रूप में लगाया हुआ।
  • जिसका चितन न हो सके।
  • ढका हुआ। आच्छादित। वि० [सं० चित्र] इस प्रकार जमीन पर लंबा पड़ा हुआ कि पीठ या CA पीछे की ओर के सब अंग जमीन से लगे हों और छाती, पेट, मुंह आदि ऊपर हों। पीठ के बल सीधा पड़ा हआ। ' औंधा ' या ' पट ' का विपर्याय। विशेष-प्राचीन काल में चित्र प्रायः कपड़ों पर बनाये जाते थे। इसी लिए उन्हें चित्र-पट कहते थे। जिस ओर चित्र बना रहता था उस ओर का भाग चित्र कहलाता था, और उसके विपरीत नीचेवाला भाग पट (कपड़ा) कहलाता था। इसी चित्र-पट में के चित्र और पट शब्द से विशेषण रूप में ' चित ' और ' पट ' शब्द बने हैं। मुहा०-(किसी को) चित करना = कुश्ती में पछाड़कर जमीन पर सीधा पटकना जो हराने का सूचक होता है। चित होना = बेसुध होकर या और किसी प्रकार सीधे पड़ जाना। जैसे-इतनी भाँग में तो तुम चित हो जाओगे। पद-चारों खाने (या शाने) चित = (क) हाथ-पैर फैलाये बिलकुल पीठ के बल पड़ा हुआ। (ख) लाक्षणिक रूप में, पूरी तरह से परास्त या हारा हुआ। क्रि० वि०पीठ के बल। जैसे-चित गिरना या लेटना। पुं० [हिं० चितवन] चितवन। दृष्टि। नजर। पुं० = चित्र।
  • पीठ के बल सीधा पड़ा हुआ; जिसका मुँह-पेट ऊपर की ओर हो।

शे'र

English meaning of chit

Noun, Feminine

Adjective

چِت کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • دل ، من ، نیت ، خیال ، دھیان ، ضمیر
  • پشت کے بل پڑا ہوا ، اس طرح لیٹا ہوا کہ رخ اوپر ہو ؛ پٹ کا اُلٹ .
  • داغ ، دھبا ؛ عیب ، رک : چِت پِت
  • افقی طور پر پڑا ہوا
  • سمجھ ، عقل ، دماغ ، دانائی ، شعور : ادراک
  • (کُشتی) پچھڑا ہوا ، شکست خوردہ
  • ذہن ، حافظہ ، یادداشت

اسم، مؤنث

  • نظر ، نگاہ ، جتون

चित से संबंधित मुहावरे

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