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मिले

associated, attached, gained, met, meet

मिले-जुले रहना

live together in harmony

मिले हुए ज़ोर

बलों की एक श्रृंखला, क़ुव्वतों का एक सिलसिला

मले-पंज

(a horse) over eight years old

क्या मिलेगा

क्या फ़ायदा होगा, क्या हासिल होगा

खाते पीते जग मिले, दूसर मिले न कोय

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

खाते-पीते जग मिले, अवसर मिले न कोए

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

मन-मिले

वो जो संयुक्त और संघटित हों

ख़िज़र मिले

काम बन गया, लक्ष्य हासिल हो गया, मनोकामना हो गई, उम्मीद पूरी हो गई, रहनुमा मिल गया

तेवर मिले होना

اندازِ نگاہ سے آثارِ کدورت وناگواری ظاہر ہونا

आप से मिले सो दूध बराबर माँगे मिले सो पानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

सब कोई मिले, लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

दोनों वक़्त मिले

شام کے وقت ، جھٹہٹے میں ، مغرب کے وقت ، (مجازاً) صبح کا وہ لمحہ جب رات ختم ہو کر دن شروع ہو ، یا شام کا وقت جب دن ختم ہو کر رات شروع ہونے والی ہو

अन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीक

अक्सर बिना मेहनत और तलाश के बड़ा काम बन जाता है और कभी कभी मामूली सा काम भी मेहनत के बावजूद नहीं बनता

सब कोई मिले पर लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

कमबख़्त गए हाट न मिले तराज़ू न मिले बाट

दुर्भाग्य आदमी का हर तरह नुक़्सान होता है सौदा लेने जाए तो दुकानदार के पास तराज़ू या बाट नहीं होते, जितना चाहे दे

अरे मिले करना

ऊपर के दिल से हाँ में हाँ मिला कर टालना

घर बैठे ख़िज़्र मिले

दिल की कामना पूरी हुई, जिसकी खोज थी मिल गया

बिन माँगे मिले दूध और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

माया से माया मिले, मिले नीच से नीच, पानी से पानी मिले, मिले कीच से कीच

माया से माया मिले , मिले नीच से नीच , पानी से पानी मिले , मिले कीच से कीच

ला वारिस बच्चा जो पड़ा हुआ मिले

foundling

कम्बख़्त गए हाट, तराज़ू मिले न बाट

बदक़िस्मत की नाकामी की हालत में बोलते हैं

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

पानी से पाने मिले , मिले कीच से कीच

जिन्स बजानिब जिन्स राग़िब होती है, जैसा ख़ुद होता है वेसों ही से मिलता है, शरीफ़ शरीफ़ से और कमीन कमीन से मेल जोल रखता है

मन मिले का मेला, चित मिले का चेला

अंदर की सफ़ाई से काम चलता है केवल बाहर की सफ़ाई से कुछ नहीं होता

मर्ज़ी मिले का सौदा

رضامندی کا معاملہ، باہم راضی ہوجانے کی ہدایت

गुरू बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत्ति

बिन गुरू के ज्ञान नहीं मिलता और न बिना भाग्य के धन ही मिलता है

बिन माँगे मिले सो दूध और माँगे मिले सो पानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

वहाँ मारिए जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

जमना मिले तो जमना दास , गंगा मिले तो गंगा राम

एक बात पर क़ायम ना रहना, मस्लिहत के मुताबिक़ रवैय्या बदलना, मौकापरस्ती से काम लेना

रले मिले पंचों रहे, जान जाए पर सच न कहे

पंचायत के साथ मेल-जोल रखना चाहिए चाहे झूठ ही बोलना पड़े

पत्थर पूजे हर मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

अगर ख़ुशामद से कार बरारी होसके तो में निहायत ख़ुशामदी बिन जाऊं

उनके न मिले की कुसल है

दुश्मन से मुक़ाबला नहीं हुआ इस वास्ते बच गए, दुश्मन के सामने नहीं होना चाहिए इसी में बचाव है

गर्दन वहाँ मारे जहाँ पानी न मिले

थोड़ा भी दया के क़ाबिल, योग्य नहीं है, अत्याचारी दुष्ट और भ्रष्ट आदमी के संबंध में कहते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाई

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाए

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

वहाँ लटका के मारे जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

जितना कर्म में लिखा है उतना मिलेगा

जो भाग्य में है वह मिलकर ही रहेगा, बहुत प्रयास क्यों करते हो, जो क़िस्मत में है वो तो मिल कर ही रहेगा, बहुत कोशिश क्यों करते हो

बाप को आटा न मिले जो ईंधन को भेजे

कोई स्थिति न बन जाए कि काम करना पड़े, सुस्त और आलसी के बारे में उपयोग किया जाता है

खाने को न मिले खली, नाम को बख़्त बली

नाम बड़ा दर्शन छोटे, नाम हालात के बिल्कुल उल्टा

कपड़ा न लत्ता मिस्सी मले अलबत्ता

ग़रीबी में श्रंगार की लालसा वह भी अनुचित

वहाँ गर्दन मारिये जहाँ पानी न मिले

(संकेतात्मक) बहुत ही कठोर दंड देना चाहिए, किसी व्यक्ति के अपराध को सुनकर लोग सुझाव के रूप में कहते हैं

सरकार से मिले तेल, पल्ले ही में मेल

सरकार से जो मिले ले लेना चाहिये

आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं

बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से

रोगी से रोगी मिले कहे कि नीम खा नीम

जब रोगी आदमी इकट्ठे होते हैं तो एक दूसरे को दवाईयाँ बताते हैं

मुँह माँगी मुराद मिले

फ़क़ीरों की दुआ, इच्छा अनुसार काम हो जाए

घर में जो शहद मिले तो काहे बन को जाएँ

अगर बगै़र मेहनत मशक्कत के रोज़ी मिले तो दौड़ धूप की ज़रूरत क्यों पड़े

उत्तम से उत्तम मिले, मिले नीच से नीच, पानी से पानी मिले और कीच से कीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, बड़ा बड़े की तरफ़ और छोटा छोटे की तरफ़

आठ मिले काठ, तुलसी मिले जात

आठ लकड़ियाँ मिलने से जाति बन जाती है अर्थात जाति आसानी से बन जाती है

आठ मिले काठ, तुलसी मिले जाट

आठ लकड़ियाँ मिलने से जाति बन जाती है अर्थात जाति आसानी से बन जाती है

दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते

एक प्रकार की प्रार्थना है कि मित्र ख़ुश रहें एवं शत्रु दुखी हों

तन पर नहीं लत्ता , मिस्सी मले अलबत्ता

(ओ) रुक : तन पर कपड़ा ना बदन पर लता फिर बात करूं अलबत्ता

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न मूत

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

भैंसा भैंसों में मिले या क़साई के बंधे गले

रुक : भैंसा भैंसों में या कसाई के खूंटे

उत्तम से उत्तम मिले, मिले नीच से नीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, बड़ा बड़े की तरफ़ और छोटा छोटे की तरफ़

जिसे खाने को मिले यूँ, वो कमाने को जाए क्यूँ

जिसे परिश्रम के बिना सब कुछ कुछ मिले उसे परिश्रम करने की क्या आवश्यकता है

पेट में घुसे तो भेद मिले

किसी के मन की बात जानना बहुत कठिन है, किसी के मन की बात उसके घनिष्ठ संपर्क में आने से ही जानी जा सकती है अर्थात जब किसी से बहुत दोस्ती हो जाए तब भेद पता चलता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते के अर्थदेखिए

दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते

dost mile khaate, dushman mile roteدوست ملے کھاتے، دشمن ملے روتے

अथवा : दोस्त मिलें खाते, दुश्मन मिलें रोते

कहावत

दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते के हिंदी अर्थ

  • एक प्रकार की प्रार्थना है कि मित्र ख़ुश रहें एवं शत्रु दुखी हों

دوست ملے کھاتے، دشمن ملے روتے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایک طرح کی دعا ہے کہ دوست خوش رہیں اور دشمن رنجیدہ ہوں

Urdu meaning of dost mile khaate, dushman mile rote

  • Roman
  • Urdu

  • ek tarah kii du.a hai ki dost Khush rahe.n aur dushman ranjiidaa huu.n

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मिले

associated, attached, gained, met, meet

मिले-जुले रहना

live together in harmony

मिले हुए ज़ोर

बलों की एक श्रृंखला, क़ुव्वतों का एक सिलसिला

मले-पंज

(a horse) over eight years old

क्या मिलेगा

क्या फ़ायदा होगा, क्या हासिल होगा

खाते पीते जग मिले, दूसर मिले न कोय

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

खाते-पीते जग मिले, अवसर मिले न कोए

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

मन-मिले

वो जो संयुक्त और संघटित हों

ख़िज़र मिले

काम बन गया, लक्ष्य हासिल हो गया, मनोकामना हो गई, उम्मीद पूरी हो गई, रहनुमा मिल गया

तेवर मिले होना

اندازِ نگاہ سے آثارِ کدورت وناگواری ظاہر ہونا

आप से मिले सो दूध बराबर माँगे मिले सो पानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

सब कोई मिले, लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

दोनों वक़्त मिले

شام کے وقت ، جھٹہٹے میں ، مغرب کے وقت ، (مجازاً) صبح کا وہ لمحہ جب رات ختم ہو کر دن شروع ہو ، یا شام کا وقت جب دن ختم ہو کر رات شروع ہونے والی ہو

अन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीक

अक्सर बिना मेहनत और तलाश के बड़ा काम बन जाता है और कभी कभी मामूली सा काम भी मेहनत के बावजूद नहीं बनता

सब कोई मिले पर लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

कमबख़्त गए हाट न मिले तराज़ू न मिले बाट

दुर्भाग्य आदमी का हर तरह नुक़्सान होता है सौदा लेने जाए तो दुकानदार के पास तराज़ू या बाट नहीं होते, जितना चाहे दे

अरे मिले करना

ऊपर के दिल से हाँ में हाँ मिला कर टालना

घर बैठे ख़िज़्र मिले

दिल की कामना पूरी हुई, जिसकी खोज थी मिल गया

बिन माँगे मिले दूध और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

माया से माया मिले, मिले नीच से नीच, पानी से पानी मिले, मिले कीच से कीच

माया से माया मिले , मिले नीच से नीच , पानी से पानी मिले , मिले कीच से कीच

ला वारिस बच्चा जो पड़ा हुआ मिले

foundling

कम्बख़्त गए हाट, तराज़ू मिले न बाट

बदक़िस्मत की नाकामी की हालत में बोलते हैं

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

पानी से पाने मिले , मिले कीच से कीच

जिन्स बजानिब जिन्स राग़िब होती है, जैसा ख़ुद होता है वेसों ही से मिलता है, शरीफ़ शरीफ़ से और कमीन कमीन से मेल जोल रखता है

मन मिले का मेला, चित मिले का चेला

अंदर की सफ़ाई से काम चलता है केवल बाहर की सफ़ाई से कुछ नहीं होता

मर्ज़ी मिले का सौदा

رضامندی کا معاملہ، باہم راضی ہوجانے کی ہدایت

गुरू बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत्ति

बिन गुरू के ज्ञान नहीं मिलता और न बिना भाग्य के धन ही मिलता है

बिन माँगे मिले सो दूध और माँगे मिले सो पानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

वहाँ मारिए जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

जमना मिले तो जमना दास , गंगा मिले तो गंगा राम

एक बात पर क़ायम ना रहना, मस्लिहत के मुताबिक़ रवैय्या बदलना, मौकापरस्ती से काम लेना

रले मिले पंचों रहे, जान जाए पर सच न कहे

पंचायत के साथ मेल-जोल रखना चाहिए चाहे झूठ ही बोलना पड़े

पत्थर पूजे हर मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

अगर ख़ुशामद से कार बरारी होसके तो में निहायत ख़ुशामदी बिन जाऊं

उनके न मिले की कुसल है

दुश्मन से मुक़ाबला नहीं हुआ इस वास्ते बच गए, दुश्मन के सामने नहीं होना चाहिए इसी में बचाव है

गर्दन वहाँ मारे जहाँ पानी न मिले

थोड़ा भी दया के क़ाबिल, योग्य नहीं है, अत्याचारी दुष्ट और भ्रष्ट आदमी के संबंध में कहते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाई

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाए

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

वहाँ लटका के मारे जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

जितना कर्म में लिखा है उतना मिलेगा

जो भाग्य में है वह मिलकर ही रहेगा, बहुत प्रयास क्यों करते हो, जो क़िस्मत में है वो तो मिल कर ही रहेगा, बहुत कोशिश क्यों करते हो

बाप को आटा न मिले जो ईंधन को भेजे

कोई स्थिति न बन जाए कि काम करना पड़े, सुस्त और आलसी के बारे में उपयोग किया जाता है

खाने को न मिले खली, नाम को बख़्त बली

नाम बड़ा दर्शन छोटे, नाम हालात के बिल्कुल उल्टा

कपड़ा न लत्ता मिस्सी मले अलबत्ता

ग़रीबी में श्रंगार की लालसा वह भी अनुचित

वहाँ गर्दन मारिये जहाँ पानी न मिले

(संकेतात्मक) बहुत ही कठोर दंड देना चाहिए, किसी व्यक्ति के अपराध को सुनकर लोग सुझाव के रूप में कहते हैं

सरकार से मिले तेल, पल्ले ही में मेल

सरकार से जो मिले ले लेना चाहिये

आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं

बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से

रोगी से रोगी मिले कहे कि नीम खा नीम

जब रोगी आदमी इकट्ठे होते हैं तो एक दूसरे को दवाईयाँ बताते हैं

मुँह माँगी मुराद मिले

फ़क़ीरों की दुआ, इच्छा अनुसार काम हो जाए

घर में जो शहद मिले तो काहे बन को जाएँ

अगर बगै़र मेहनत मशक्कत के रोज़ी मिले तो दौड़ धूप की ज़रूरत क्यों पड़े

उत्तम से उत्तम मिले, मिले नीच से नीच, पानी से पानी मिले और कीच से कीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, बड़ा बड़े की तरफ़ और छोटा छोटे की तरफ़

आठ मिले काठ, तुलसी मिले जात

आठ लकड़ियाँ मिलने से जाति बन जाती है अर्थात जाति आसानी से बन जाती है

आठ मिले काठ, तुलसी मिले जाट

आठ लकड़ियाँ मिलने से जाति बन जाती है अर्थात जाति आसानी से बन जाती है

दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते

एक प्रकार की प्रार्थना है कि मित्र ख़ुश रहें एवं शत्रु दुखी हों

तन पर नहीं लत्ता , मिस्सी मले अलबत्ता

(ओ) रुक : तन पर कपड़ा ना बदन पर लता फिर बात करूं अलबत्ता

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न मूत

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

भैंसा भैंसों में मिले या क़साई के बंधे गले

रुक : भैंसा भैंसों में या कसाई के खूंटे

उत्तम से उत्तम मिले, मिले नीच से नीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, बड़ा बड़े की तरफ़ और छोटा छोटे की तरफ़

जिसे खाने को मिले यूँ, वो कमाने को जाए क्यूँ

जिसे परिश्रम के बिना सब कुछ कुछ मिले उसे परिश्रम करने की क्या आवश्यकता है

पेट में घुसे तो भेद मिले

किसी के मन की बात जानना बहुत कठिन है, किसी के मन की बात उसके घनिष्ठ संपर्क में आने से ही जानी जा सकती है अर्थात जब किसी से बहुत दोस्ती हो जाए तब भेद पता चलता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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