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ज़ियाँ

हानि, अनिष्ट, क्षति, घाटा, नुक़्सान

ज़ियान

loss

ज़ियाँ-गर

नुकसान पहुँचाने वाली, हानिकारक

ज़ियाँ-आवर

हानिकारक, नुक़्सानदेह

ज़ियाँ-कार

घाटा उठाने वाला, नुक़्सान या ख़सारा बर्दाश्त करने वाला

ज़ियाँ-दीदा

जिस को नुक़्सान या हानि पहुँचा हो

ज़ियाँ-आवरी

हानि, नुक़्सान, घाटा

ज़ियाँ आना

नुकसान होना, क्षति पहुंचना

ज़ियाँ-रसीदा

जिसको नुक़्सान या हानि पहुँचा हो

ज़ियाँ-कारी

टोटा देना, नुक़्सान, घाटा होना, कदाचार, बदआमाली

ज़ियाँ करना

क्षति पहुंचाना या उठाना

ज़ियाँ-बर-ज़ियाँ

बहुत ज़्यादा नुक़सान

ज़ियाँ खींचना

नुक़सान उठाना, हानि सहना

ज़ियाँ उठाना

suffer a loss

जियान

आर्थिक हानि, घाटा, नुक़्सान

ज़य्यान

जंगली चमेली, शहद, मधु

जियाना

जीवित करना, प्राण डालना, जिलाना

जयान्ती

वर्षगाँठ, जन्मदिन

वक़्त का ज़ियाँ

waste of time

ग़म-ए-ज़ियाँ

sorrow of loss

सूद-ओ-ज़ियाँ

लाभ और हानि, नफ़ा और नुक़सान, बुरा भला

ख़ुद-ज़ियाँ-कार

causing hurt to oneself, self-damaging

जी का ज़ियाँ

جان کا اندیشہ یا نقصان.

'आलम-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ

state of gain & loss

चटोरी ज़बान, दौलत का ज़ियाँ

चटोरा आदमी कभी अमीर नहीं हो सकता

बाज़ीचा-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ

playground,game, sport of profit and loss

ज़ायंदा

one who brings forth, mother

नादान की आशनाई जी का ज़ियाँ

रुक : नादान की दोस्ती अलख

नादान की दोस्ती, जी का ज़ियाँ

मूर्ख की मित्रता प्राणलेवा होती है

ज़ूएँ से

तेज़ी से, फ़र्राटे भरते हुए, पलक झपकते ही

बंदर की दोस्ती जी का ज़ियाँ

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

हर चे ब-ज़ाबान आयद ब-ज़ियाँ आयद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो बात ज़बान से निकलती है वो नुक़्सान भी पहुंचाती है, बात सोच समझ कर करना चाहिए वर्ना बाद में पछताना पड़ता है

मोरचगान रा चू बुवद इत्तिफ़ाक़ शेर-ए-ज़ियाँ रा बदर आरंद पोस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) चियूंटियों अगर यकमत हो जाएं तो खूँखार शेर की खाल उतार लेती हैं, बहुत से निर्बल एकमत होकर बलवान को भी प्रास्त कर सकते हैं, आपस के एकमत्ता से काम बनता है

मोरचगाँ रा चू बुवद इत्तिफ़ाक़ शेर-ए-ज़ियाँ रा बदर आरंद पोस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) चियूंटियों में अगर इत्तिफ़ाक़ होजाए तो शेर की खाल उतार लेती हैं, कमज़ोरों में इत्तिफ़ाक़ होजाए तो वो ताक़तवर पर ग़ालिब आते हैं

शाफ़ि'-ए-'इज़याँ

पापों की मुक्ति कराने वाला

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ग़म-ए-ज़ियाँ के अर्थदेखिए

ग़म-ए-ज़ियाँ

Gam-e-ziyaa.nغَمِ زِیاں

वज़्न : 1212

English meaning of Gam-e-ziyaa.n

  • sorrow of loss

Urdu meaning of Gam-e-ziyaa.n

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

ज़ियाँ

हानि, अनिष्ट, क्षति, घाटा, नुक़्सान

ज़ियान

loss

ज़ियाँ-गर

नुकसान पहुँचाने वाली, हानिकारक

ज़ियाँ-आवर

हानिकारक, नुक़्सानदेह

ज़ियाँ-कार

घाटा उठाने वाला, नुक़्सान या ख़सारा बर्दाश्त करने वाला

ज़ियाँ-दीदा

जिस को नुक़्सान या हानि पहुँचा हो

ज़ियाँ-आवरी

हानि, नुक़्सान, घाटा

ज़ियाँ आना

नुकसान होना, क्षति पहुंचना

ज़ियाँ-रसीदा

जिसको नुक़्सान या हानि पहुँचा हो

ज़ियाँ-कारी

टोटा देना, नुक़्सान, घाटा होना, कदाचार, बदआमाली

ज़ियाँ करना

क्षति पहुंचाना या उठाना

ज़ियाँ-बर-ज़ियाँ

बहुत ज़्यादा नुक़सान

ज़ियाँ खींचना

नुक़सान उठाना, हानि सहना

ज़ियाँ उठाना

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जियान

आर्थिक हानि, घाटा, नुक़्सान

ज़य्यान

जंगली चमेली, शहद, मधु

जियाना

जीवित करना, प्राण डालना, जिलाना

जयान्ती

वर्षगाँठ, जन्मदिन

वक़्त का ज़ियाँ

waste of time

ग़म-ए-ज़ियाँ

sorrow of loss

सूद-ओ-ज़ियाँ

लाभ और हानि, नफ़ा और नुक़सान, बुरा भला

ख़ुद-ज़ियाँ-कार

causing hurt to oneself, self-damaging

जी का ज़ियाँ

جان کا اندیشہ یا نقصان.

'आलम-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ

state of gain & loss

चटोरी ज़बान, दौलत का ज़ियाँ

चटोरा आदमी कभी अमीर नहीं हो सकता

बाज़ीचा-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ

playground,game, sport of profit and loss

ज़ायंदा

one who brings forth, mother

नादान की आशनाई जी का ज़ियाँ

रुक : नादान की दोस्ती अलख

नादान की दोस्ती, जी का ज़ियाँ

मूर्ख की मित्रता प्राणलेवा होती है

ज़ूएँ से

तेज़ी से, फ़र्राटे भरते हुए, पलक झपकते ही

बंदर की दोस्ती जी का ज़ियाँ

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

हर चे ब-ज़ाबान आयद ब-ज़ियाँ आयद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो बात ज़बान से निकलती है वो नुक़्सान भी पहुंचाती है, बात सोच समझ कर करना चाहिए वर्ना बाद में पछताना पड़ता है

मोरचगान रा चू बुवद इत्तिफ़ाक़ शेर-ए-ज़ियाँ रा बदर आरंद पोस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) चियूंटियों अगर यकमत हो जाएं तो खूँखार शेर की खाल उतार लेती हैं, बहुत से निर्बल एकमत होकर बलवान को भी प्रास्त कर सकते हैं, आपस के एकमत्ता से काम बनता है

मोरचगाँ रा चू बुवद इत्तिफ़ाक़ शेर-ए-ज़ियाँ रा बदर आरंद पोस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) चियूंटियों में अगर इत्तिफ़ाक़ होजाए तो शेर की खाल उतार लेती हैं, कमज़ोरों में इत्तिफ़ाक़ होजाए तो वो ताक़तवर पर ग़ालिब आते हैं

शाफ़ि'-ए-'इज़याँ

पापों की मुक्ति कराने वाला

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