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खाए

खाई

पृथ्वी तल में वह कृत्रिम या प्राकृतिक गड्ढा, जो कुछ दूर तक चला गया हो और जिसमें से होकर नदी, वर्षा आदि का जल बहता हो

खाएँ

पेट भरने के लिए मुंह में कोई खाद्य वस्तु रखकर उसे चबाना और निगल जाना, भोजन करना

कहे

कहा, बोला

कही

उक्ति। कथन। उदा०-कहत न परत कही।-सर।

कहो

कहा

= कहा (उक्ति)

खेई

झड़बैरी की सूखी झाड़ी, झाड़-झंखाड़, सूखी कटी हुई झाड़ी, झड़बैरी के वो पेड़ जिन्हें काट कर पत्ते निकाल लिए गए हों और सिर्फ़ काँटे रह गए हों जो बाड़ लगाने या जलाने के काम आते हैं

खाईं

खाए जाना

तबाह करना, बर्बाद करना, संपूर्ण रूप से बर्बाद करना, शत्रुता होना

खाए तो पछताए, न खाए तो पछताए

ऐसी वस्तु जो वास्तव में अच्छी न हो, पर उसे अच्छी समझकर सब पाने के लिए लालायित भी हों

खाए डालना

चिंता से पीड़ित होना, खाए जाना, परेशान रखना, मुसीबत में फँसना

खौ

कहो

खै

खा

खाओ

खाए तो मुँह लाल, न खाए तो मुँह लाल

बदनाम व्यक्ति कोई अपराध करे या न करे इल्ज़ाम उसी पर आता है

खाए दल बोड़, लड़ाइए सर फोड़

दोनों बातों में कमी ना करे

खाए दल बोड़, लड़े सर फोड़

दोनों बातों में कमी ना करे

खाए नाना का, कहलाए दादा का

लाभ किसी से उठाए और नाम किसी का हो

खाए मलीदा एक खाए भुस

अपना-अपना भाग्य कोई धनवान और कोई निर्धन, कोई मज़ा-मौज करता है, कोई कष्टों में जीवन बिताता है

खाए पान, टुकड़े को हैरान

मुफ़लिस ताहम फ़ुज़ूलखर्च, तन पे नहीं लता पान खाएंगे अलबत्ता

खाए पर खाया, वो भी गँवाया

ज़्यादा हिर्स करने वाला आदमी असल सरमाया भी खो देता है

ख़े

ख़ू

आदत।

ख़ा

खानेवाला, जैसे-‘शकरखा' शकर खानेवाला।

ख़े

खाए बकरी की तरह, सूखे लकड़ी की तरह

बहुत खाने के बाद भी दुबला पतला रहने वाले व्यक्ति के बारे में कहते हैं

खाए बैठना

हड़प कर जाना, ख़त्म कर देना, दबा लेना

खाए जैसे बकरी , सूखे जैसे लकड़ी

खाना पीना अलग नहीं लगता

खाए का मुँह और नहाए के बाल नहीं छुपते

आसूदगी चावर ख़ुशी हाली छिपी नहीं रहती

खाए न खिलाए ख़ाला दीदों आगे आए

जो खाने को न दे उसका भला न हो

खाए के गाल और नहाए के बाल नहीं छुपते

संपन्नता और समृद्धि छिपी नहीं रहती

खाए तो घी से, नहीं तो जाए जी से

ऐसे लोगों पर व्यंग है जो अपने स्वाभिमान के आगे जान की हानि गवारा करें

खाए मन भाता और पहने जग भाता

۔(मक़ूला) खाना अपनी पसंद का अच्छ्াा होता है और कपड़ा दूसरे की पसंद का

खाएँ नाना के टुकड़े कहलाएँगे दादा के पोते

एहसान कोई करे नाम किसी का हूहक़ नाशिनास, एहसान फ़रामोश

खाएँ बकरी की तरह सूखें लकड़ी की तरह

बहुत ज़्यादा खाना और फिर भी कमज़ोर और दुबला रहना , कब : खाए बिक्री की तरह सूखे लक्कड़ी की तरह

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के पास

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के घाट

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ नाना के रोटी कहलाएँगे दादा के पोते

एहसान कोई करे नाम किसी का हूहक़ नाशिनास, एहसान फ़रामोश

खाएँ तो घी से नहीं जाएँ जी से

खाएँ तो घी से नहीं तो जाएँ जी से

ज़िद्दी और हटीले आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, हो तो अच्छा हो नहीं तो भूका मरना मंज़ूर

खाएँ किसी का गाएँ किसी का

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

कोई है

नौकर को बुलाने की आवाज़, क्या कोई शख़्स मौजूद है

कोई हो

कोई हो, किसी की विशेषता नहीं

खाऊ

अनुचित रूप से दूसरों का धन लेनेवाला। पद-खाऊ बीर दूसरों का माल हड़प जानेवाला।

खोओ

ख़ोई

पसीना

खोए

ख़ोए

पसीना, स्वेद ।

खाई मुग़ल की तहरी अब कहाँ जाएगी बाहरी

धनवान के नमक का बड़ा लालच होता है या वह व्यक्ति ऐसी चाट पर लगा हुआ है कि अब कहीं जा नहीं सकता

काहे

क्यों, किस लिए, काहे को, किस वजह से, किस कारण से

काही

घास का बना हुआ, घास का, घास-जैसे रंग का, हरा ।

काहू

एक पौधा जो दवा में काम आता है, काहू-कद्दू-बादाम इनके बीजों के तेल में गुलाब का तेल मिलाकर मस्तिष्क-निर्बलता में प्रयोग करते हैं। कि

खाई भली का माई

खाना माँ से अधिक प्यारा होता है, माँ की मुहब्बत नहीं बल्कि उसके लाड-प्यार की मुहब्बत होती है

कोहा

कोही

पहाड़ से उत्पन्न, पहाड़ से सम्बन्धित, पहाड़ का, पहाड़ी

खूई

छोटा कुंआ

कोहा

(कृषि) खेत की सीमांकन की मुंडेर, मेंड

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए के अर्थदेखिए

काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

kaa.nTe bo.e babuul ke to aam kahaa.n se khaa.eکانٹے بوئے بَبُول کے تو آم کَہاں سے کھائے

कहावत

काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए के हिंदी अर्थ

  • बुरा काम करके भलाई की आशा रखना, फ़ुज़ूल और मुर्खतापूर्ण क्रिया है, जैसा बोओगे वैसा काटोगे, जौ बोओ गे तो गेहूं कैसे काटोगे, जौ बोओगे तो जौ ही काटोगे

English meaning of kaa.nTe bo.e babuul ke to aam kahaa.n se khaa.e

  • hope of good by doing bad, as you sow, so shall you reap

کانٹے بوئے بَبُول کے تو آم کَہاں سے کھائے کے اردو معانی

  • بُرا کام کرکے بھلائی کی امید رکھنا، فضول اور احمقانہ فعل ہے، جیسا بوؤ گے ویسا کاٹو گے، جو بوؤ گے تو گیہوں کیسے کاٹو گے، جَو بوؤ گے تو جَو ہی کاٹو گے

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

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