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सहरी

एक प्रकार की मछली, तीव्र सुगंध, सीम-माही

सहरी

निर्जल व्रत के दिन बहुत तड़के किया जाने वाला भोजन, रमज़ान के दिनों में कुछ रात रहे का खाना, जिसे खाकर रोज़ा रखा जाता है, सहरगही

शहरी

नागरिक, नगर वासी, नगरीय

सहरी खाए सो रोज़ा रखे

एक शख़्स की सहरी कुत्ता खा गया, इस ने उसे सारा दिन भूओका बांध रखा कि इस ने सहरी खाई है वही रोज़ा रखेगा यानी जो फ़ायदा उठाए वही काम करे

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

सहरी के गीत

रोज़ेदार को उठाने के लिए गाया जाने वाला गीत, जो उठाने वाला गाता है

शहरी-ग़ुंडा

शहरी-ज़िंदगी

शहरी-मज्लिस

वह दफ़्तर या विभाग जो शहर की सफ़ाई, बिजली और नगरवासियों की आवश्यकताओं का प्रबंध करता है, नगरपालिका, म्युनिस्पैलिटी, म्युनिस्पिल कॉर्पोरेशन

शहरी-रियासत

शहरी-हुक़ूक़

शहरी-दिफ़ा'

शहरी-आज़ादी

शहरी-जुग़राफ़िया

शहरीज़

एक प्रकार का खजूर, नगरीय

शम'-ए-सहरी

सवेरे का चिराग़ जो बुझने को होता है

त'आम-ए-सहरी

वह भोजन जो किसी दिन निर्जल व्रत करने के पहले बहुत तड़के या कुछ रात रहे ही किया जाता है, सहरी

चराग़-ए-सहरी

चराग़ जो सुबह को बुझने के निकट हो

नमाज़-ए-सहरी

दो रकात नमाज़ जो सुर्योदय से पहले अर्थात भोर में पढ़ी जाती है, प्रातःकाल की नमाज़, फ़ज्र की नमाज़

नूर-ए-सहरी

नसीम-ए-सहरी

नौबत-ए-सहरी

सुबह का नक़्क़ारा अथवा ढोल, सुबह के समय बजाने का बड़ा नकारा

नज्म-ए-सहरी

सुबात-ए-सहरी

सलात-ए-सहरी

सुबह की नमाज़, फ़ज्र की नमाज़

बाद-ए-सहरी

प्रातःकाल की समीर

सितारा-ए-सहरी

प्रातः का तारा

सुपीदा-ए-सहरी

सितारा-ए-सहरी चमकना

दिन निकलने के क़रीब होना

मैं तो चराग़ सहरी हूँ

बहुत बुढ्ढा हूँ, मौत के क़रीब हूँ

जो सहरी खाए सो रोज़ा रखे

जो सहरी खाए वही रोज़ा रखे

एक व्यक्ति की सहरी कुत्ता खा गया, उसने उसे सारा दिन भूका बाँध रखा कि उसने सहरी खाई है वही रोज़ा रखेगा अर्थात जो लाभ उठाए वही काम करे, ये लोकोक्ति ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब ये दिखाना हो कि जो व्यक्ति लाभांवित वही काम करने में मेहनत और तकलीफ़ उठाए

नमाज़ नहीं रोज़ा नहीं सहरी भी न हो तो निरे काफ़िर बन जाएँगे

अगर बहुत सा असंभव हो तो थोड़ा सा सही, ऐसे अवसर पर उपयोगित जब किसी धार्मिक शिक्षा पर प्रक्रिया अपने पक्ष में हो

रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं

जिंसियत-शहरी

एक शहर के होने की स्थिति, एक शहर या एक क्षेत्र होना

मजालिस-ए-शहरी

हम-शहरी

दूसरे दर्जे के शहरी

वह नागरिक जो प्राथमिक नगरीय सुविधाओं से वंचित हों, किसी जनसंख्या के वे लोग जिन्हें समान अधिकार न दिए जाएँ, अन्य या निचले स्तर के समझे जाने वाले

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं के अर्थदेखिए

रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं

roze rakhe.n na namaaz pa.Dhe.n, saharii bhii na khaa.e.n to kaafir ho jaa.e.nروزے رَکھیں نَہ نَماز پَڑھیں، سَحَری بھی نَہ کھائیں تو کافِرْ ہو جائیں

روزے رَکھیں نَہ نَماز پَڑھیں، سَحَری بھی نَہ کھائیں تو کافِرْ ہو جائیں کے اردو معانی

  • نفس پرورں کا مقولہ ہے.

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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