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किसा

चादर

किसे

कोई व्यक्ति या किसी चीज़ को, किसको

किसी

' कोई ' का वह रूप जो उसे विभवति लगने पर प्राप्त होता है

किसू

किसी, कोई व्यक्ति जिसके नाम का उल्लेख नहीं हो और उसकी तरफ़ इशारा हो

पाप-क्षय

ऐसी स्थिति जिसमें किये हुए पापों का फल नहीं भोगना पड़ता, पापों का नष्ट होना

का सा

like, resembling

कैसा

किस आकार या रंग-रूप का।

कैसे

किस अभिप्राय या उद्देश्य से, किस लिए क्यों, जैसे-कैसे आना हुआ

कैसी

क्या

किसी को

किसी एक मार्ग पर, समझे-बूझे व्यक्ति को, प्रिय को

किसी का

(کنایۃً) معشوق کا

क़िस्सा

ककड़ी, खीरा

क़िस्सा

कथा, आख्यान, दास्ताँ, कहानी, अफ़साना

क़िस्सा

कथा, आख्यान, दास्ताँ, कहानी, अफ़साना

कशा

लकड़ी या धात का छोटा टुकड़ा जिसे किताब पर निशान के तौर पर रखते हैं

कशी

रेशम जिस से कढ़ाई की जाती है

कोई सा

कई में से एक, कोई

कोई सी

कोई, किसी प्रकार की

कैसे हो

क्या हाल है, मिज़ाज कैसा है

कैसा ही

howsoever, of whatsoever sort, in whatsoever manner

कैसी ही

कितनी ही, कितनी भी, चाहे जिस तरह की

कैसी-हो

बहुत बुरा हो, बुरा नतीजा हो, तमाशा हो

किसी से

from anyone

किस से

whom? from whom?

कैसी धड़ पट उड़ी

ज़लील हुआ, ख़ूब पीटा

किसी के टुकड़ों पर पड़ना

sponge on

किसी चीज़ का धुवाँ उड़ाना

किसी चीज़ को ख़ाक में मिलाना, आग में झोंकना, किसी चीज़ को धुआँ धुआँ कर देना

किसी चीज़ के लिए कोई चीज़ छोड़ना

Abandon something in favour of something

दाना खाय न पानी पीवे, वह आदमी कैसे जीवे

कोई खाए पिए बिना कैसे जीवित रह सकता है

किसी की धूल उड़ा देना

मिस्मार और बर्बाद कर देना, ख़ाक में मिला देना, मलियामेट कर देना, गर्द बार कर देना

किसी का लड़का कोई मन्नत माने

किसी के घर बच्चा हो कोई ख़ुशी करे, किसी का काम बने कोई ख़ुश हो

सिवय्याँ बिन 'ईद कैसी

ख़ुशी ही की तक़रीब में ख़ुशी अच्छी मालूम होती है, ख़ुशी की तक़रीब बगै़र पकवान के फीकी मालूम होती है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जीवड़ा कैसा है

स्वभाव कैसा है

कैसी धरपट उड़ी

ख़ूब पिटा, अपमानित किया गया, ज़लील हुआ

किसी से साई कसी को बधाई

उस व्यक्ति के बारे में बात करते हैं जो प्रतिज्ञा तोड़ता है और झूठ बोल कर काम किसी और के लिए करता है

लड़की तेरा ब्याह कर दें, कहा मैं कैसे कहूँ

जहाँ किसी चीज़ की इच्छा हो परंतु कह न सकें वहाँ बोलते हैं

किसी के मुँह पर चढ़ना

किसी के बराबर होना, सामना करना

ज़मीन पर किसी के नाम की शराब छिड़कना

मै नोशों में ये दस्तूर है कि पीने से पहले किसी का नाम लेकर एक आध छींटा शराब का ज़मीन पर गिरा देते हैं

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

सेवईयों बिन ईद कैसी

ईद के दिन मुसलमान सेवईयाँ पका कर खाते हैं, इस के बिना ईद मालूम नहीं होती

मुश्किल कुशा का खड़ा दौना देना

मुराद पूरी होने पर हज़रत अलेऊ की नयाज़ फ़ौरन दिलवाना , खड़ा दोना देना

ख़सम जोरू की लड़ाई किसी को न भाई

पति-पत्नी को मिलजुल कर रहना चाहिए, पति-पत्नी की लड़ाई सबको नापसंद है

कौन किसी के आवे जावे दाना-पानी लावे

अतिथि भाग्य से आता है, जहाँ का दाना-पानी लिखा होता है वहीं जाता है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

दाना न खाए , न पानी पीवे , वो आदमी कैसे जीवे

जो खाए पीए नहीं वो कैसे ज़िंदा रह सकता है, जो रंज-ओ-ग़म की वजह से खाना पीना छोड़ दे ऐसे शख़्स को कहते हैं

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

आध पाव के पात्र में कैसे सेर समाय

असंभव काम संभव कैसे हो सकता है

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

क़ज़िय्या-ए-मुन'अकिसा

प्रत्युत मुक़दमा, उलटा मुक़दमा, वह मुक़दमा जो प्रतिवादी के विरुद्ध हो, तर्कशास्त्र में प्रथम को द्वितीय और द्वितीय को प्रथम प्रतिवादी इस तरह करना कि अस्ली स्वीकार्यता और अस्वीकार्यता एवं स्त्यता निरंतर बनी रहे न कि अस्ली पूर्ण या आंशिक असत्य बने रहें

नटनी बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

किसी के टुकड़ों पर पलना

बिना अधिकार के दूसरों की रोटियाँ खाना, ग़रीबी के कारण दूसरे की रोटियाँ खाना, दूसरे के घर खाना

किसी की आग में पड़ना

दूसरे शख़्स की मुसीबत अपने सर लेना और किसी मुसीबत में शरीक होना, हमदर्दी करना, दूसरे की मुसीबत में साथ देना

काैवे कोसा करें खेत पक्का करें

۔मिसल। जब कोई शख़्स किसी को नाहक़ बददुआ दे इस महल पर बोलते हैं यानी नाहक़ की बददुआ का कुछ असर नहीं

किसी को उड़ाना

۱ . किसी की बात को हंसी में टालना, मज़ाक़ उड़ाना, बहिकाना, किसी को बहका कर ले जाना, वरग़ला कर निकाल ले जाना , ग़ायब कर देना

कौवों के कोसे ढोर नहीं मरते

बद्दुआ देने से किसी को नुक़सान नहीं होता

कोई किसी की आग में नहीं पड़ता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

वही कासा वही आश

हालत साबिक़ा में कोई तग़य्युर नहीं, नतीजा हसब-ए-साबिक़ निकला

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किसा

चादर

किसे

कोई व्यक्ति या किसी चीज़ को, किसको

किसी

' कोई ' का वह रूप जो उसे विभवति लगने पर प्राप्त होता है

किसू

किसी, कोई व्यक्ति जिसके नाम का उल्लेख नहीं हो और उसकी तरफ़ इशारा हो

पाप-क्षय

ऐसी स्थिति जिसमें किये हुए पापों का फल नहीं भोगना पड़ता, पापों का नष्ट होना

का सा

like, resembling

कैसा

किस आकार या रंग-रूप का।

कैसे

किस अभिप्राय या उद्देश्य से, किस लिए क्यों, जैसे-कैसे आना हुआ

कैसी

क्या

किसी को

किसी एक मार्ग पर, समझे-बूझे व्यक्ति को, प्रिय को

किसी का

(کنایۃً) معشوق کا

क़िस्सा

ककड़ी, खीरा

क़िस्सा

कथा, आख्यान, दास्ताँ, कहानी, अफ़साना

क़िस्सा

कथा, आख्यान, दास्ताँ, कहानी, अफ़साना

कशा

लकड़ी या धात का छोटा टुकड़ा जिसे किताब पर निशान के तौर पर रखते हैं

कशी

रेशम जिस से कढ़ाई की जाती है

कोई सा

कई में से एक, कोई

कोई सी

कोई, किसी प्रकार की

कैसे हो

क्या हाल है, मिज़ाज कैसा है

कैसा ही

howsoever, of whatsoever sort, in whatsoever manner

कैसी ही

कितनी ही, कितनी भी, चाहे जिस तरह की

कैसी-हो

बहुत बुरा हो, बुरा नतीजा हो, तमाशा हो

किसी से

from anyone

किस से

whom? from whom?

कैसी धड़ पट उड़ी

ज़लील हुआ, ख़ूब पीटा

किसी के टुकड़ों पर पड़ना

sponge on

किसी चीज़ का धुवाँ उड़ाना

किसी चीज़ को ख़ाक में मिलाना, आग में झोंकना, किसी चीज़ को धुआँ धुआँ कर देना

किसी चीज़ के लिए कोई चीज़ छोड़ना

Abandon something in favour of something

दाना खाय न पानी पीवे, वह आदमी कैसे जीवे

कोई खाए पिए बिना कैसे जीवित रह सकता है

किसी की धूल उड़ा देना

मिस्मार और बर्बाद कर देना, ख़ाक में मिला देना, मलियामेट कर देना, गर्द बार कर देना

किसी का लड़का कोई मन्नत माने

किसी के घर बच्चा हो कोई ख़ुशी करे, किसी का काम बने कोई ख़ुश हो

सिवय्याँ बिन 'ईद कैसी

ख़ुशी ही की तक़रीब में ख़ुशी अच्छी मालूम होती है, ख़ुशी की तक़रीब बगै़र पकवान के फीकी मालूम होती है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जीवड़ा कैसा है

स्वभाव कैसा है

कैसी धरपट उड़ी

ख़ूब पिटा, अपमानित किया गया, ज़लील हुआ

किसी से साई कसी को बधाई

उस व्यक्ति के बारे में बात करते हैं जो प्रतिज्ञा तोड़ता है और झूठ बोल कर काम किसी और के लिए करता है

लड़की तेरा ब्याह कर दें, कहा मैं कैसे कहूँ

जहाँ किसी चीज़ की इच्छा हो परंतु कह न सकें वहाँ बोलते हैं

किसी के मुँह पर चढ़ना

किसी के बराबर होना, सामना करना

ज़मीन पर किसी के नाम की शराब छिड़कना

मै नोशों में ये दस्तूर है कि पीने से पहले किसी का नाम लेकर एक आध छींटा शराब का ज़मीन पर गिरा देते हैं

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

सेवईयों बिन ईद कैसी

ईद के दिन मुसलमान सेवईयाँ पका कर खाते हैं, इस के बिना ईद मालूम नहीं होती

मुश्किल कुशा का खड़ा दौना देना

मुराद पूरी होने पर हज़रत अलेऊ की नयाज़ फ़ौरन दिलवाना , खड़ा दोना देना

ख़सम जोरू की लड़ाई किसी को न भाई

पति-पत्नी को मिलजुल कर रहना चाहिए, पति-पत्नी की लड़ाई सबको नापसंद है

कौन किसी के आवे जावे दाना-पानी लावे

अतिथि भाग्य से आता है, जहाँ का दाना-पानी लिखा होता है वहीं जाता है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

दाना न खाए , न पानी पीवे , वो आदमी कैसे जीवे

जो खाए पीए नहीं वो कैसे ज़िंदा रह सकता है, जो रंज-ओ-ग़म की वजह से खाना पीना छोड़ दे ऐसे शख़्स को कहते हैं

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

आध पाव के पात्र में कैसे सेर समाय

असंभव काम संभव कैसे हो सकता है

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

क़ज़िय्या-ए-मुन'अकिसा

प्रत्युत मुक़दमा, उलटा मुक़दमा, वह मुक़दमा जो प्रतिवादी के विरुद्ध हो, तर्कशास्त्र में प्रथम को द्वितीय और द्वितीय को प्रथम प्रतिवादी इस तरह करना कि अस्ली स्वीकार्यता और अस्वीकार्यता एवं स्त्यता निरंतर बनी रहे न कि अस्ली पूर्ण या आंशिक असत्य बने रहें

नटनी बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

किसी के टुकड़ों पर पलना

बिना अधिकार के दूसरों की रोटियाँ खाना, ग़रीबी के कारण दूसरे की रोटियाँ खाना, दूसरे के घर खाना

किसी की आग में पड़ना

दूसरे शख़्स की मुसीबत अपने सर लेना और किसी मुसीबत में शरीक होना, हमदर्दी करना, दूसरे की मुसीबत में साथ देना

काैवे कोसा करें खेत पक्का करें

۔मिसल। जब कोई शख़्स किसी को नाहक़ बददुआ दे इस महल पर बोलते हैं यानी नाहक़ की बददुआ का कुछ असर नहीं

किसी को उड़ाना

۱ . किसी की बात को हंसी में टालना, मज़ाक़ उड़ाना, बहिकाना, किसी को बहका कर ले जाना, वरग़ला कर निकाल ले जाना , ग़ायब कर देना

कौवों के कोसे ढोर नहीं मरते

बद्दुआ देने से किसी को नुक़सान नहीं होता

कोई किसी की आग में नहीं पड़ता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

वही कासा वही आश

हालत साबिक़ा में कोई तग़य्युर नहीं, नतीजा हसब-ए-साबिक़ निकला

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