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may

इम्कान ज़ाहिर करना

मई

ईसवी सन का पाँचवाँ महीना जो अप्रैल के उपरांत और जून से पहले आता है

my

मेरे

मियाँ

स्त्री का पति, स्वामी, मालिक सादात यानी सय्यद बिरादरी के पुरुषों के नाम के बाद लगाया जानेवाला आदरसूचक शब्द

मियों

मियाऊं, बिल्ली की आवाज़

भाई-मियाँ

بھائی سے خطاب کا کلمہ.

मियाँ-भाई

बड़ा भाई

मू-ए-मियाँ

(फ) मुज़क्कर। पतली कमर।

मैया-जाई

رک : ماں جائی جو فصیح ہے ، بہن جو ماں کے پیٹ سے ہو ۔

मायाँ

अकबरी काल की एक प्रकार की ऊनी, रेशमी चादर जो लाहौर में तैयार की जाती थी

मायों

शादी ब्याह की एक रस्म जिस में शादी से कुछ दिन पहले दुल्हन को घर में पीले रंग के कपड़े पहनाकर उबटन आदि लगाकर घर में बैठा दिया जाता है और कभी-कभी दूल्हा वाले भी दूल्हा को अपने घर में इसी तरह बैठा देते हैं

मैया-जाया

رک : ماں جایا جو فصیح ہے ، بھائی جو ماں کے پیٹ سے ہو ۔

माई-जाई

सगी बहन

मियाँ-जी

पाठशाला में पढ़ाने वाला आचार्य, अध्याप, गुरु, उस्ताद

मेरा मियाँ

मेरे प्यारे, मेरे अज़ीज़, छोटों को प्यार से मुख़ातब करते वक़्त मुस्तामल

बड़े मियाँ

बड़े-बूढ़े अजनबी या मुलाज़िम आदि से संबोधित करने का शब्द

मियाँ वाली

शादीशुदा औरत

बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे मियाँ सुबहानल्लाह

बड़ों का क्या वर्णन छोटे उन से भी अधिक शरारती या बुराई में लिप्त हैं

अल्लाह मियाँ के पिछवाड़े

the back of beyond, a very faraway place

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर

आज़ाद और ख़ुद सर शख़्स

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर धौकड़ी

زور آوری ، دریدہ دہنی.

अल्लाह मियाँ के बड़े ब bड़े हाथ

भगवान की कृपा और दया अनंत है, निराश मत होइए, वह कल्याण का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर धौंकड़ी

زور آوری ، دریدہ دہنی.

कमावें मियाँ ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ावें मियाँ फ़हीम

दौलत कोई कमाए ओर ख़र्च कोई करे, फ़हीम ख़ानख़ाना का ग़ुलाम था, और बहुत दानी था

आप मियाँ मँगता, बाहर खड़ा दरवेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

डेढ़ बकाइन मियाँ बाग़ में

उस छोटे और गंदी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए बोलते हैं जो थोड़ी पूँजी पर इतराता है

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर धींगा

زور ، زبردستی ، ہیکڑی ، دِھینگا دھینگی.

आप मियाँ नंगे, बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

आप मियाँ माँगते बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

आप मियाँ मँगते बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

आप मियाँ मंगते, बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

लंगड़े ने चोर पकड़ा, दौड़ियो अंधे मियाँ

एक हास्यजनक बात, अंधा न तो चोर ही पकड़ सकता है और न लंगड़ा दौड़ ही सकता है

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

मियाँ का दम और किवाड़ की जोड़ी

अत्यधिक निर्धनता प्रकट करने को कहते हैं, घर में कुछ नहीं है, बहुत ग़रीब है

आप ही मियाँ मंगते बाहर खड़े दरवेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

लड़का जने बीवी और पट्टी बाँधे मियाँ

दुख भरे कोई और लाभ उठाए कोई, एक दुख उठाए दूसरा मज़ा उड़ाए

कमावें ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ावें मियाँ फ़हीम

कमाए कोई और उसे उड़ाए कोई और दूसरे के माल पर गलच्छ्াरे उड़ाने वाले की निसबत बोलते हैं

बाले मियाँ की छड़ियाँ

ऊपरी सिरे पर बालू का गुच्छा बाँध कर तैयार किया हुआ झंडा जो बाले मियाँ के उर्स के अवसर पर घुमाने के लिए बनाया जाता है

धी मुई, जँवाई चोर

बेटी की मृत्यु हो जाए तो दामाद के साथ कोई संबंध नहीं रहता

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुथना नाड़ा बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

तीन पेड़ बकाइन के मियाँ बाग़बान

जब कोई थोड़ी चीज़ पर बहुत इतराए और डींग मारे, तो कहते हैं

ग़ाज़ी मियाँ दम मदार

(शाह मदार के अक़ीदत मंदों का नारा) मकन पर में शाह मदार दफ़न हैं जिन का इंतिक़ाल १४३३-ए-में हुआ, वहां के फ़ुक़रा अक्सर दम मदार अली उल-ऐलान कहते हैं

बाले मियाँ की छड़

ऊपरी सिरे पर बालू का गुच्छा बाँध कर तैयार किया हुआ झंडा जो बाले मियाँ के उर्स के अवसर पर घुमाने के लिए बनाया जाता है

कमाएँ मियाँ ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ाएँ मियाँ फ़हीम

The master earns money, but his slave dissipates it.

छोटे से ग़ाज़ी मियाँ, बड़ी सी दुम

साधारण स्थिति का परंतु ख़र्चे अधिक, छोटी डील और लंबी दाढ़ी

मियाँ आवे दाैड़ के , दुश्मन की छाती तोड़ के

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

धोबी रोए धुलाई को , मियाँ रोएँ कपड़ों को

नादहिंदों की निसबत कहा करते हैं

थोड़ा करें ग़ाज़ी मियाँ , बहुत करें दफ़ाली

तारीफ़ करने वाले बेबुनियाद शौहरत देते हैं, ख़ुशामदी बढ़ चढ़ कर बातें बनाते और झूटी तारीफ़ें करते हैं, पैरों से बढ़ कर मुरीद चालाक होते हैं

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ा और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

घर न द्वार मियाँ महल्ले-दार

बेजा शेखी मारने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

लड़का जने बीवी और पट्टी बाँधें मियाँ

दुख भरे कोई और लाभ उठाए कोई, एक दुख उठाए दूसरा मज़ा उड़ाए

लड़के जने बीवी और पट्टी बाँधें मियाँ

दुख भरे कोई और फ़ायदा कोई उठाए

धी मुई, जँवाई चोर, उड़ गई तीतरियाँ उड़ गये मोर

बेटी की मृत्यु हो जाए तो दामाद के साथ कोई संबंध नहीं रहता

माया-दार

पूँजीवाला, धनी, मालदार, जो मालामाल हो

ख़ान-ए-ख़ानाँ की कमाई मियाँ फ़हीम ने उड़ाई

उस अवसर पर बोलते हैं जब पराया माल अंधाधुंध ख़र्च किया जाए

माए'

हर बहनेवाला पदार्थ, द्रव, तरल

तीन पेड़ बकाइन के और मियाँ चले बाग़ में

रुक : तीन पेड़ बकाएं के मियां बाग़बान

सदा मियाँ घोड़े ही तो ख़रीदा करते हैं

जब कोई शख़्स अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और ताली की लेता है तो अज़राह-ए-तंज़ कहते हैं शेखी ख़ोरे पर तंज़ है

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इम्कान ज़ाहिर करना

मई

ईसवी सन का पाँचवाँ महीना जो अप्रैल के उपरांत और जून से पहले आता है

my

मेरे

मियाँ

स्त्री का पति, स्वामी, मालिक सादात यानी सय्यद बिरादरी के पुरुषों के नाम के बाद लगाया जानेवाला आदरसूचक शब्द

मियों

मियाऊं, बिल्ली की आवाज़

भाई-मियाँ

بھائی سے خطاب کا کلمہ.

मियाँ-भाई

बड़ा भाई

मू-ए-मियाँ

(फ) मुज़क्कर। पतली कमर।

मैया-जाई

رک : ماں جائی جو فصیح ہے ، بہن جو ماں کے پیٹ سے ہو ۔

मायाँ

अकबरी काल की एक प्रकार की ऊनी, रेशमी चादर जो लाहौर में तैयार की जाती थी

मायों

शादी ब्याह की एक रस्म जिस में शादी से कुछ दिन पहले दुल्हन को घर में पीले रंग के कपड़े पहनाकर उबटन आदि लगाकर घर में बैठा दिया जाता है और कभी-कभी दूल्हा वाले भी दूल्हा को अपने घर में इसी तरह बैठा देते हैं

मैया-जाया

رک : ماں جایا جو فصیح ہے ، بھائی جو ماں کے پیٹ سے ہو ۔

माई-जाई

सगी बहन

मियाँ-जी

पाठशाला में पढ़ाने वाला आचार्य, अध्याप, गुरु, उस्ताद

मेरा मियाँ

मेरे प्यारे, मेरे अज़ीज़, छोटों को प्यार से मुख़ातब करते वक़्त मुस्तामल

बड़े मियाँ

बड़े-बूढ़े अजनबी या मुलाज़िम आदि से संबोधित करने का शब्द

मियाँ वाली

शादीशुदा औरत

बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे मियाँ सुबहानल्लाह

बड़ों का क्या वर्णन छोटे उन से भी अधिक शरारती या बुराई में लिप्त हैं

अल्लाह मियाँ के पिछवाड़े

the back of beyond, a very faraway place

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर

आज़ाद और ख़ुद सर शख़्स

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर धौकड़ी

زور آوری ، دریدہ دہنی.

अल्लाह मियाँ के बड़े ब bड़े हाथ

भगवान की कृपा और दया अनंत है, निराश मत होइए, वह कल्याण का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर धौंकड़ी

زور آوری ، دریدہ دہنی.

कमावें मियाँ ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ावें मियाँ फ़हीम

दौलत कोई कमाए ओर ख़र्च कोई करे, फ़हीम ख़ानख़ाना का ग़ुलाम था, और बहुत दानी था

आप मियाँ मँगता, बाहर खड़ा दरवेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

डेढ़ बकाइन मियाँ बाग़ में

उस छोटे और गंदी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए बोलते हैं जो थोड़ी पूँजी पर इतराता है

मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

धीं धौकड़ अल्लाह मियाँ नौकर धींगा

زور ، زبردستی ، ہیکڑی ، دِھینگا دھینگی.

आप मियाँ नंगे, बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

आप मियाँ माँगते बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

आप मियाँ मँगते बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

आप मियाँ मंगते, बाहर खड़े दर्वेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

लंगड़े ने चोर पकड़ा, दौड़ियो अंधे मियाँ

एक हास्यजनक बात, अंधा न तो चोर ही पकड़ सकता है और न लंगड़ा दौड़ ही सकता है

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

मियाँ का दम और किवाड़ की जोड़ी

अत्यधिक निर्धनता प्रकट करने को कहते हैं, घर में कुछ नहीं है, बहुत ग़रीब है

आप ही मियाँ मंगते बाहर खड़े दरवेश

जब ख़ुद ही निर्धन एवं कंगाल हैं तो औरों को क्या देंगे, अपनी सहायता कर नहीं पाते दूसरों की सहायता क्या करेंगे

लड़का जने बीवी और पट्टी बाँधे मियाँ

दुख भरे कोई और लाभ उठाए कोई, एक दुख उठाए दूसरा मज़ा उड़ाए

कमावें ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ावें मियाँ फ़हीम

कमाए कोई और उसे उड़ाए कोई और दूसरे के माल पर गलच्छ्াरे उड़ाने वाले की निसबत बोलते हैं

बाले मियाँ की छड़ियाँ

ऊपरी सिरे पर बालू का गुच्छा बाँध कर तैयार किया हुआ झंडा जो बाले मियाँ के उर्स के अवसर पर घुमाने के लिए बनाया जाता है

धी मुई, जँवाई चोर

बेटी की मृत्यु हो जाए तो दामाद के साथ कोई संबंध नहीं रहता

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुथना नाड़ा बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

तीन पेड़ बकाइन के मियाँ बाग़बान

जब कोई थोड़ी चीज़ पर बहुत इतराए और डींग मारे, तो कहते हैं

ग़ाज़ी मियाँ दम मदार

(शाह मदार के अक़ीदत मंदों का नारा) मकन पर में शाह मदार दफ़न हैं जिन का इंतिक़ाल १४३३-ए-में हुआ, वहां के फ़ुक़रा अक्सर दम मदार अली उल-ऐलान कहते हैं

बाले मियाँ की छड़

ऊपरी सिरे पर बालू का गुच्छा बाँध कर तैयार किया हुआ झंडा जो बाले मियाँ के उर्स के अवसर पर घुमाने के लिए बनाया जाता है

कमाएँ मियाँ ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ाएँ मियाँ फ़हीम

The master earns money, but his slave dissipates it.

छोटे से ग़ाज़ी मियाँ, बड़ी सी दुम

साधारण स्थिति का परंतु ख़र्चे अधिक, छोटी डील और लंबी दाढ़ी

मियाँ आवे दाैड़ के , दुश्मन की छाती तोड़ के

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

धोबी रोए धुलाई को , मियाँ रोएँ कपड़ों को

नादहिंदों की निसबत कहा करते हैं

थोड़ा करें ग़ाज़ी मियाँ , बहुत करें दफ़ाली

तारीफ़ करने वाले बेबुनियाद शौहरत देते हैं, ख़ुशामदी बढ़ चढ़ कर बातें बनाते और झूटी तारीफ़ें करते हैं, पैरों से बढ़ कर मुरीद चालाक होते हैं

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ा और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

घर न द्वार मियाँ महल्ले-दार

बेजा शेखी मारने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

लड़का जने बीवी और पट्टी बाँधें मियाँ

दुख भरे कोई और लाभ उठाए कोई, एक दुख उठाए दूसरा मज़ा उड़ाए

लड़के जने बीवी और पट्टी बाँधें मियाँ

दुख भरे कोई और फ़ायदा कोई उठाए

धी मुई, जँवाई चोर, उड़ गई तीतरियाँ उड़ गये मोर

बेटी की मृत्यु हो जाए तो दामाद के साथ कोई संबंध नहीं रहता

माया-दार

पूँजीवाला, धनी, मालदार, जो मालामाल हो

ख़ान-ए-ख़ानाँ की कमाई मियाँ फ़हीम ने उड़ाई

उस अवसर पर बोलते हैं जब पराया माल अंधाधुंध ख़र्च किया जाए

माए'

हर बहनेवाला पदार्थ, द्रव, तरल

तीन पेड़ बकाइन के और मियाँ चले बाग़ में

रुक : तीन पेड़ बकाएं के मियां बाग़बान

सदा मियाँ घोड़े ही तो ख़रीदा करते हैं

जब कोई शख़्स अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और ताली की लेता है तो अज़राह-ए-तंज़ कहते हैं शेखी ख़ोरे पर तंज़ है

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