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पड़ी
चुपचाप पड़े या सोये रहने की अवस्था या भाव
पड़ी है
धुन है, चाहत है, चिंता है
ले पड़ो धे पड़ो
حکمتِ عملی سے دوسروں کا مال دبا بیٹھنے والا .
पड़े पड़े चारपाई से लग जाना
बीमारी की वजह से लेटे लेटे उठने के काबिल ना रहना
राह पड़े जानए या बाह पड़े जानए
आदमी की अस्लियत हमसफ़र होने या वास्ता पड़ने से मालूम होती है
पेड़ू
शरीर का नाभि से नीचे और उपस्थ (जननेंद्रिय) से ऊपर का भाग, नाभि और मूत्रेंद्रिय के बीच का स्थान
भले बाबा बंद पड़ी गोबर छोड़ कशीदे पड़ी
एक के बाद दूसरी मुश्किल में पड़ना, एक मुसीबत से बच्ची तो दूसरी में पड़ी
खड़ा बनिया पड़े बराबर , पड़ा बनिया मरे बराबर
काहिल इंसान की निसबत कहते हैं कि बेकार खड़ा हुआ आदमी लेटे हुए आदमी की तरह होता है और बे कार लेटे-ए-हुए आदमी शुमार मुरदों में करना चाहिए
भाड़ में पड़ो
एक कोसना, ग़ारत जाये, फ़ना हो, बर्बाद हो
भाड़ में पड़े
एक कोसना, ग़ारत जाये, फ़ना हो, बर्बाद हो
ज़बान झड़ पड़े
(श्राप) मुँह में ज़बान न रहे, बोलने के योग्य न रहे
खाँडा बाजे रन पड़े दाँता बाजे घर पड़े
तलवारें चलीं तो युद्ध होता है, झगड़ा हो तो घर ख़राब होता है
चिकने घड़े पर बूँद पड़ी और फिसल पड़ी
रुक : चिकना घड़ा बोन पड़ी अलख
पड़ा सड़ना
कहीं-कहीं महानगरीयता की स्थिति में रहना
पेड़ा तोड़ना
गुँधे हुए आटे में से एक रोटी के लायक़ लुगदी उठाना, लोई बनाना
पेड़ू फड़काना
(महिला का चलते हुए या नाचते हुए) पेड़ू को उभरना या हिलाना
पड़ा-पड़
जूतियाँ या थप्पड़ मारने की आवाज़, लगातार मार पड़ने की आवाज़
कीड़े पड़ें
(बददुआ) गले, सड़े बर्बाद हो, नाकारा हो जाये
दाँता बाजे घर पड़े और हाँसा बाजे रन पड़े
बड़बोलेपन से घर में झगड़ा और हँसी-मज़ाक़ से दोस्तों में दुश्मनी हो जाती है
खाँडा बाजे रन पड़े और दाँता बाजे घर पड़े
तलवारें चलीं तो युद्ध होता है, झगड़ा हो तो घर ख़राब होता है
इंचा-खिंचा वो पड़े जो पराए बीच में पड़े
जो ज़िम्मेदार बने या दूसरों के झगड़े में पड़े उस को परेशानी उठानी पड़ती है
रोटी पड़ी मुँह में ज़ात पड़ी गुह में
रोओ पिया किसी तरह हाथ आ जाये कुछ पर्वा नहीं
ज़ात पड़ी खोह में और रोटी पड़ी मुँह में
जो व्यक्ति रुपए के आगे शालीनता का मुल्य न जाने
चादर-ए-ग़फ़लत पड़ी होना
बिलकुल लापरवाह होना, एकदम असूचित होना, कुछ मालूम न होना
गढ़े पड़े वक़्त का टुकड़ा
۔ اس چیز کو کہتے ہیں جو مصیبت کے وقت کام آئے۔ دیکھو گرتا پڑتا۔ گرپڑنا۔
इंचा खिचा वो पड़े जो पराए बीच में पड़े
जो दूसरों की बातों में हस्तक्षेप करे उसे मारा मारा फिरना पड़ता है, दूसरों की बातों में हस्तक्षेप करने वाले को परेशानी उठानी पड़ती है
खड़ पड़ा कर
۔کھڑبڑا کرکے۔ گھبرا کر۔ سب کے سب چار پائیوں سے کھڑبڑا کر اُٹھ بیٹھے۔
पड़ी हुई आवाज़
۔ وہ آواز جو گلے سے صاف صاف نہ نکلے۔
खड़ा तख़्ता पड़ा शहतीर
खड़ा तख़्ता, पड़ा हुआ बीम, दोनों ताक़त में बराबर होते हैं, सीधी क्षैतिज स्थिति में तख़्ता और लेटी हुई स्थिति में बीम: अनिच्छुक और आराम पसंद व्यक्ति
पड़े भाड़ चूलहे में
ख़त्म होजाए, दूर हा जाये, मिट जाये, बर्बाद हो जाये (ग़ुस्सा में कहते हैं)
पाँसा पड़े अनाड़ी जीते
जोय में हार जीत पाँसा पड़ने पर है इस पर खेलने वाले की महारत या अनाड़ी पन का कोई असर नहीं पड़ता
पड़ा शहतीर खड़ा तख़्ता
(دونوں) طاقت میں یکساں ہوتے ہیں.
उल्टी पड़े, सीधी पड़े
ख़ुदा जाने नतीजा अच्छा हो या बुरा
पहाड़ दिन पड़ा होना
बहुत परेशानी होना, बहुत दिक़्क़त होना
अड़या पड़ी रहना
बेसहारा होना, खाने-पीने को कुछ न होना
खड़ा पड़ा पीटना
(बेचैनी की स्थित में) खड़े और पड़े दोनों प्रकार से अपने शरीर पर दौहित्र मारना, मातम करना
भूईं पड़ी साह की दव्वानी
अमीर आदमी जो चाहे दावा करे सब बजा है
गिरे पड़े वक़्त का टुकड़ा
उस चीज़ को कहते हैं जो मुसीबत के वक़्त काम आए
अड़े दड़े क़ाज़ी के सर पड़े
मुसीबत किस की किस को उठाना पड़ा
अड़ी दड़ी क़ाज़ी के सर पड़ी
मुसीबत किस की किस को उठाना पड़ा
अड़ी धड़ी क़ाज़ी के सर पड़ी
पराई बला अपने सर पड़ी, दूसरे की परेशानी उठानी पड़ी, किसी काम की भलाई एवं बुराई मुख्य आदमी के सर आ कर पड़ती है
अशराफ़ पाँव पड़े कमीना सर चढ़े
noble man's gentleness instigates wicked men's evil
रोज़े छुड़ाने गए नमाज़ गले पड़ी
जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं
लड़ाई में लड्डू पेड़े नहीं बटते
रुक : लड़ाई में लड्डू नहीं बटते
दौड़ चले न अखट पड़े
यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए
चिकना घड़ा बूँद पड़ी फिसल गई
निर्लज्ज को लाज नहीं आती, निर्लज्ज परवाह नहीं करता
चिकना घड़ा बूँद पड़ी ढल गई
निर्लज्ज को लाज नहीं आती, निर्लज्ज परवाह नहीं करता
लंगट पड़े अघाड़ के पाले
दोनों एक जैसे हैं, दोनों एक समान हैं, दोनों यकसाँ हैं, जैसे को तैसा
कब मुवा कब कीड़े पड़े
बहुत लंबा काम है जल्द नहीं हो सकता
नमाज़ बख़्शवाने आए, रोज़े गले पड़े
एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश में उससे मुश्किल दूसरा भी लग जाए तो कहते हैं
नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े
एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की दूसरा उससे मुशिकल गले पड़ जाए तो कहते हैं