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कुल्लु तवीलिन अहमक़ व कुल्लु क़सीरिन फ़ित्नतुन
हर लंबे क़द वाला मूर्ख होता है और हर नाटे क़द वाला आदमी फ़सादी होता है (अरबी कहावत उर्दू में प्रचलित)
कुल्लु नफ़्सिन ज़ाइक़त-उल-माैत
(पवित्र क़ुरआन का एक वाक्य जो लोकोक्ति के रूप प्रयुक्त है) हर आत्मा को मृत्यु का स्वाद चखना होगा, हर जानदार की मृत्यु निश्चित है
कुल्लु तवीलिन अहमक़ इल्ला 'उमर
(अरबी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) हज़रत उमर के अलावा हर लंबे डील-डौल वाला व्यक्ति का आदमी मूर्ख है
कुल्लु इनाइन यतरश्शिहु बिमा फ़ीह
(अरबी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) हर बर्तन से वही चीज़ टपकती है जो इस में होती है, इस क़ौल से अक्सर ये मुराद होती है कि जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है या जो जैसा होता है वैसा काम करता है
कुल्लु-जदीदिन-लज़ीज़ुन
(अरबी फ़िक़रा उर्दू में मुस्तामल) हर नई चीज़ मज़ेदार मालूम होती, नई चीज़ में बहुत लुतफ़ आता है
कुल्लु-अमरिन मरहूनुन ब-औक़ातिही
अरबी वाक्य उर्दू में प्रयुक्त, हर कार्य अपने समय के साथ निर्धारित कर दिया गया है अर्थात हर एक कार्य का एक निर्धात समय है
कुल्लु क़लीलिन-फ़ित्नतुन इल्ला 'अली
(अरबी कहावत उर्दू में प्रचलित) हज़रत अली के अलावा हर छोटे डील-डौल का आदमी फ़ित्ना है
कोलों का गुल
कोला पीस कर इस में चावलों की पीच मिला कर टिकिया बना कर सुखा कर लेते हैं ये बहुत जल्द आग पकड़ लेता है
कुल्लु मन 'अलैहा फ़ान
(करानी आयात बतौर कहावत मुस्तामल) हर चीज़ को जो रोय ज़मीन पर है फ़ना ज़रूरी है, रोय ज़मीन पर जो चीज़ है वो फ़ानी है
अल-क़ौलु-बिल-मूजब
(لفظاً) وہ بات جو مفروض یا لازم کر لی جائے ، (علم بدیع) کلام میں لطف پیدا کرنے کے لیے کسی لفظ کے معنی لوگوں کی مراد کے خلاف لینا ، جیسے : (شعر) :ـــ آنکھ لگتی ہے تو کہتے ہیں کہ نیند آتی ہے ، آنکھ اپنی جو لگی چین نہیں خواب نہیں ـــ لوگوں کی مراد آنکھ لگنے سے نیند آنا ہوتی ہے اور قائل نے دوسرے مصرعے میں آنکھ لگنے کے معنی عاشق ہونا مراد لیے ہیں
अपना क़ुल्ला शजरा रख छोड़ो
(क्रोधित हो कर किसी की दी हुई वस्तु या पद वापस करते समय) हम संबंध-विच्छेद करते हैं या , तुम्हारा काम या तुम्हारी वस्तु तुम्हारे हवाले
'अक़ीला
अक़ील का स्त्री., अपनी जाति की नेता, हर अच्छी चीज़ श्रेष्ठतम, बरगुज़ीद, पर्दानशीन स्त्री, बुद्धिमती, आक़िल
मजाज़-ए-अक़ली
(علم معانی) وہ جملہ جس میں فعل یا معنی فعل کو ایسی چیز کی طرف نسبت کریں جو اس کے ساتھ متصف نہ ہو مثلاّ فعل معروف ہو تو غیر فاعل کی طرف اور مجہول ہو تو غیر مفعول بہ کی طرف نسبت کی جائے ۔۔۔۔۔ ؛ جیسے :
ज़ू-अल-'अक़्ली
(सूफ़ीवाद) उस व्यक्ति को कहते हैं जो सृष्टि को स्पष्ट और सत्य को भीतर से देखे, उस समय उसके निकट सत्य सृष्टि का दर्पण होगा और वह छुपा होगा जैसे रूप के कारण दर्पण छुपा होता है या स्वतंत्र कारणों के साथ क़ैदी प्यारा होता
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