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तुझे

तुझको, तेरा, आपका, 'तू' का वह रूप जो उसे द्वितीया और चतुर्थी की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है

तुझे क्या

तुझे क्या मतलब

तुझे और की क्या पड़ी, अपनी सँभाल

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

तुझे गहरी गोर में तोपूँ

(ओ) कोसना, तो मर जाये

तुझे और की क्या पड़ी, अपनी निबाह

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

तुझे मुझे करना

इस का इस का या एरे ग़ैरे का नाम लेना

तुझे पराई क्या पड़ी तू अपनी नबेड़

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

तुझे पराई क्या पड़ी, अपनी नबेड़ तू

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

टूम बइयर की पत बंधावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

टूम बइयर की पत बढ़ावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

मोहे और न तुझे ठोर

तेरे बिन मुझे और मेरे बिन तुझे कल नहीं, ना तो मुझ ही को दूसरा मिलता है और ना तुझ को ही दूसरा ठिकाना है

मुझे ओर न तुझे ठोर

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझे और तुझे ठौर

मुझे तेरे बगै़र और तुझे मेरे बगै़र चैन नहीं

तू तेली का बैल तुझे क्या सेर, लगा रह घास से

जो व्यक्ति हर समय काम में लगा रहे उसे व्यंग के रूप में कहते हैं

तू तेजी का बैल तुझे क्या सेर, लगा रह घानी से

जो व्यक्ति हर समय काम में लगा रहे उसे व्यंग के रूप में कहते हैं

तू तेली का बैल तुझे क्या सेर, लगा रह घानी से

जो व्यक्ति हर समय काम में लगा रहे उसे व्यंग के रूप में कहते हैं

कुत्तों को दूँ पर तुझे न दूँ

चीज़ बर्बाद की जा सकती है, लेकिन दुश्मन को नहीं दी जा सकती, जिसे कोई चीज़ देने को दिल न चाहे और वो ज़िद करे तो कहते हैं

टूम 'औरत की पत बढ़ावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

मोहे गिन , मोहे गिन , तुझे कौन गिने

कोई पूछे या ना पूछे मगर आप दख़ल दिए जाना, ख़्वाहमख़्वाह किसी बात या काम में पांव उड़ाना, दख़ल दर माक़ूलात

जा तुझे देख लिया

now I/we know what you are!

औधू तुझे द्वारका जाने

तुम जैसे हो हम तुम्हें ख़ूब जानते हैं

मेरा बस चले तो तुझे कच्चा खा जाऊँ

अत्यधिक क्रोध की हालत में कहते हैं

मुझे ओर नहीं तुझे ठोर नहीं

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

तू गधी कुम्हार की तुझे राम से कोथ

अपनी हैसियत को देखो, अपने जामे में रहो, जैसी हैसियत है ऐसे ही बात करो

उसी राह चल तू जो गुरु तुझे बताय, जो विद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाय

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

आ बैल मुझे ढकोस नहीं तो मैं तुझे ढकोसूँ

मुसीबत को आमंत्रित करना

मैं तुझे चाहूँ और तू काले ढींग को

जब कोई किसी को बुरे काम से रोके या मन' करे और वो न रुके तो कहते हैं

उसी राह पर तू चाल तुझे जो गुरू बताए, जो बिद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाए

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

तू गधी कुम्हार की तुझे राम से क्या काम

अपनी हैसियत को देखो, अपने जामे में रहो, जैसी हैसियत है ऐसे ही बात करो

आ बैल मुझे भकोस नहीं तो मैं तुझे भकोसूँ

मुसीबत को आमंत्रित करना

कपड़ा कहे तू मुझे कर तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

बीवी बीवी 'ईद आई, चल दूर तुझे अपनी दाल टिकिया से काम

दुनिया के भोग विलास से ग़रीबों का क्या वास्ता

बीवी बीवी 'ईद आई, चल मुरदार तुझे अपनी दाल टिकिया से काम

दुनिया के भोग विलास से ग़रीबों का क्या वास्ता

सास री सास तुझे पेट का दुख, पहले चूल्हा ही याद आया

बड़ी बूढ़ी औरतें जब किसी नए मकान में जाएं तो पहले चूल्हे की जगह देखती हैं

कपड़ा कहता है तू कर मुझे तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

कभी न पूजी द्वारका कभी न करवे चौत तू गधी कुम्हार की तुझे राम से कोत

ना तजुर्बा कार से काम दरुस्त नहीं होरा, औक़ात से ज़्यादा काम ना करना चाहिए

कभी न पूजी द्वारका कभी न करवा चौत तू गधी कुम्हार की तुझे राम से कोत

ना तजुर्बा कार से काम दरुस्त नहीं होरा, औक़ात से ज़्यादा काम ना करना चाहिए

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तुझे

तुझको, तेरा, आपका, 'तू' का वह रूप जो उसे द्वितीया और चतुर्थी की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है

तुझे क्या

तुझे क्या मतलब

तुझे और की क्या पड़ी, अपनी सँभाल

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

तुझे गहरी गोर में तोपूँ

(ओ) कोसना, तो मर जाये

तुझे और की क्या पड़ी, अपनी निबाह

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

तुझे मुझे करना

इस का इस का या एरे ग़ैरे का नाम लेना

तुझे पराई क्या पड़ी तू अपनी नबेड़

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

तुझे पराई क्या पड़ी, अपनी नबेड़ तू

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

टूम बइयर की पत बंधावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

टूम बइयर की पत बढ़ावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

मोहे और न तुझे ठोर

तेरे बिन मुझे और मेरे बिन तुझे कल नहीं, ना तो मुझ ही को दूसरा मिलता है और ना तुझ को ही दूसरा ठिकाना है

मुझे ओर न तुझे ठोर

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझे और तुझे ठौर

मुझे तेरे बगै़र और तुझे मेरे बगै़र चैन नहीं

तू तेली का बैल तुझे क्या सेर, लगा रह घास से

जो व्यक्ति हर समय काम में लगा रहे उसे व्यंग के रूप में कहते हैं

तू तेजी का बैल तुझे क्या सेर, लगा रह घानी से

जो व्यक्ति हर समय काम में लगा रहे उसे व्यंग के रूप में कहते हैं

तू तेली का बैल तुझे क्या सेर, लगा रह घानी से

जो व्यक्ति हर समय काम में लगा रहे उसे व्यंग के रूप में कहते हैं

कुत्तों को दूँ पर तुझे न दूँ

चीज़ बर्बाद की जा सकती है, लेकिन दुश्मन को नहीं दी जा सकती, जिसे कोई चीज़ देने को दिल न चाहे और वो ज़िद करे तो कहते हैं

टूम 'औरत की पत बढ़ावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

मोहे गिन , मोहे गिन , तुझे कौन गिने

कोई पूछे या ना पूछे मगर आप दख़ल दिए जाना, ख़्वाहमख़्वाह किसी बात या काम में पांव उड़ाना, दख़ल दर माक़ूलात

जा तुझे देख लिया

now I/we know what you are!

औधू तुझे द्वारका जाने

तुम जैसे हो हम तुम्हें ख़ूब जानते हैं

मेरा बस चले तो तुझे कच्चा खा जाऊँ

अत्यधिक क्रोध की हालत में कहते हैं

मुझे ओर नहीं तुझे ठोर नहीं

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

तू गधी कुम्हार की तुझे राम से कोथ

अपनी हैसियत को देखो, अपने जामे में रहो, जैसी हैसियत है ऐसे ही बात करो

उसी राह चल तू जो गुरु तुझे बताय, जो विद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाय

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

आ बैल मुझे ढकोस नहीं तो मैं तुझे ढकोसूँ

मुसीबत को आमंत्रित करना

मैं तुझे चाहूँ और तू काले ढींग को

जब कोई किसी को बुरे काम से रोके या मन' करे और वो न रुके तो कहते हैं

उसी राह पर तू चाल तुझे जो गुरू बताए, जो बिद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाए

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

तू गधी कुम्हार की तुझे राम से क्या काम

अपनी हैसियत को देखो, अपने जामे में रहो, जैसी हैसियत है ऐसे ही बात करो

आ बैल मुझे भकोस नहीं तो मैं तुझे भकोसूँ

मुसीबत को आमंत्रित करना

कपड़ा कहे तू मुझे कर तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

बीवी बीवी 'ईद आई, चल दूर तुझे अपनी दाल टिकिया से काम

दुनिया के भोग विलास से ग़रीबों का क्या वास्ता

बीवी बीवी 'ईद आई, चल मुरदार तुझे अपनी दाल टिकिया से काम

दुनिया के भोग विलास से ग़रीबों का क्या वास्ता

सास री सास तुझे पेट का दुख, पहले चूल्हा ही याद आया

बड़ी बूढ़ी औरतें जब किसी नए मकान में जाएं तो पहले चूल्हे की जगह देखती हैं

कपड़ा कहता है तू कर मुझे तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

कभी न पूजी द्वारका कभी न करवे चौत तू गधी कुम्हार की तुझे राम से कोत

ना तजुर्बा कार से काम दरुस्त नहीं होरा, औक़ात से ज़्यादा काम ना करना चाहिए

कभी न पूजी द्वारका कभी न करवा चौत तू गधी कुम्हार की तुझे राम से कोत

ना तजुर्बा कार से काम दरुस्त नहीं होरा, औक़ात से ज़्यादा काम ना करना चाहिए

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