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धनिक-तंत्र
आधुनिक राजनीति में, ऐसी शासन-प्रणाली, जिसमें शासन का वास्तविक सूत्र प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से देश के बड़े-बड़े धनवानों के ही हाथ में रहता हो
धुनका
खेती: खलियान पलटने की पंजशाख़ा छड़, नई ज़मीन तोड़ने का एक प्रकार का भारी हल
धुनक देना
दंड देना, भूसा करदेना, बुरी तरह से पीटना, उड़ा देना, सज़ा देना, धुनक डालना
धिनक धिना
तबले पर नृत्य की ताल का ठपका, ताल के साथ या ताल पर
धनक खिलना
रंगों के मिश्रण से सुंदरता का ज़ाहिर होना
धनक-धारी
an archer, one armed with bow.
धुनक डालना
बहुत मारना पीटना, अधिक कुटाई करना
धनिक निकलना
इंद्रधनुष आकाश पर दिखाई देना
धनक-खींचना
نقش کرنا ، بیل بُوٹے بنانا .
धुनकी
धुनियों का एक प्रकार का प्रसिद्ध उपकरण, जिससे वे रूई धुनते हैं, पिंजा, फटका
धुनक के धरना
मारना, बुरा-भला कहना; धुनाई करके रख देना
धुनकना
रूई या ऊन साफ़ करना, धुनना
धुनकिया
روئی دُھنکنے والا ، دُھنا .
धुनकी बजना
धुनने की आवाज़ सुनाई देना, मुराद लरज़िश पैदा होना
धुंकारना
दहाड़ना, चिंघाड़ना, हुँकारना
धन-कर
धान का खेत, भूमि का वह क्षेत्र जिसमें धान बोया गया हो
धुनकड़ा
तंदुरुस्त, मोटा, तगड़ा, ताक़तवर
धिंकाना
कमी बेशी के लिए झगड़ना, माँगना, लेना
धन-कुट्टी
धान कूटने का यंत्र या उपकरण, मशीन, ओखली
धन का पूरा
one who persists in efforts, one who shows perseverance, assiduous
धन का पक्का
one who persists in efforts, one who shows perseverance, assiduous
धुन का बंदा
उन्मत्त मस्त, अपनी लगन में
धुन का पूरा होना
किसी निर्णय पर कड़ाई से अडिग रहना, तत्पर, दृढ़ संकल्प वाला होना, इरादे में मजबूत होना
धन का धन गया और मीत की मीत गई
रुपया भी गया और मित्र भी गया, यदि मित्र को क़र्ज़ा दो तो यही होता है
धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ला जाड़े दिन चालीस
धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है
धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ले के दिन हैं चालीस
धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है
धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ले के यह दिन चालीस
धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है
छत्री का भगत न मूसल का धनक
मूसल का धनुष नहीं बन सकता, उसी प्रकार क्षत्रिय कभी भक्त नहीं बन सकता
नाच खिलाड़ी धिन्नक धिन्ना
बंदर नचाने वाले के बोल (किसी चिराग़-ए-पा को मज़ीद छेड़ने के लिए मुस्तामल)
छत्री का भगत, मूसला का धनक
मूसल का धनुष नहीं बन सकता, उसी प्रकार क्षत्रिय कभी भक्त नहीं बन सकता