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रैन-चैन
Luxuries or amusements of night, Life of peace and tranquility.
रेंगना
कीड़ों या सरीसृपों का शरीर को टेढ़ा-मेढ़ा करते हुए खिसकना या चलना
रेंवती
एक प्रकार का पेड़ तथा उसका सुगंधित फूल
रैन कटना
रात कटना, रात गुज़रना, रात बसर होना
रेनी
वस्तु जिससे रंग निकलता हो। रंग देने वाली वस्तु। स्त्री० [हिं० रेचा लटकाना] (रंगरेजों की) अलगनी।
रैन-बसेरा
रात बिताने का स्थान, महानगरों में गरीबों के लिए बना रात बिताने का स्थान
रैणी-बुलबुल
सारी रात चहचहाने वाला बुलबल
रैंडी-ख़ाना
(लाक्षणिक) जहाँ कोल्हू चला कर तेल निकाला जाए, कोल्हू चलाने की जगह
रेंट
श्लेष्मा मिश्रित मल जो नाक से (विशेषतः जुकाम होने पर) निकलता है
रैनी
bird that chirps at night
रेनी खींचना
(तारकश) सोने के तार को कल में डाल कर लंबा करना, बढ़ा कर तार बनाना
रेंगनी
भटकटैया, कटीला, एक कांटेदार पौधा जिसके पत्तों और शाखाओं में नुकीले कांटे होते हैं, उसका फल आँवले जितना बड़ा होता है और पत्ते हरे होते हैं, पेट की बीमारियों में उपयोगी होता है
रैंदी
دسترخوان کا ضرر ؛ کچری ، سیندھ.
रैनी चढ़ना
۱. रंग निकलना, रंग तैयार होना
रैनी चढ़ाना
भीगे हुए कुसुम को रंग निकालने के लिए कपड़े में रखकर लटकाना
रैनी टपकाना
रेनी टपकना (रुक) का मुतअद्दी
रैंधा छेड़ना
व्यर्थ और अर्थहीन बातें करना
रैंधी
دسترخوان کا ضرر ؛ کچری ، سیندھ.
रैंधा फैलाना
झगड़ा या शर्म का कार्य करना, उपद्रव मचाना
रींधना
खाना तैयार करना, किसी चीज़ को पकाना, उबालना
दिन-रैन
day and night, constantly, incessantly
नौतास-रैन
रात का पहला पहर, रात की पहली घड़ी, रात का आरंभ
सूरज ने भान उभारी, रेन घर को सिधारी
सूओरज निकला और रात ग़ायब हुई, बड़ों के सामने छोटों की कोई हस्ती नहीं, ज़बरदस्त के सामने कमज़ोर की कोई हैसियत नहीं होती
गूलर का फूल, पीपल का मद, घोड़ी की जुगाली, कभी न पावे और पावे तो रैन दिवाली
मूरख की सारी रैन चतुर की एक घड़ी
बेवक़ूफ़ पूरी रात में वह काम पूरा नहीं करता, जो समझदार क्षण में ही पूरा कर देता है
मूरक की सारी रैन चतुर की एक घड़ी
रुक : मूर्ख की सारी रैन चतर की एक घड़ी
मूरख की सारी रैन चातुर की एक घड़ी
बेवक़ूफ़ पूरी रात में वह काम पूरा नहीं करता, जो समझदार क्षण में ही पूरा कर देता है
टहल करो फ़क़ीर की देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो चुग में बिस्वा बीस
फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है
टहल करो फ़क़ीर की जो देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो जग में बिस्वा बीस
फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है