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समाज
समुदाय, समूह, गिरोह, एक जगह रहनेवाले अथवा एक ही प्रकार का काम करनेवाले लोगों का वर्ग, बहुत से लोगों का गरोह या झुंड, दल या समूह
समाजवादी
समाजवाद-संबंधी, वह जो समाजवाद का समर्थक या अनुयायी हो, साम्यवादी
समाज-साज़
معاشرے کی تعمیر کرنے والا .
समाज-वाद
यह आर्थिक तथा राजनीतिक विचार-प्रणाली कि सत्ता तथा स्वामित्व व्यक्तिगत हाथों में नहीं रहना चाहिए, बल्कि समष्टिक या सामूहिक रूप से समाज में निहित रहना चाहिए, ऐसा सिद्धांत जिसमें यह मान्यता है कि सामाजिक विषमता को दूर कर समता स्थापित करनी चाहिए; भूमि और उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व से संबंधित सामाजिक व्यवस्था का एक सिद्धांत; (सोशलिज़म)
समाज-साज़ी
सामुदायिक भवन, सामाजिक कल्याण
समाज-दुश्मन
असामाजिक, समाज विरोधी, समाज में बिगाड़ उत्पन्न करने वाला, देश और राष्ट्र के लिए हानिकारक
समाज-सुधार
समाज सुधारने का प्रक्रिया, समाज से दोश एंव कुरीतियाँ दूर करने उन्हें सुधारने का प्रयत्न, लोगों के लिए कल्याणकारी कार्य करना
समाजी-बहबूद
समाज की भलाई, सामूहिक कल्याण
समाजी-शु'उर
समाज के हालात और समस्याओं आदि की जानकारी
समाजी
पुराने समय में वह व्यक्ति जो वेश्याओं के यहाँ तबला, सारंगी आदि बजाता था, सपरदाई
समाजी-हैसिय्यत
समाज में किसी का मुक़ाम-ओ-मर्तबा
समाजत
निकृष्टता, खराबी, लज्जा, विनती, विनय, खुशामद, गिड़गिड़ाहट, मिन्नत, विनय
समाजिक
सामाजिक, समाज का, मिलनसार, समाज में रहनेवाला, सांसारिक, सामाजिक संबंधो के फलस्वरूप होने वाला
समाजी दर्जा-बंदी
معاشرے میں کسی کی حیثیت کا تعیّن .
समाजी-तंक़ीद
(ادب) وہ تنقید جو ادبیوں اور ادب پاروں کو ان کے معاشرتی پس منظر میں جان٘چتی ہے .
समाजी-साइंस
मानव समाज और सामाजिक संबंधों का वैज्ञानिक अध्ध्यन तथा इस विज्ञान के विभाग जैसे: राजनिती विज्ञान, अर्थशास्त्र
समाजी-कार्कुन
सामाजिक कार्यकर्ता, समाज सेवक, समाज और लोगों के लिए कल्याण का कार्य करने वाला व्यक्ति
समाजी-सुधार
सामाज सुधारने कार्य, मआशरती इस्लाह
समाजियत
سماجی ہونے کی کیفیت یا حالت .
समाजी-हशरात
مشترکہ سوراخوں اور چھتّوں وغیرہ میں مِل کر رہنے والے کیڑے مکوڑے .
समाजियाना
समाज का हिस्सा बनाना, समाज के रंग में रंग लेना, समाज के अनुसार ढलाना
समाजियात
समाजशास्त्र, मानव समाज, तथा मानव का सामाजिक जीवन
आर्य समाज
आर्य धर्म या संप्रदाय के मानने वालों का एक समूह, एक हिंदू संप्रदाय
ब्रह्म-समाज
एक संप्रदाय जिसके प्रवर्तक बंगाल के राजा राममोहन राय थे
ज़ालिम समाज
हृदयहीन समाज, संगदिल और बेरहम सोसाइटी, ज़ुलम करने वाला समाज, ना इंसाफ़ी करने वाले लोग, मुख़ालिफ़त, मुज़ाहमत करने वाले लोग, अन्याय करने वाले लोग, चोट पहुंचाने वाले लोग
धर्म-समाज
विद्वानों का गिरोह, दीन की महफ़िल, धार्मिक सभा
राज का राज में , नाज का नाज में , ब्याज का ब्याज में , समाज का समाज में
आमदनी जिधर से आए इसी रस्ते लूट जाती है