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शायद
फा. वि. कदाचित्, कंदाचन, स्यात् ।
शायद कि बाशद
it may be so, perhaps it is
शायद-ओ-बायद
सुविधाजनक एंव उपयुक्त, जैसा होना चाहिए, अच्छी तरह से
शहीद
(सूफ़ीवाद) वह जिसका ज्ञान पूर्ण हो, अर्थात: ईश्वर, परमात्मा
शहीद होना
अकारण मारा जाना, मारा जाना
शहीद करना
नष्ट करना, तबाह करना, बर्बाद करना; हत्या करना
शहीदी
शहीद संबंधी, शहीद होने वाला, शहीद होने के लिए तैयार, शहादत का दर्जा पाने वाला
शहीद-मर्द
वह व्यक्ति जो ख़ुदा के रास्ते में जिहाद अर्थात लड़ता हुआ मारा जाए
शहीद-ए-मिल्लत
قوم کے لیے جان دینے والا ؛ پاکستان کے پہلے وزیراعظم لیاقت علی خاں کا لقب.
शहीद-ए-वतन
वर्तन की आज़ादी और उन्नति के लिए युद्ध या परिश्रम में मरनेवाला
शहीद-ए-नाज़
प्रेमिका के नाज़ नख़रे पर प्राण न्यौछावर करने वाला
शहीदी-जत्था
वह समूह जो शहीद होने के लिए तैयार हो
शहीद-ए-इश्क़
प्रेम के मार्ग में जान देने- वाला, प्रेमिका को प्राण अर्पण करनेवाला
शहीद-ए-कर्बला
कर्बला के युद्ध में सत्य के लिए बलि होनेवाले, हात इमाम हुसैन।
शहीद-ए-वफ़ा
वो जिस ने वफ़ादारी की वजह से अपने प्राण त्याग दिए हों, बहुत ही वफ़ादार
शहीदी-तरबूज़
watermelon with extra red pulp that reaches the peel
शहीद मर्दों से चोंगा
चालाक और होशयार शख़्स से भी दांव पेच की बातें, तजरबाकार और जहां दीदा लोगों से भी चार सौ बीसी
आप घर को फिर जाइए शायद धोके में आप भूल पड़े
کسی بے تکلف دوست یا عزیز کے بہت دن میں صورت دکھانے کے موقع پر شکایتاً مستعمل
शहीद मर्दों से दिल लगी
चालाक और होशयार शख़्स से भी दांव पेच की बातें, तजरबाकार और जहां दीदा लोगों से भी चार सौ बीसी
हर बीशा गुमाँ मबर कि ख़ाली सत, शायद कि पिलंग ख़ुफ़्ता बाशद
(शेख़ सादी का शेअर उर्दू में बतौर कहावत मुस्तामल) हर जंगल को ख़ाली मत समझो शायद इस में चीता सोया हो , मुराद : आदमी को हर जगह होशयार रहना चाहिए, ख़तरे की तरफ़ से चौकन्ना रहना चाहिए , किसी शख़्स को नाकारा नहीं समझना चाहिए
पीर को न शहीद को पहले काने चोर को
जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने आप को औरों पर मुक़द्दम समझे तो उस वक़्त कहते हैं
पीर शहीद मनाना
किसी बुज़ुर्ग की नयाज़ या फ़ातिहा दिलाना
पीर को न शहीद को पहले नकटे देव को
जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने आप को औरों पर मुक़द्दम समझे तो उस वक़्त कहते हैं
बिन मारे शहीद होना
प्यार में पड़ना, मोहित होना
क़ुरआन शहीद होना
पवित्र क़ुरान का फट जाना या गिर जाना
मस्जिद शहीद होना
मस्जिद शहीद करना (रुक) का लाज़िम, मस्जिद का गिरना, मस्जिद मुनहदिम होना
मस्जिद शहीद करना
(सम्मान का शब्द) किसी मस्जिद को गिराना या ध्वस्त करना
पीर न शहीद नकटे का छापा
जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने को मुक़द्दम समझे तो कहते हैं
मरे तो शहीद, मारे तो ग़ाज़ी
मरा तो शहीद , मारा तो ग़ाज़ी
जिहाद करने वाला अगर मर गया तो शहीद कहलाया और अगर किसी काफ़िर को मार डाला तो ग़ाज़ी कहलाता है