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तलाक़
(इस्लामिक न्यायशास्त्र) पति और पत्नी का विधि या नियम के अनुसार वैवाहिक संबंधों का होने वाला पूर्ण विच्छेद, पति-पत्नी का संबंध टूटना, विवाह-विच्छेद, शादी टूटना
तलाक़-ए-बत्ता
(فقہ) بقول ترمذی اختلاف کیا ہے اہلِ علم نے طلاق بتّہ میں کہ حضرت علی سے مروی ہے کہ وہ تین طلاق ہیں اور حضرت عمرؓ سے کہ وہ ایک طلاق ہے جبکہ حضرت رکانہ کی حدیث سے یہ بات باتفاق ثابت ہے کہ حضرت رکانہ کی طلاق کو حضور صلی اللہ علیہ وسلم نے ایک اُس وقت قرار دیا جب کہ انہوں نے حلف کے ساتھ بیان دیا کہ میری نیت تین طلاق کی نہیں تھی.
तलाक़-नामा
वो लेखन जिसमें तलाक़ दिए जाने का विषय दर्ज हो, वो दस्तावेज़ जिस में तलाक़ के नियम और कारण दर्ज हों, तलाक विलेख
तलाक़-ए-मुग़ल्लज़
(فقہ) وہ طلاق جس کے بعد مطلقہ سے دوبارہ نکاح صرف اس صورت میں ہو سکتا ہے کہ پہلے وہ عورت کسی اور مرد سے نکاح کرے اور وہ مرد اس سے خلوت صحیحہ کے بعد اپنی مرضی سے اس کو طلاق دے دے یا اس مرد کا انتقال ہو جائے ، اس عمل کو عموماً حلالہ کہتے ہیں ، یہ طلاق تین طلاقیں دینے سے واقع ہوتی ہے.
तलाक़-ए-बिद'अत
(धर्मशास्त्र) इस तलाक़ की तीन दशाएँ हैं; (१) माहवारी के समय तलाक़ दी हो (२) ऐसे शुद्ध समय में तलाक़ दी हो जब मिलन हो चुका था (३) तीन तलाक़ें एक साथ दे दी हों
तलाक़ लेना
किसी औरत का अपने पति से वैवाहिक जीनवन से आज़ादी हासिल करना, इस्लामी क़ानून के अनुसार पत्नी का पति से छुटकारा हासिल करना
तलाक़-ए-हसन
(धर्मशास्त्र) औरत के तीन विभिन्न मासिक धर्मों के उपरांत अलग-अलग बार तीन तलाक़ें देना, इसे तलाक़-ए-सुन्नत भी कहते हैं
तलाक़-ए-बाइन
वह तलाक़ जिसमें विच्छिन्ना स्त्री जब तक दूसरे आदमी से विवाह न कर ले और उसके साथ सहवास न हो जाय, तब तक पहला आदमी उससे विवाह नहीं कर सकता।
तलाक़-ए-अहसन
(धर्मशास्त्र) वह तलाक़ जिसमें मर्द अपनी औरत को एक तलाक़ पाकी की हालत में दे दे जिसमें उससे संबंध ना बनाए हों और यह एक तलाक़ देकर छोड़ दे तो इद्दत ख़त्म होने के साथ निकाह टूट जाता है
तलाक़-बिल-किनायात
(فقہ) یہ طلاق ایسے لفظ سے ہوتی ہے کہ موضوع طلاق کے لیے نہ ہو مگر طلاق کا احتمال رکھتا ہو ، وہ طلاق جو صاف لفظوں میں نہ ہو.
मो'तदा-तलाक़
(धर्मशास्त्र) औरत जो तलाक़ के कारण इद्दत (धर्मानुसार एक निश्चित अवधि) में घर की परिधि में हो
आख़िरी-तलाक़
(धर्म शास्त्र) वह तलाक़ जिसमें विच्छिन्ना स्त्री जब तक दूसरे आदमी से विवाह न कर ले और उसके साथ सहवास न हो जाय, तब तक पहला आदमी उससे विवाह नहीं कर सकता
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