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फ़रिश्ते
फ़रिश्ता का बहु. तथा लघु.,
फ़रिश्ते भूल गए
बहुत बूढ़े आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि मरता नहीं
फ़रिश्ते का कह जाना
किसी बात की इत्तिला हो जाना
फ़रिश्ते वाक़िफ़ नहीं
अज्ञान होने के कारण कहते हैं
फ़रिश्ते ख़ाँ का गुज़र न होना
फ़रिश्ते की भी न सुनना
किसी के कहे की परवाह न करना
फ़रिश्ते ख़ाँ से लड़ना
بڑے سے بڑے استاد سے لڑنا، موت سے بھی لڑ جانا
फ़रिश्ते के घर में ख़ारिश्ते
वली के घर में शैतान। जब नेक और शरीफ़ शख़्स की औलाद बदकार हों तो कहते हैं
फ़रिश्ते नज़र आना
मरने का समय का निकट आना, मृत्यु नज़र आना
फ़रिश्ते दिखाई देना
मृत्यु का समय निकट आना, मरने का वक़्त क़रीब आना, मौत नज़र आना
फ़रिश्ते का कान में फूंकना
नक़्क़ाल-फ़रिश्ते
मृत को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले फ़रिश्ते
मेरे फ़रिश्ते
किरामन कातेबीन (इस्लामी मान्यतानुसार प्रत्येक व्यक्ति के कंधे पर बैठे फ़रिश्ते) की ओर संकेत
'अज़ाब के फ़रिश्ते
وہ ملائک جو گنہہ گاروں کو عذاب دینے کے لیے حسبِ عقائد اسلام مقرر ہیں .
दोज़ख़ के फ़रिश्ते
(مجازاً) عذاب دینے والے، تکلیف پہنچانے والے.
काँधों के फ़रिश्ते
प्रत्येक व्यक्ति के दाएं और बाएं कंधे पर एक-एक फ़रिश्ते नियुक्त होते हैं, दाएं कंधे का फ़रिश्ता पुण्य और बाएँ कंधे का पाप को लिखता है
नेकी के फ़रिश्ते
भलाई या एहसान करने वाले फ़रिश्ते; (लाक्षणिक) मुसीबत में काम आने वाले लोग
मूँढों के फ़रिश्ते
दो फ़रिश्ते जो हर व्यक्ति के कार्यों को लिखने के लिए दाएं और बाएं कंधे पर बिठाए गए हैं, इंसानी कार्यों को लिखने वाले फ़रिश्ते, कंधे पर बैठने वाले फ़रिश्ते, हर व्यक्ति के कार्यों को रिकॉर्ड करने के लिए नियुक्त फ़रिश्ते), अभिलेख करने वाले स्वर्गदूत
ऊँट फ़रिश्ते की ज़ात है
ऊंट कई कई दिन तक भूका रहता है, बड़ा धैर्यवान और आत्मसंतोषी जानवर है
यहाँ फ़रिश्ते के पर जलते हैं
अर्थात यहा कोई नहीं आ सकता, इस स्थान पर किसी की रसाई और पहुंच नहीं है, यहाँ परिंदा पर नहीं मार सकता
नेकी बदी के फ़रिश्ते
इंसान के साथ निर्धारित वह दो फ़रिश्ते जो इंसान के दिन-रात के कर्मों को लिखते हैं
जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते
जैसा आदमी होता है वैसे ही उस के साथी होते हैं
जैसे रूह वैसे फ़रिश्ते
रुक: जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते
जिस तरह की रूह, वैसे फ़रिश्ते
रुक : जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते
दामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वुज़ू करें
ख़्वाजा मीर दर्द की एक ग़ज़ल क मशहूर मिस्रा या एक पंकति, स्वयं को बहुत पूनीत, सज्जन और प्रतिष्ठित दिखाने के अवसर पर अतिश्योक्ति के रूप में बोलते हैं
किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका
मुराद: हर शख़्स को ख़ुशफ़हमी होती है
किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है
۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔