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नवाज़ी
देने या प्रदान करने का कार्य, मेहरबानी करना, समास में (प्रत्यय के रूप में) प्रयुक्त
ज़र्रा-नवाज़ी
due regard, kindness to the lowly, benevolence to the meek or the poor and the weak
रइ'य्यत-नवाज़ी
خبر گیری، رعایا کے ساتھ حُسنِ سلوک.
बंदा-नवाज़ी
अपने सेवकों और भक्तों पर कृपादृष्टि
हेच-नवाज़ी
छोटों को या बे हैसियत लोगों को देने की स्थिति या काम, मेहरबानी, दान देना
हुनर-नवाज़ी
کسی فن یا صلاحیت کو نوازنے کا عمل ، ہنر یا فن کی قدر شناسی ۔
सिफ़्ला-नवाज़ी
سِفلہ پووری ، کمینے پر مہربانی کرنا .
सम'-नवाज़ी
संगीत या गाने सुनना जो आपको सुनने में अच्छा लगता है
नग़्मा-नवाज़ी
نغمہ نواز (رک) کا کام ، راگ چھیڑنا گیت الاپنا ، ساز چھیڑنا ۔
मेहमाँ-नवाज़ी
मेहमानदारी, अतिथिपूजा, आतिथ्य।।
नुक्ता-नवाज़ी
ज़रा-सी बात पर | प्रसन्न हो जाना।।
'आजिज़-नवाज़ी
गरीबों की मदद और सहायता करना, सहयाता
'इल्म-नवाज़ी
علم کی قدردانی ، علم کی پذیرائی کرنا .
हिंदी-नवाज़ी
उर्दू भाषा के स्थान पर हिंदी भाषा का पक्ष लेना
कुंबा-नवाज़ी
خاندان کو پالنا ، خاندان کی پرورش کرنا ، کنبہ پروری ، اقربا پروری.
म'आरिफ़-नवाज़ी
رک : معارف پروری ، علم و فضل کی منزلت سے آگاہی ، علم و فضل کی قدر دانی ۔
दिल-नवाज़ी
मैत्री, सांत्वना, ढारस तवज्जोह, तसल्ली, मेहरबानी, इनायत
नज़र-नवाज़ी
नज़रनवाज़ होने का भाव, दिल लुभाने की क्रिया, मनोहरता, मनोज्ञता, सुंदरता, खुशनुमाई
जान-नवाज़ी
جاں نواز (رک) کا اسم کیفیت.
मुसाफ़िर-नवाज़ी
مسافر نواز ہونا ، مسافروں کا خیال رکھنا ۔
सुख़न-नवाज़ी
कविता की क़द्र, कवियों का आदर।
फ़क़ीर-नवाज़ी
غریبوں کو نوازنا ، فقیروں کی پرورش کرنا ، درویشوں پر لُطف و کرم کرنا.
ग़रीब-नवाज़ी
दीना और असहाय व्यक्तियों पर कृपादृष्टि
सरकार-नवाज़ी
बड़े लोगों की चापलूसी, अमीर लोगों की चापलूसी
मज़लूम-नवाज़ी
cherishing or protecting the oppressed
पीर-नवाज़ी
بزرگانہ شفقت ، مہربانی ، عنایت .
मूसीक़ी-नवाज़ी
(موسیقی) موسیقی کی قدر و منزلت کرنا ، موسیقی کو فروغ دینا ۔
नौबत-नवाज़ी
नगाड़ा बजाने का क्रिया, डंका या नगाड़ा आदि बजाना
नाक़ूस-नवाज़ी
ناقوس نواز (رک) کا اسم کیفیت ، ناقوس بجانے کا عمل یا فن ۔
सुरूद-नवाज़ी
سرود نواز کا کام ، سرود بجانا ، نغمہ سرائی ، گانا بجانا.
वाइलिन-नवाज़ी
وائلن نواز کا کام ، وائلن بجانا ۔
मंदल-नवाज़ी
ढोल बजाने का क्रिया, ढोल बजाना
जो बंदा-नवाज़ी करे जाँ उस पे फ़िदा है, बे-फ़ैज़ अगर यूसुफ़-ए-सानी है तो क्या है
जो व्यक्ति कृपा करे उस पर लोग जान न्योछावर करते हैं, अनुपकारी व्यक्ति किसी काम का नहीं होता