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निकले हुए दाँत फिर नहीं बैठते
۔مثل جوبھید کھل جائے وہ پھر نہیں چھپتا۔ جو برائی ظاہر ہوگئی وہ پھر نہیں چھپتی۔
निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं बैठते
राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता
निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते
राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता
निकले दाँत भी कहीं पैठे हैं
मिसल मशहूर है जो भेद खुल जाये वो फिर नहीं छुपता (रुक : निकले हुए दाँत अलख)
मचमचाती खाट निकले
(कोसना) औरतों के इस कोसने में मुंदरजा बाला मफ़हूम (चूं चूं करना) है यानी जवान, मोटा ताज़ा, हटा कटा मर जाये लाश इतनी भारी हो कि जिस खाट (चारपाई) पर डाल कर उठाई जाये वो बोझ से लचके और चर चुराए
दाग़ निकले
(कोसना) कोढ़ की बीमारी हो, शरीर पर सफ़ेद दाग़ हो जाएँ; फूट कर निकले, जल कर निकले; घाव पड़ कर निकले; जले
आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ
सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है
आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ
सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है
आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाओ
सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है
आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाओ
सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है
बड़े बेचारे निकले
(व्यंग्यात्मक) जब कोई अच्छी सलाह के रूप में कोई बात कहे तो कहते हैं, तुम कौन कहने वाले हो
गढ़े में से निकले और कुए में गिरे
कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं
हाथी के निकले हुए दाँत बैठने मुशकिल हैं
बिगड़ी हुई बात भी कहीं बनी है, रुसवाई के बाद नेकनामी होनी मुश्किल है, बिगड़े हुए भी कहीं संवरे हैं
होंट मलूँ तो दूध निकले
अभी दूध पीते बच्चे हो, नादान हो, ना तजुर्बे कार हो, ज़रा ज़ोर करूं तो पिया हुआ दूध निकल पड़े
च्यूँटी के पर निकले हैं
जब कमज़र्फ़ आदमी बहुत शेख़ी मारता है तो उस वक़्त कहते हैं अर्थात विपत्ति के दिन और मौत का समय नज़दीक आ गया है
हल्के लहू से चल निकले हैं
बावजूद नज़ाकत या नातवानी के दिल जलाते हैं, निहायत गुस्ताख बेअदब और मग़रूर होगए हैं
आज किधर आ निकले
निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त
माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे निकले रंग बिरंग
दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है
मा टेनी बाप कलंग, बच्चे निकले रंग-ब-रंग
नालायक़ कुंबा या ख़ानदान और बदअतवार औलाद की निसबत कहा जाता है
जो हाँडी में होगा , वही निकलेगा
nothing comes out of a sack but what is put in it, what is in the heart the tongue speaks
नाचने निकले तो घूँगट क्या
जब सार्वजनिक स्थान पर किए जाने वाला काम चुना तो फिर लाज कैसी, ठान ही लिया तो फिर इस में लाज करना बेकार है
आग लगा झोंपड़ा जो निकले सो ले, आग लगे झोंपड़े जो निकले सो लाभ
सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है
आग लगते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ
सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है
चेचक और रंडी निकले बग़ैर नहीं रहती
चेचक ज़रूर निकलती है और कसबी ज़रूर अग़वा होती है , बाज़ारी औरत अगर निकाह कर भी ले तब भी इस का एतबार नहीं एक ना एक दिन घर से निकल जाएगी
गढ़े में से निकले और कुँवें में गिरे
कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं
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