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वैसे

उस प्रकार से, उमूमन, आम तौर से, दूसरे पहलूओं

वैसे ही

उसी तरह, इसी ढंग पर

वैसे में

ऐसे में, इस मौक़ा पर, ऐसे मौके़ पर

वैसे-वैसे

۔ ۲۔ توں توں (بالعموم جیسے جیسے کے بعد مستعمل) ۔

वैसे-मने

رک : ویسے میں جو فصیح ہے ۔

वैसे भी

यूँ भी अथवा आम तौर पर

वैसे के वैसे

ویسا کا ویسا (رک) کی جمع ؛ جوں کے توں ، کسی تبدیلی کے بغیر

वैसे का वैसा

जैसा था उसी तरह, जूँ का तूँ, हुबहू, बिलकुल वैसा

वैसे तो

यूँ तो, इस तरह तो, इस प्रकार से, सामान्यतया, आम तौर पर

जैसे एक बार, वैसे हज़ार बार

बुरा काम एक बार करना भी ऐसा ही है, जैसे हज़ार बार करना, कोई अंतर नहीं होता

जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए

व्यंग है कि गंगा में नहाने से क्या होता है केवल मूँछें मुँड जाती हैं

ऐसे-वैसे

तुच्छ, बेकार, निकम्मे, कम हैसियत वाले

जैसी गंगा नहाए वैसे फल खाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसे ये वैसे वो

हमारे नज़दीक दोनों एक जैसे हैं

जैसे हर गुन गाए वैसे फल पाए

जैसा किया था वैसा पाया

मुर्दा पर जैसे सौ मन मिट्टी, वैसे हज़ार मन

जब मुसीबत हद से गुज़र जाये फिर सैंकड़ों मुसीबतें कुछ मालूम नहीं होतीं , मुसीबत ज़िदों को आने वाली मुसीबतों का क्या डर , मुसीबत ख़ाह थोड़ी हो या बहुत मुसीबत ही तो है

मुर्दे पर जैसे सौ मन मिट्टी , वैसे हज़ार मन

जब मुसीबत पड़ी तो जैसी थोड़ी वैसी बहुत

जैसे हसन वैसे हुसैन

रुक: जैसे हुस्न तैसे बिसन

फिर चिकने घड़े की तरह वैसे के वैसे

बेशरम, बद लिहाज़ की निसबत बोलते हैं

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे परदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसा आदमी होता है वैसे ही उस के साथी होते हैं

जैसे रूह वैसे फ़रिश्ते

रुक: जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

आप ऐसे आप वैसे

(किसी की) अतिश्योक्ति भरी प्रसंशा या चापलुसी के अवसर पर

जैसे बाँधो वैसे पाओ

सावधानी बरतने से वस्तु सुरक्षित रहती है, एहतियात से चीज़ महफ़ूज़ रहती है

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे बिदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसा तेल का मलीदा वैसे अटकल का फ़ातिहा

कुप्रबंधन का काम प्रायः ख़राब ही हुआ करता है, कुप्रबंधन प्रायः भयावह होता है

जैसे थे घर के वैसे आए डोली चढ़ के

जैसे अपने थे वैसे ही बेगाने निकले

आप ऐसे आप वैसे आप ने चुराए छा टके पैसे

चापलूसी जिसमें उपहास अथवा मूर्ख बनाने का पहलू निकले

जब आया देही का अंत, जैसे गधा वैसे संत

जब मृत्यु आए तो सब बराबर हैं

जैसी गंजी सती वैसे ही ऊत पुजारी

जैसा आदमी हो उस के साथ वैसा ही व्यवहार होता है, अर्थात जैसे को तैसा

जैसा गाँव देखिये वैसे रोज़े रखिये

रुक: जैसा देस वैसा भेस ज़माने के मुवाफ़िक़ काम करना चाहिए

जैसे नीम नाथ वैसे बकाइन नाथ

दोनों एक जैसे नटखट

जैसी गंदी सीत्ला , वैसे ही पूजन हार

लोग अपने सरदार या मालिक के रंग के मुताबिक़ होते हैं

जिस तरह की रूह, वैसे फ़रिश्ते

रुक : जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसे ऊधो वैसे बान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

जैसे ऊधो वैसे ख़ान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

जैसी तेरी तिल चावली वैसे मेरे गीत

जैसी मजूरी वैसा ही काम होता है

सब संसार काल का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

सब संसार मौत का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

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वैसे

उस प्रकार से, उमूमन, आम तौर से, दूसरे पहलूओं

वैसे ही

उसी तरह, इसी ढंग पर

वैसे में

ऐसे में, इस मौक़ा पर, ऐसे मौके़ पर

वैसे-वैसे

۔ ۲۔ توں توں (بالعموم جیسے جیسے کے بعد مستعمل) ۔

वैसे-मने

رک : ویسے میں جو فصیح ہے ۔

वैसे भी

यूँ भी अथवा आम तौर पर

वैसे के वैसे

ویسا کا ویسا (رک) کی جمع ؛ جوں کے توں ، کسی تبدیلی کے بغیر

वैसे का वैसा

जैसा था उसी तरह, जूँ का तूँ, हुबहू, बिलकुल वैसा

वैसे तो

यूँ तो, इस तरह तो, इस प्रकार से, सामान्यतया, आम तौर पर

जैसे एक बार, वैसे हज़ार बार

बुरा काम एक बार करना भी ऐसा ही है, जैसे हज़ार बार करना, कोई अंतर नहीं होता

जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए

व्यंग है कि गंगा में नहाने से क्या होता है केवल मूँछें मुँड जाती हैं

ऐसे-वैसे

तुच्छ, बेकार, निकम्मे, कम हैसियत वाले

जैसी गंगा नहाए वैसे फल खाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसे ये वैसे वो

हमारे नज़दीक दोनों एक जैसे हैं

जैसे हर गुन गाए वैसे फल पाए

जैसा किया था वैसा पाया

मुर्दा पर जैसे सौ मन मिट्टी, वैसे हज़ार मन

जब मुसीबत हद से गुज़र जाये फिर सैंकड़ों मुसीबतें कुछ मालूम नहीं होतीं , मुसीबत ज़िदों को आने वाली मुसीबतों का क्या डर , मुसीबत ख़ाह थोड़ी हो या बहुत मुसीबत ही तो है

मुर्दे पर जैसे सौ मन मिट्टी , वैसे हज़ार मन

जब मुसीबत पड़ी तो जैसी थोड़ी वैसी बहुत

जैसे हसन वैसे हुसैन

रुक: जैसे हुस्न तैसे बिसन

फिर चिकने घड़े की तरह वैसे के वैसे

बेशरम, बद लिहाज़ की निसबत बोलते हैं

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे परदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसा आदमी होता है वैसे ही उस के साथी होते हैं

जैसे रूह वैसे फ़रिश्ते

रुक: जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

आप ऐसे आप वैसे

(किसी की) अतिश्योक्ति भरी प्रसंशा या चापलुसी के अवसर पर

जैसे बाँधो वैसे पाओ

सावधानी बरतने से वस्तु सुरक्षित रहती है, एहतियात से चीज़ महफ़ूज़ रहती है

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे बिदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसा तेल का मलीदा वैसे अटकल का फ़ातिहा

कुप्रबंधन का काम प्रायः ख़राब ही हुआ करता है, कुप्रबंधन प्रायः भयावह होता है

जैसे थे घर के वैसे आए डोली चढ़ के

जैसे अपने थे वैसे ही बेगाने निकले

आप ऐसे आप वैसे आप ने चुराए छा टके पैसे

चापलूसी जिसमें उपहास अथवा मूर्ख बनाने का पहलू निकले

जब आया देही का अंत, जैसे गधा वैसे संत

जब मृत्यु आए तो सब बराबर हैं

जैसी गंजी सती वैसे ही ऊत पुजारी

जैसा आदमी हो उस के साथ वैसा ही व्यवहार होता है, अर्थात जैसे को तैसा

जैसा गाँव देखिये वैसे रोज़े रखिये

रुक: जैसा देस वैसा भेस ज़माने के मुवाफ़िक़ काम करना चाहिए

जैसे नीम नाथ वैसे बकाइन नाथ

दोनों एक जैसे नटखट

जैसी गंदी सीत्ला , वैसे ही पूजन हार

लोग अपने सरदार या मालिक के रंग के मुताबिक़ होते हैं

जिस तरह की रूह, वैसे फ़रिश्ते

रुक : जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसे ऊधो वैसे बान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

जैसे ऊधो वैसे ख़ान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

जैसी तेरी तिल चावली वैसे मेरे गीत

जैसी मजूरी वैसा ही काम होता है

सब संसार काल का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

सब संसार मौत का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

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