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फल
किसी प्रकार की क्रिया, घटना, प्रयत्न आदि के परिणाम के रूप में होनेवाली कोई बात। नतीजा। जैसे-परीक्षा-फल।
फलहीन
जिसमें फल न लगे हों, फलरहित वृक्ष
फुल-बहरी
चरक, कोढ़ (एक बीमारी का नाम)
फल-दार होना
फल फूल वाला होना, फलना फूलना
फलाँग
एक स्थान से उछलकर दूसरे स्थान पर जाने की क्रिया या भाव, एक छलांग में पार की जाने वाली दूरी, छलाँग, कुदान, चौकड़ी
फल-फाँक
फल-पात, मेवा, तरकारी, फल फलारी
फुल-फाँक
गुलाब की पंखड़ी, फूल की पंखुड़ियाँ
फुलाही
एक पेड़ जो कीकर की जाति का मगर उससे छोटा होता है जिसकी दातून बनती हैं
फल अंगे आना
नतीजा भुगतना, सज़ा पाना, रुक : फल पाना
फुलकारी
एक प्रकार का कपड़ा जिसमें मामूली मलमल आदि पर रंगीन रेशमी डोरियों से फूल-बूटियाँ आदि काढ़ी हुई होती हैं
फल खाए वो जो हल जोते
जो मेहनत करे वो फ़ायदा उठाए
फलदार
(वृक्ष) जिसमें फल लगे हों, फलयुक्त, फलवाला (पेड़)
फुलचुही
नीलापन लिए काले रंग की एक चमकती चिड़िया जो फूलों पर उड़ती फुर्ती है, उसकी चोंच पतली और कुछ लंबी होती है जिससे वो फूलों का रस चूसती है, फुलसुँघनी (चिड़िया)
फल खाना आसान नहीं है
कोई काम बिना मेहनत अथवा परिश्रम किए नहीं होता, संतान की कमाई खाना कठिन है
फल-कर
फलों का राजस्व, बाग़ का लगान
फुल-पग
फूल जैसे पैर, नाज़ुक पाँव
फलाहारी
वह जो फल खाकर निर्वाह करता हो
फल-भोग
अच्छे या बुरे काम का परिणाम, परिणाम, नतीजा
फलाहार
फल या कंद का आहार, फलभोजन
फुल-नज़र
फूल की तरह, निगाह का फूल, दृष्टी में फूल जैसा
फल-जनक
फल से लदा हुआ, फलदार, भरपूर, हराभरा
फिल्ली
लोहे की छड़ का एक टुकड़ा जो जुलाहों के करघे में तूर में लगाया जाता है। स्त्री० = पिंडली।
फुल्ला
अन्न का वह दाना जो सेंकने से फूल गया हो। फुरेहरा। (पश्चिम)
फुल-सुरक
फूलों की जन्नत, फ़िरदौस गुल, जन्नत गुल
फुलझड़ी रहना
फुलझड़ी की तरह रौशन रहना, चिकने रहना, (लाक्षणिक) ख़ुश या हँसते रहना
फल-फूल
फल और फूल, भेंट के रूप में दी जाने वाली वस्तु
फल-पात
तरकारी, घास-फूस, फल-फुलवारी, पेड़ आदि के पत्ते-पत्तियाँ
फुलट्टी
फूलों का बाज़ार, फूलों के विक्रय होने की जगह
फुल्ली लगी न पापड़ी पटाक से बहू आ पड़ी
बिना भाग दौड़ किए काम हो जाना
फल आना
दरख़्त का उप्जाऊ होना, फल पैदा होना
फल-ताड़
ताड़ का वो पौधा जिस में फल लगों, वो मादा ताड़ जिस में गोल गोल फल आता है
फुल-नीर
गुलाब का जल, गुलाब-जल, पुष्प-जल, (लाक्षणिक) सुगंधित पानी
फली भी न फोड़ना
۔(दिल्ली) मजाज़ ह। कुछ काम ना करना। बेहद मजहूल करना