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"پہچان" शब्द से संबंधित परिणाम
पहचान होना
ज्ञान होना, समझ होना, बोध होना
पहचान पाना
पहचान करना, शनाख़्त करना, जानना
पहचान पड़ना
शनाख़्त होना, साफ़ तौर पर दिखाई देना, शनाख़्त में आना
पहचान न पड़ना
असली ढांचा या मूल रूप बदल जाना, किसी चीज़ का ख़राब रूप बन जाना
जान-पहचान
दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)
अदल-पहचान
وہ چیز جو بلا تامل پہچانی جاسکے ، وہ امر جس کی شناخت میں کچھ اشتباہ نہ ہو ، نمایاں شناخت رکھنے والی شے.
हवा का रुख़ पहचान लेना
हालात का अंदाज़ा करना, हालात को समझना, मौके़ की नज़ाकत को भाँप लेना
मनुष की पहचान को मु'आमला कसौटी है
हर शख़्स मु'आमले से पहचाना जाता है
मनुष्य की पहचान को मु'आमला कसौटी है
हर शख़्स मु'आमले से पहचाना जाता है
जान पहचान का
friend, familiar, an acquaintance
जान पहचान वाला
friend, familiar, an acquaintance
रम्ज़ पहचान जाना
असली मनशन समझ जाना, बात ताड़ जाना
नब्ज़ पहचान लेना
۔(کنایۃً)حال دریافت کرلینا۔؎
सूरत न पहचान पड़ेगी
हुल्या या शक्ल बिगड़ जाएगी, शक्ल बदल जाएगी
दमड़ी की हाँडी गई कुत्ते की ज़ात पहचान ली
हानि तो हुई परंतु अनुभव तो प्राप्त हुआ, थोड़ी सी हानि हुईतो कोई बात नहीं है वास्तविक्ता का पता तो चला
जान ही की पहचान है
मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें
जान न पहचान, बड़ी ख़ाला सलाम
किसी से ख़्वाह-मख़्वाह सहमति एवं एकचित्तता जताना या संबंध ज़ाहिर करना
जान मारे बानिया, पहचान मारे चोर
बनिया दूसरों को लूटता है और चोर अपने जानने वाले को
जान मारे बनिया, पहचान मारे चोर
बनिया दूसरों को लूटता है और चोर अपने जानने वाले को
जान न पहचान ख़ाला सलाम
(अवामी) जब कोई किसी अपरिचित के साथ बहुत उत्साह से मिलता है या चतुराई से अपनी मित्रता दिखा कर अपना मतलब निकालना चाहते हैं तो कहते हैं
मनुष की पहचान को मु'आमला कसौटी है
आदमी की अच्छाई बुराई संपर्क में आने से मालूम होती है या मामला पड़ने से आदमी की पहचान या परख होती है, काम पड़ने पर ही मनुष्य की परीक्षा होती है
जान न पहचान ना-ख़्वाँदा मेहमान
रुक : जान ना पहचान बड़ी ख़ाला सलाम
न जान न पहचान, बड़ी ख़ाला सलाम
किसी से ख़्वाह-मख़्वाह सहमति एवं एकचित्तता जताना या संबंध ज़ाहिर करना
जान न पहचान बड़ी ख़ाला सलाम
यह कहावत वहां बोलते हैं जहां कोई अनजान आदमी बहुत तपाक और उत्साह दिखाए, अनुचित गुण दिखाने वाले और चालाक के संबंध मे बोलते हैं जो बेकार की दोस्ती जता कर अपना मतलब निकालते हैं
जान न पहचान दिल-ओ-जान क़ुर्बान
अंजान से मोहब्बत करते समय यह कहते हैं
मानुस की पहचान को मु'आमला कसौटी है
जो मुआमले में ठीक निकला वो भलामानस है