खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"کسک" शब्द से संबंधित परिणाम

कसक

कष्ट, मनस्ताप, यातना, शोक, विपद, हलका मीठा दर्द, खटक, चुभन, हल्की तकलीफ़, हल्का हल्का दर्द, दुखद अनुभव के स्मरण से होने वाली पीड़ा

किस को

۔کس شخص کو۔

किस का

किस व्यक्ति का? कहाँ का

किस की

किसी का नहीं

कसक-मसक

थिरक, कसमसाहट

कसक आना

झटका लगना, ख़फ़ीफ़ सा सदमा पहुंचना

कसक आना

۔(لکھنو) جھٹکا لگنا۔ صدمہ پہونچنا۔ ؎

कसक उठना

अचानक दर्द महसूस करना, टीस होना, चुभन होना

कसक मिटाना

दर्द या पीड़ा का दूर करना

कसक निकलना

कसक निकालना (रुक) का लाज़िम , कसक मिटना, ख़लिश निकलना

कसकन

कसक, टीस, पीड़ा

कसक निकालना

रुक : कसक मिटाना

कस्कसाहट

رک : کسکس.

कस्का

(معماری) بنیاد یا پایۂ دیوار کی چنائی کا دیوار کے آثار سے خارج کیا ہوا حصّہ ، کچھ ، زہ.

कसकुट

ताँबे और जस्ते के मिश्रण से बनी एक प्रसिद्ध धातु जिससे बरतन आदि बनाए जाते हैं, भरत, काँसा

कसकना

दर्द करना, करकराहट पैदा करना, खटकना

कसकसी

رک : کسکس.

कस्केली

رک : ’’کسکا‘‘ سے متعلق یا منسوب . کرکری ، ریتلی.

कस के

जाँच और परिक्षा के पश्चात, परखने के पश्चात

कस कर

जाँच एवं परिक्षा के बाद, परखने के बाद

कस-कस

which (of several)?

कस्कसाना

be gritty

कस कस के

خوب جان٘چ پرکھ کے.

किस किस से

. حیرانی کے اظہار کے لیے.

कस-कसा

रेतीला, कंकर मिला हुआ, किरकिरा

कस करना

ज़ोर चलाना, शोषण करना

किस काम का

बेमुसर्रफ़, फ़ुज़ूल, बे कार, बेमानी

किस काम की

बेमुसर्रफ़, फ़ुज़ूल, बे कार, बेमानी

किस की बला

۔کنایہ ہے نفی سے کسی کام میں۔ ؎

किस की ख़ातिर

کسی کے لیے ، کسی کے واسطے.

किस किस दुख को रोएँ

which of my numerous grievances can I air?

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

किस की सुनता है

۔کس کی بات مانتا ہے۔ کسی کی بات نہیں مانتا۔ ضدّی ہے۔ ؎

किस काम आएगा

۔فضول ہے بیکار ہے۔ ؎

किस का सर लाएँ

۔کس سے مدد چاہیں۔ ؎

किस की मानता है

हठी है, अर्थात किसी की नहीं मानता

किस किताब में है

۔خلاف قاعدہ اور خلاف دستور ہونے کی جگہ۔ ؎ ؎

किस की बनी रही है

शक्ति और सत्ता हमेशा क़ायम नहीं रहते

किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

किस खेत की मूली है

he has no standing

किस खेत का बथुआ हो

मेरे सामने तुम क्या बेचते हो, तुम कोई हक़ीक़त नहीं रखते

किस खेत की मूली है

तुम्हारा क्या सामर्थ्य है, तुम्हारी वास्तविक्ता क्या है

किस कान से सुनूँ

۔سننا ناگوار ہونا کی جگہ ۔ ؎

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

किस खेत की मूली हो

मेरे सामने तुम क्या बेचते हो, तुम कोई हक़ीक़त नहीं रखते

किस की माँ को माँ कहें

ग़रीब और यतीम बच्चे की निसबत कहते हैं, पहले अनुमानों में मुस्तामल था कि अगर माँ ना हो तो हम किस की माँ को माँ बनाते मगर रफ़्ता रफ़्ता आम और बच्चों के लिए मख़सूस हो गया, यानी कोई फ़र्याद रस नहीं

किस की माँ ने धौंसा खाया है

किस माँ को आफ़त आयी है जो अपनी संतान को खोना चाहेगी? किसकी दुर्भाग्यशाली माँ अपने बच्चों की तबाही चाहेगी, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने लिए ख़ुद मुसीबत नहीं बनाता, अपना नुक़सान या अपनी बर्बादी नहीं चाहता

किस किस का मुंँह नहीं देखा

कई आदमियों से मदद माँगी, हर एक से सहायता चाही है

किस की हालत देख कर मत ललचावे जी, अजी रूखी सूखी खा कर ठंडा पानी पी

किसी की अच्छी चीज़ देख कर लालच नहीं करना चाहिए जो कुछ मिले इस पर क़नाअत करनी चाहिए

किस की रही और किस की रहेगी

ना जाने क्या हो ''दिल की उमनग निकाल लो'' की जगह बोलते हैं

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका

मुराद: हर शख़्स को ख़ुशफ़हमी होती है

किस किताब में लिखा है

ख़िलाफ़ क़ायदा और ख़िलाफ़-ए-दस्तूर होने की जगह

किस की बकरी और कौन डाले घास

अपनी चीज़ की रखवाली आप ही करनी पड़ती है, दूसरे की चीज़ की देख भाल कोई नहीं करता

किस किस दुख को झेला है

तरह तरह की तक्लीफ़े उठाई हैं

किस काफ़िर को ए'तिबार होगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آئے گا۔ ؎

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है

۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔

किस की रही और किस की रह जाए

۔دل کی اُمنگ نکالنے کی جگہ بولتے ہیں۔

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آنے کی جگہ۔ ؎

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

किसी को विश्वास नहीं होगा, कोई भरोसा नहीं करेगा

किस की रही और किस की रह जाएगी

ना जाने क्या हो ''दिल की उमनग निकाल लो'' की जगह बोलते हैं

खोजे गए परिणाम

"کسک" शब्द से संबंधित परिणाम

कसक

कष्ट, मनस्ताप, यातना, शोक, विपद, हलका मीठा दर्द, खटक, चुभन, हल्की तकलीफ़, हल्का हल्का दर्द, दुखद अनुभव के स्मरण से होने वाली पीड़ा

किस को

۔کس شخص کو۔

किस का

किस व्यक्ति का? कहाँ का

किस की

किसी का नहीं

कसक-मसक

थिरक, कसमसाहट

कसक आना

झटका लगना, ख़फ़ीफ़ सा सदमा पहुंचना

कसक आना

۔(لکھنو) جھٹکا لگنا۔ صدمہ پہونچنا۔ ؎

कसक उठना

अचानक दर्द महसूस करना, टीस होना, चुभन होना

कसक मिटाना

दर्द या पीड़ा का दूर करना

कसक निकलना

कसक निकालना (रुक) का लाज़िम , कसक मिटना, ख़लिश निकलना

कसकन

कसक, टीस, पीड़ा

कसक निकालना

रुक : कसक मिटाना

कस्कसाहट

رک : کسکس.

कस्का

(معماری) بنیاد یا پایۂ دیوار کی چنائی کا دیوار کے آثار سے خارج کیا ہوا حصّہ ، کچھ ، زہ.

कसकुट

ताँबे और जस्ते के मिश्रण से बनी एक प्रसिद्ध धातु जिससे बरतन आदि बनाए जाते हैं, भरत, काँसा

कसकना

दर्द करना, करकराहट पैदा करना, खटकना

कसकसी

رک : کسکس.

कस्केली

رک : ’’کسکا‘‘ سے متعلق یا منسوب . کرکری ، ریتلی.

कस के

जाँच और परिक्षा के पश्चात, परखने के पश्चात

कस कर

जाँच एवं परिक्षा के बाद, परखने के बाद

कस-कस

which (of several)?

कस्कसाना

be gritty

कस कस के

خوب جان٘چ پرکھ کے.

किस किस से

. حیرانی کے اظہار کے لیے.

कस-कसा

रेतीला, कंकर मिला हुआ, किरकिरा

कस करना

ज़ोर चलाना, शोषण करना

किस काम का

बेमुसर्रफ़, फ़ुज़ूल, बे कार, बेमानी

किस काम की

बेमुसर्रफ़, फ़ुज़ूल, बे कार, बेमानी

किस की बला

۔کنایہ ہے نفی سے کسی کام میں۔ ؎

किस की ख़ातिर

کسی کے لیے ، کسی کے واسطے.

किस किस दुख को रोएँ

which of my numerous grievances can I air?

किस का मुँह है

۔۔ किसे ताक़त है।

किस की सुनता है

۔کس کی بات مانتا ہے۔ کسی کی بات نہیں مانتا۔ ضدّی ہے۔ ؎

किस काम आएगा

۔فضول ہے بیکار ہے۔ ؎

किस का सर लाएँ

۔کس سے مدد چاہیں۔ ؎

किस की मानता है

हठी है, अर्थात किसी की नहीं मानता

किस किताब में है

۔خلاف قاعدہ اور خلاف دستور ہونے کی جگہ۔ ؎ ؎

किस की बनी रही है

शक्ति और सत्ता हमेशा क़ायम नहीं रहते

किस के मान का है

किसी की नहीं मानता यानी किस के क़ाबू और इख़्तियार का नहीं

किस खेत की मूली है

he has no standing

किस खेत का बथुआ हो

मेरे सामने तुम क्या बेचते हो, तुम कोई हक़ीक़त नहीं रखते

किस खेत की मूली है

तुम्हारा क्या सामर्थ्य है, तुम्हारी वास्तविक्ता क्या है

किस कान से सुनूँ

۔سننا ناگوار ہونا کی جگہ ۔ ؎

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

किस खेत की मूली हो

मेरे सामने तुम क्या बेचते हो, तुम कोई हक़ीक़त नहीं रखते

किस की माँ को माँ कहें

ग़रीब और यतीम बच्चे की निसबत कहते हैं, पहले अनुमानों में मुस्तामल था कि अगर माँ ना हो तो हम किस की माँ को माँ बनाते मगर रफ़्ता रफ़्ता आम और बच्चों के लिए मख़सूस हो गया, यानी कोई फ़र्याद रस नहीं

किस की माँ ने धौंसा खाया है

किस माँ को आफ़त आयी है जो अपनी संतान को खोना चाहेगी? किसकी दुर्भाग्यशाली माँ अपने बच्चों की तबाही चाहेगी, इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने लिए ख़ुद मुसीबत नहीं बनाता, अपना नुक़सान या अपनी बर्बादी नहीं चाहता

किस किस का मुंँह नहीं देखा

कई आदमियों से मदद माँगी, हर एक से सहायता चाही है

किस की हालत देख कर मत ललचावे जी, अजी रूखी सूखी खा कर ठंडा पानी पी

किसी की अच्छी चीज़ देख कर लालच नहीं करना चाहिए जो कुछ मिले इस पर क़नाअत करनी चाहिए

किस की रही और किस की रहेगी

ना जाने क्या हो ''दिल की उमनग निकाल लो'' की जगह बोलते हैं

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका

मुराद: हर शख़्स को ख़ुशफ़हमी होती है

किस किताब में लिखा है

ख़िलाफ़ क़ायदा और ख़िलाफ़-ए-दस्तूर होने की जगह

किस की बकरी और कौन डाले घास

अपनी चीज़ की रखवाली आप ही करनी पड़ती है, दूसरे की चीज़ की देख भाल कोई नहीं करता

किस किस दुख को झेला है

तरह तरह की तक्लीफ़े उठाई हैं

किस काफ़िर को ए'तिबार होगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آئے گا۔ ؎

किस के कान में फ़रिश्ते ने नहीं फूँका है

۔دیکھو فرشتے کا کان میں پھونکنا۔

किस की रही और किस की रह जाए

۔دل کی اُمنگ نکالنے کی جگہ بولتے ہیں۔

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

۔کسی کو اعتبار نہیں آنے کی جگہ۔ ؎

किस काफ़िर को ए'तिबार आएगा

किसी को विश्वास नहीं होगा, कोई भरोसा नहीं करेगा

किस की रही और किस की रह जाएगी

ना जाने क्या हो ''दिल की उमनग निकाल लो'' की जगह बोलते हैं

बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone