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कमाई
कमाने की क्रिया या भाव, वह जो कुछ कमाया जाय, उपाजित किया हुआ धन या संपत्ति
कमाई हुई मिट्टी
बर्तन बनाने के योग्य साफ़ की हुई और लचीली मिट्टी
कमाई फूँकना
पैसा बर्बाद करना, धन अनावश्यक ख़र्च करना, पूंजी लुटाना
कमाई करना
धन या आजीविका पैदा करना, कमाना, धन या दौलत जमा करना, रुपया पैदा करना
कमाई लुटना
कमाई लुटाना (रुक) का लाज़िम , उम्र-भर का हासिल ज़ाए हो जाना, औलाद का मरना
कमाई कमाना
धन कमाना, रूपया पैसा पैदा करना, जीविका कमाना
कमाएँ मियाँ ख़ान-ए-ख़ानाँ उड़ाएँ मियाँ फ़हीम
'उम्र भर की कमाई
उम्र भर का लाभ, सारी उम्र की आमदनी
हाथ की कमाई
अपने किए का फल, अपने किए हुए किसी कार्य का परिणाम
अकेला पूत कमाई करे, घर करे या कचहरी करे
अकेला कमाई करने वाला व्यक्ति क्या क्या कर सकता है, घर का काम करे या मेहनत और मज़दूरी करे
कड़ी कमाई का पैसा
वह आय जो बड़ी मेहनत से प्राप्त हुई हो
कोना कमाई पर तेल बुकवा
कम आय पर बनाव-श्रृंगार, कमाई-धमाई कुछ न करके शौक़ीन बने फिरना
कड़ी-कमाई
वह कमाई जिसमें बहुत मेहनत हो
नेक-कमाई
अच्छी कमाई, हलाल कमाई, अच्छे स्रोत द्वारा और वैध तरीके़ से हासिल की गई कमाई या धन
गाढ़ी कमाई
मेहनत की कमाई, कड़ी मेहनत से अर्जित धन या संपत्ति, गाढ़े पसीने की कमाई
नीच-कमाई
वह कमाई जो कमीने काम करके प्राप्त की जा; अवैध आय, नाजायज़ कमाई
बनिये की कमाई ब्याह या मकान ने खाई
बनिये बक़्क़ाल अपना रुपया पैसा विवाह या भवन निर्माण में दिल खोल कर लगाते हैं और कामों में कंजूसी दिखाते हैं
मेरी तो ले दे के सारी कमाई यही हे
(अविर) एक या दो बच्चों वाली औरत कहती है और है से पहले उन का नाम या तादाद बयान करती है
भली कमाई साध की जो लागे हर के हीत
वह रुपया बहुत अच्छा जो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए ख़र्च हो
इतने की कमाई न हुई जितने का लहंगा फट गया
बड़ी कमाई पर नोन बुकवा
अधिक आमदनी के उपरांत नमक बेचते हैं, कंजूस व्यक्ति पर व्यंग है
जनम भर की कमाई
ज़िंदगी भर की कमाई हुई दौलत, कुल असासा
बाप-दादा की कमाई
पैतृक धन, पुर्वजों की संपत्ति
हीजड़े की कमाई मड़ौनी में गई
दिल्ली की कमाई दिल्ली ही में गँवाई
कुछ बचाया नहीं सब कुछ ख़र्च कर दिया
हराम की कमाई हराम में गँवाई
हराम का माल ज़ाए जाता है, माले हराम बूओद बजाय हराम रफ़त
सय्याँ की कमाई भाई का नाम
ख़र्च किसी नाम किसी का, पैसा किसी का ख़र्च हुआ और नाम किसी का लिया
दिल्ली की कमाई काँदू के नाले में बहाई
उस जगह पर बोलते हैं कि जब कोई व्यक्ति बाहर पैसा कमा कर वहीं ख़र्च कर दे और घर ख़ाली हाथ जैसा गया था वैसा ही लौट आए
दिल्ली की कमाई बारा बंकी में गँवाई
किसी का मेहनत से पैदा क्या हो माल जब बुरी तरह ख़र्च हो जाता है तो सुनने वाला कहता है
सख़ी की कमाई में सब का साझा
उदार या दानी सब को देता है
दक्किन की कमाई काँदू नाले में गँवाई
मेहनत की कमाई को बिना कारण ख़र्च करने या बर्बाद करने के अवसर पर कहते हैं
दखन की कमाई काँधो के नाले में गँवाई
रुक : दक्कन की कमाई अलख, मेहनत से पैदा क्या हुआ पैसा जब बुरी तरह सिर्फ़ होता है तो कहते हैं
दिल्ली की कमाई भंग के भाड़े में गँवाई
सारी उम्र की मेहनत रायगां गई, या माले मुफ़्त में ज़ाए करने की बाबत कहते हैं
ख़ान-ए-ख़ानाँ की कमाई मियाँ फ़हीम ने उड़ाई
उस अवसर पर बोलते हैं जब पराया माल अंधाधुंध ख़र्च किया जाए
रंडी की कमाई, या खाए ढाड़ी या खाए गाड़ी
रंडी की कमाई केवल संगीतकार या गाड़ी-बान खाते हैं