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धरमशाला
वह मकान जो पथिकों या यात्रियों के टिकने के लिये धर्मार्थ बना हो और जिसका कुछ भाड़ा आदि न लगता हो
धर्म-वंती
धर्मानुकूल आचरण या व्यवहार करने का भाव, धार्मिकता, पुण्यात्मा, तपस्वी (औरत) दोषों और बुराइयों का त्याग, संयम
धर्म-शास्त्री
वह जो धर्मशास्त्र के अनुसार व्यवस्था देता हो, धर्मशास्त्र का विद्वान, पांडित्याभिमानी, पण्डित, विद्वान
धर्म-मंडली
(हिंदू धर्म) पूजा-पाठ के गीत गाने वालों का झुंड, देवी-देवताओं की स्तुति में गीत गाने वालों की टोली
धर्म-पुत्र
वह जो पुत्र न होते हुए भी पुत्र की तरह हो, धर्मानुसार पुत्र कहकर जिसका ग्रहण किया गया हो, पुत्रवत व्यक्ति, मानस-पुत्र
धर्म-पत्नी
संबंध के विचार से वह स्त्री, जिसके साथ धर्मशास्त्र द्वारा निर्दिष्ट रीति से विवाह हुआ हो, पत्नी, बीवी
धर्म-शास्त्र
प्राचीन भारतीय समाज तथा हिन्दुओं में, पारस्परिक व्यवहार से संबंध रखनेवाले वे सब नियम या विधान जो समाज का नियंत्रण तथा संचालन करने के लिए बड़े-बड़े आचार्य तथा महापुरुष बनाते थे और जो लोक में धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्त्वपूर्ण और मान्य समझे जाते थे, धर्म विशेष से संबंधित ग्रंथ, पौराणिक ग्रंथ
धर्म-पंथ
किसी जाति या संप्रदाय का उसकी दृष्टि में पूज्य ग्रंथ, जिसमें मनुष्य के धार्मिक व्यवहारों, पूजन-विधियों तथा सामा जिक संबंधों का निर्देशन होता है
धर्म-पति
एक व्यक्ति जो एक विधवा के प्रति अपने कर्तव्य के विषय में जानता है, धर्म के अनुसार एक विवाहित व्यक्ति; एक व्यक्ति जिसकी पहली और एकमात्र पत्नी हो
धर्म-सूसर
हिंदुओं की एक धार्मिक पुस्तक जिसमें धर्म-शास्त्र और संविधान-संबंधित सामान्य निर्देश दर्ज हैं
धर्म-चारी
धर्म के अनुसार आचरण करने वाला, धर्म का पालन करने वाला, धार्मिक, अच्छा, नेक, पवित्र, पाक दामन
धर्म-प्रधान
धार्मिक नियमों और मान्यताओं पर चलने वाला, धार्मिक; धर्मसिद्ध, जिसमें या जहाँ धर्म की प्रधानता हो
धर्म-अधीकारी
minister of justice, chief officer of justice, administrator of the law, judge, magistrate
धर्म-युद्ध
धर्म की रक्षा के लिए अथवा किसी महान उद्देश्य से किया जाने वाला युद्ध, जिहाद, मज़हबी जंग, धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए होने वाला युद्ध, धर्मार्थ युद्ध
धर्म-विवाह
धार्मिक संस्कारों से किया हुआ विवाह (ये पाँच प्रकार की है : ब्रह्म, दैव, आर्श, गंधर्ब, प्रजापत्य
धर्म-दान
बिना किसी प्रकार की फल-प्राप्ति के निहित उद्देश्य से और केवल परोपकार की दृष्टि से दिया जानेवाला दान
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