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मौला
उत्तरी भारत में होनेवाली एक प्रकार की बेल जिसकी पत्तियाँ एक बालिश्त तक लंबी होती हैं
मौला-'अली
कुछ लोग अस्सलामो अलैकुम के जवाब में बोलते हैं
मौला-ए-कुल
सब का आक़ा, सब का सरदार, कुल का मौला, अर्थात: पैग़म्बर मोहम्मद
मौला-बख़्श
सम्राट जलाल-उद्दीन अकबर के समय में एक बड़े जूते का नाम जो दुष्ट एवं उपद्रवियों के सर पर मार कर उन्हें सज़ा दी जाती थी और बड़ा डंडा या लाठी आदि जो डराने धमकाने या दंड देने के लिए प्रयोग हो
मौला-नुमा
ख़ुदा जैसा, ख़ुदा की तरह नज़र आने वाला अथवा ख़ुदा की तरफ़ ले जाने वाला, ख़ुदा तक पहुँचाने वाला
मौला-ए-यसरिब
मदीने का सरदार अर्थात पैग़म्बर मोहम्मद
मौला-महेना
फागुन का महीना, होली का महीना, फरवरी का महीना
मौलाई
मौला से संबंधित या संबद्ध, मेरे स्वामी, मेरे दाता
मौला हाथ बड़ाइयाँ जिस चाहे तिस
इज़्ज़त अल्लाह ताला के क़बज़े में है, जिसे चाहे उसे दे
मौला हाथ बड़ाइयाँ जिस चाहे तिस दे
इज़्ज़त अल्लाह ताला के क़बज़े में है, जिसे चाहे उसे दे
मौला हाथ बड़ाइयाँ, जिस चाहे तिस दे
सारा सम्मान और बड़ाई ईश्वर के हाथ में हैं जिसे चाहता है देता है
मौला के नाम दयजा फ़क़ीरों की सदा मौलना
विशेष रूप से जलालुद्दीन रूमी की उपाधि
मौला यार तो बेड़ा पार
ईश्वर दया या कृपा करे तो सारी दुविधाएँ दूर हो जाती हैं
मौलानाइय्यत
मौलानापन; (संकेतात्मक) बुज़ुर्गी, चरित्रवान
महँग-मौला
महँगा बेचने वाला, वह व्यापारी जो महँगा बेचता हो, महँगा विक्रेता
मस्त-मौला
स्वेच्छा-चारी, बेपरवाह व्यक्ति, निश्चेत व्यक्ति, अनभिज्ञ व्यक्ति
हाए-मौला
दुख, पीड़ा या फ़रियाद के अवसर पर ईश्वर या अल्लाह को पुकारने वाला
'आशिक़-ए-मौला
ख़ुदा का आशिक़, भगवान का प्रेमी
औला-मौला
मूर्ख, कुंद, बेवक़ूफ़, गँवार, अनाड़ी
दौला-मौला
स्वतंत्र स्वभाव वाला, मस्तमौला
फ़ज़्ल-ए-मौला
दे. 'फ़ज्ले खुदा', फ़क़ीरों की दुआ, जिसका अर्थ है तुम पर खुदा का साया रहे।
मन-कुंतु-मौला
(हदीस) (अरबी वाक्य उर्दू में प्रयुक्त) मैं जिसका मित्र हूँ, मैं जिसका स्वामी हूँ, अर्थात: अली (पैग़म्बर मोहम्मद साहब के दामाद)
हर फ़न मौला
हर एक काम में ताक़, सब कामों में कुशल, बहुत होशियार, अनेक विधाएँ जानने वाला,
जिधर मौला उधर आसिफ़-उद-दौला
आसिफ़-उद-दौला वाली अवध ने लखनऊ में अकाल के दिनों में शरीफ़ों एवं अन्य लोगों के लिए मेहनत-मज़दूरी का प्रबंध किया था कि शरीफ़ लोग रात के अँधियारे में पहचाने जाने के अपमान से बचे रहें, ये मसल मशहूर थी कि 'जिसे न दे मौला उसे दिलाएँ आसिफ़-उद-दौला'
जिस तरफ़ मौला उधर दौला
ख़ुदा मेहरबान हो तो हाकिम भी मेहरबान हो जाता है
फ़ज़्ल-ए-मौला-अज़-हमा-औला
ख़ुदा की मेहरबानी हर चीज़ से अफ़ज़ल है
मर्ज़ी मौला अज़ हमा औला
हर मुआमले में ख़ुदा की रज़ा पर राज़ी रहना चाहिए, मालिक की रज़ा सब से बेहतर है (किसी मुआमले में इंसान की बेबसी के मौक़ा पर मुस्तामल)
मेरे मौला
मेरे अल्लाह, कष्ट या सकंट के समय कहते हैं
क्या करेगा दौला जिसे दे तिसे मौला
अल्लाह के दीन में किसी का नियंत्रण नहीं है
जिस को दे मौला , उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला
आसिफ़ अलद विला उसी को दिलवाते हैं जिसे ख़ुदा देता है (आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी)
जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला
आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)
जिधर मौला उधर दौला
ख़ुदा जिस पर मेहरबान हो उस पर सब मेहरबान होते हैं
ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला
सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा