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जातक
नवजात शिशु, बच्चा, बालक, कारंडी, बत, बौद्धभिक्षु, फलित ज्योतिष का एक भेद जिसके अनुसार कुंडली देखकर उसका फल कहते हैं, वह शाखा जिसमें शिशु का भविष्य देखा जाता है, एक प्रकार की बौद्ध कथाएँ जिनमें महात्मा बुद्धदेव के पुर्वजन्मों की बातें होती हैं, महात्मा बुद्ध के बोधिसत्व रूप पुर्व जन्मों की कथाएँ, जातकर्म संस्कार, एकजातीय वस्तुओं का समूह, हींग का पेड़
जौतुक
वह संपत्ति जो कन्या के पितृवर्ग की ओर से वरपक्ष को दी जाती है, विवाह में मिला हुआ धन, यौतुक, दहेज, उपहार, चढ़ावा
जातक-कहानियाँ
stories narrated in moral teachings of Buddhism
जूती को क्या ग़रज़
क्या संबंध, लगाव है, क्या आवश्यकता, क्या ज़रूरत है (नाराज़गी या घृणायुक्त भाव प्रकट करने के लिए)
जीत की हवा भी अच्छी
जीत का शुभ समाचार भी सुहाना होता है
जूते का आशना
वह व्यक्ति जो जूते या मार के डर से कहा माने या क़ाबू में रहे
जो टका देगा उस का खेलेगा
जो ख़र्च करेगा वो तकीफ़ भी उठाएगा या उसे फ़ायदा भी होगा
जूते के ज़ोर से
बलपूर्वक, ताक़त से, ज़बरदस्ती
जित-किरोध
وہ جس نے اپنے غصے پر قابو پا لیا ہو، جو غصے میں نہ آ ئے
जूते का आश्ना
وہ شخص جو جوتے یا مار کے ڈر سے کہا مانے یا قابو میں رہے
जेट के भरोसे पेट पाले, मुवा पालेगा या टालेगा
किसी के भरोसे से रहना ग़ैर यक़ीनी बात है
जूती के तले से नाक काट लेना
जत्का
पहाड़ी नामक लता जिसकी पत्तियाँ औषधि के काम आती हैं
जातिका
books of Buddhist religion describing the previous lives of Buddha
हाजत-ख़्वाह
मांगने वाला, जरूरतमंद, अभावग्रस्त, फ़क़ीर, कामनापूति चाहने वाला
ज़ीताक़ी
अगर अर्थात ऊद की एक प्रकार
जताड़ा
कुल, ख़ानदान, वंश, घराना, पीढ़ी
जूती की नोक के बराबर न होना
जूती की बराबर ना समझना (रुक) का लाज़िम
जुतड़ी
رک : جُوتی جس کی یہ تصغیر ہے.
जूती को ग़रज़ पड़ी
रुक : जूती को क्या ग़रज़ (है)
जीता करना
जीवित करना, जीवन देना, जिलाना
ज़ात-ए-अक़्दस
पुण्यात्मा और पवित्र व्यक्तित्व, बहुत पावन शख़्सियत, बहुत पाकीज़ा ज़ात
जी अटकना
रूह ना निकलना, (की आस इंतिज़ार वग़ैरा की वजह से) ज़िंदा रहना, की शैय का मुंतज़िर रहना
जुट करना
हिंदू जब घर बनाते हैं तो सबसे पहले उसमें ब्राह्मणों से पूजा करवाते हैं, फिर ब्राह्मणों और समुदाय के लोगों की भोज करके उसमे रहने लगते हैं, इस रस्म को जुट करना कहा जाता है
जात-करम
हिंदुओं में बालक के जन्म के समय किया जाने वाला एक संस्कार, सोलह संस्कारों में से एक
जूतेकारी
जूतों से मार-पीट, दंगा-फ़साद
ज़ात उकना
मूल वंश का वर्णन कर देना, वंश या कुल के दोष स्पष्ट कर देना
जूती खाना
रुक : जूतीयां खाना (जो ज़्यादा मुस्तामल है)
जूते को सलाम करना
अधीनस्थ का आदेश मानना, अत्यधिक विनम्रता दिखाना
ज़ात उकट डालना
मूल वंश का वर्णन कर देना, वंश या कुल के दोष स्पष्ट कर देना
ज़ात के बुलय्या बराबर बैठा कम ज़ात के बुलय्या नीचे बैठा
एक पदवी वालों से समान व्यवहार किया जाता है और निम्न पद वाले से घृणा का, अपने समान आदमियों का सम्मान करनी चाहिए, नीच कमीनों को नीचे बैठना चाहिए
ज़ात ख़ुदा की बे'ऐब है
प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई बुराई है, केवल ईश्वर ही हर दोष और हर बुराई से मुक्त है
जाट की बेटी बामन के घर आई
छोठे दर्जे का हो कर बड़ा सम्मान पाना, अदना हो कर बड़ी इज़्ज़त पाई
जाट की बेटी और बाबा जी नाँव
कमतर हो कर उम्दा नाम , जब कोई शख़्स अपने आप को बुज़ुर्ग ज़ाहिर करे और दरहक़ीक़त कुछ भी ना हो तो कहते हैं
जीते का घर और मुए की क़ब्र
यानी तुम्हारी चालाकियों को में ख़ूब जानता हूँ
जूत-ख़ोरा
جوتیاں کھانے والا ، ذلیل ، رزیل
जूती की मार
जूतों की मार, जूती मारना, मार पीट
जूती की नोक
जूती का अगला सिरा जो आगे बढ़ा हुआ होता है; (लाक्षणिक) बेहक़ीक़त, हक़ीर चीज़
जूती-ख़ोर
वह व्यक्ति जिस की पिटने की आदत हो,