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पकौड़ा
बेसन, आलू, प्याज़, हरी सब्ज़ियों और मसालों से युक्त तेल में तला हुआ व्यंजन, बड़ी पकौड़ी, घी, तेल आदि में तलकर फुलाई हुई बेसन या पीठी की ऐसी बड़ी जिसके अन्दर प्रायः कोई और चीज भी भरी रहती है, बड़ी फुल्की, जो चीज़ गोल और फूली हुई हो उसे भी एक रूपक के रूप में कहते हैं, जैसे पकैड़ा सी नाक
पकौड़ी
'पकौड़ा' का स्त्रीलिंग तथा अल्प रूप, चने या मटर आदि के बेसन की बरी, बेसन की पकौड़ी, फुलोरी, फुलकी, पकौड़ी
पड़ोदी
आंत की आंतरिक सतह पर की महीन झिल्ली जिसमें सूजन हो जाने के कारण एक प्रकार का ज़हरीला बुख़ार हो जाता है
पंकड़ा
(मत्स्य, माही) बिज्जू के समान नीलिमा एवं कालिमा लिए हुए बड़े प्रकार की छलकार मछली ग्यारह-बारह सेर तक भारी और मुँह छिपकली के समान
पै-कड़ा
iron chains (for the legs of convicts), fetters, ornamental rings worn on the ankles, anklets
चोर को पकड़े गाँठ से, छिनाल को पकड़े खाट से
चोर को चोरी करते और वेश्या को बुरा काम कराते पकड़ना चाहिए तो फिर सबूत काफ़ी होता है वर्ना निरा लांक्षन माना जाता है
हाथ हेकड़ा न पाँव पेकड़ा
हाथ पांव के ज़ेवर के बगै़र, ना हाथ में ज़ेवर है ना पांव में , इस औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं जो बगै़र किसी ज़ेवर या क़ीमती कपड़े के हो
मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता
۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔
नया मुसलमान अल्लाह ही अल्लाह पुकारे
जब आदमी कोई नया मज़हब इख़तियार करता है तो इस के उसूलों पर बड़े शुद-ओ-मद से अमल करता है
चिड़िया के छिनाले में पकड़ा जाना
मुफ़्त की संकट में फंसना, मुफ़्त की संकट और अप्रत्याशित विपत्ति में फंसना
मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता
मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता
माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे
अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा
मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता
बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता
मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती
बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता
माँ मारे और माँ ही पुकारे
अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा
दुम पकड़ी भेड़ की वार हुए न पार
कमज़ोर आदमी की इमदाद से कुछ फ़ायदा नहीं होता , कमज़ोर आदमी का सहारा लेने वाला आदमी नाकाम रहता है
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