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दाल्या
دال سے نِسبت رکھنے والا ؛ حرف دال سے مُتعلق .
दो-लाई
दो विभिन्न परतों वाला कपड़ा जिसका अब्रा और अस्तर परस्पर सिया जाता है, कभी-कभी इसमें पतली सी रूई भरी होती है
दलिया
गेहूं, जो या ज्वार वग़ैरो के दिले हुए दानों की पुतली हरीरे की तरह पकाई हुई ग़िज़ा जो हसब-ए-ज़रूरत मीठी, नमकीन मुर्ग़न या सादा होती है
दुलाई
कपड़े की दो परतों में रुई भरकर सिला हुआ ओढ़ने का मोटा कपड़ा, ओढ़ने की रुईदार चादर, हलकी रज़ाई, लिहाफ़
'अदलिया
न्यायतंत्र, न्याय विभाग जिसमें मजिस्ट्रेट, न्यायाधीश और न्यायालय शामिल हैं, मुकदमेबाज़ी एजेंसी
न ईंट डालिये न छींट खाइये
ना किसी को बुरा कहो ना किसी से बुरा सुनो , ना बुरे काम में पड़ते ना बदनामी होती
डलिया ढोना
टोकरी भर-भर के एक जगह से दूसरी जगह ले जाना; कठिन परिश्रम मजदूरी करना
दल्या बनाना
(मजाज़न) कुचल कर रेज़ा रेज़ा कर देना
न ईंट डालिए न छींट खाईए
۔ مثل۔نہ موری میں اینٹ ڈالو گے نہ چھینٹ پڑے گی۔ نہ بُرا کہو نہ بُرا سنو۔
कोदों का दल्या
त्रुटिपूर्ण अथवा घटिया और स्वादरहित खाना
जिस को दे मौला , उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला
आसिफ़ अलद विला उसी को दिलवाते हैं जिसे ख़ुदा देता है (आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी)
जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला
आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)
मकई का दलिया
(चिकित्सा) मकई के दानों को दल कर तैयार किया हुआ दलिया (भोजन के रूप में)
कुछ दिलाइए
कोई शैय दें या दिलाएं , ख़ैरात दिलवाईं
दाल-दलिया
रुखा-सूखा खाना, साधारण पोषण, ग़रीब लोगों का खाना
दाल-दलिया
थोड़ा बहुत प्रबंध, जीविका के योग्य उपार्जन या पेशा, कुछ न कुछ काम
बख़्तों के बलिया, पकाई खीर हो गया दलिया
जब क़िस्मत ना मुवाफ़िक़ हो तो बना बनाया काम बिगड़ जाता है
नसीबों के बलिया, पकाई खीर हो गया दलिया
قسمت کی بد نصیبی کیا کچھ اور کیا ہوگیا
आटा नहीं तो दलिया जब भी हो जाएगा
खीर का दलिया हो जाना
۔(कनाएৃब) क़िस्मत उलट जाना। कुछ से कुछ होजाना की जगह।
हंडिया-डलिया
رک : ہنڈیا ڈوئی جو زیادہ مستعمل ہے ، باورچی خانے کا سامان
जिस को दाता चाहे, उसी को माल दिलाए
दौलत ख़ुदा की देन है, जिसे चाहता है उसे दिलवाता है
नसीब के बलिया , पकाई थी खीर हो गया दलिया
किसी काम के बिगड़ जाने पर कहते हैं
चना कहे मेरी ऊँची नाक घर दलिये दौ घर राड़, जो खावे मेरा एक टूक पानी पीवे सौ सौ घूँट
चने के दिलने की आवाज़ बहुत दूर तक जाती है और उसे खा कर बहुत प्यास लगती है
नसीबों की बलिया पकाई खीर, हो गया दल्या
जब क़िस्मत ख़राब हो तो अच्छा काम भी बुरा हो जाता है
जिस घर होवे पुरूष कुचलिया, उस घर होवे खीर का दलिया
जहाँ पति ख़राब हो वहाँ हर बात ख़राब होती है
जिस घर होवे पुर्ख कुचलिया, उस घर होवे खीर का दलिया
जहाँ पति ख़राब हो वहाँ हर बात ख़राब होती है
सुख़न उन्हीं पर डालीए जो हँस हँस राखें मान
उन्हें से माँगना चाहीए जो हंसी ख़ुशी देना जानते हूँ
कुछ दिए कुछ दिलाए कुछ का देना ही क्या
टाल मटोल करने वाले आदमी की निसबत कहते हैं