खोजे गए परिणाम
"aarzuu.o.n" शब्द से संबंधित परिणाम
अर्ज़ां
कम या थोड़े मूल्य का, सस्ता, मंदा
अर्ज़न
एक छोटी प्रकार का अनाज जिसके दाने सागूदाने के सामान सफेदयुक्त होते हैं, प्रायः पालतू परिन्दों को खिलाया जाता है, चेना
अर्ज़ीन
‘अर्ज़' का बहुवचन, ज़मीनें
'अर्ज़न
निम्न रूप से, आश्रित, आकस्मिक अथवा संयोग से, सामर्थ्य अथवा अधिकार क्षेत्र से बाहर (अस्लन का विलोम)
अर्ज़ां-फ़रोश
सस्ता बेचने वाला, जो बहुत कम लाभ पर सौदा बेचे
अर्ज़ां-फ़रोशी
कम लाभ पर सौदा बेचना, सस्ता माल बेचना
अराज़ी-ए-नौ-बर-आमद
tract of land appearing owing to the change of course of a river
अर्ज़ां होना
قیمت گرنا ، قدر کم ہونا ، مول کم ہونا ۔
अर्ज़ां-ब-'इल्लत
चीज़ अगर सस्ती है उसमें ज़रूर कुछ न कुछ ख़राबी होगी (कभी इसके साथ गिराँ बहिकमत भी कहा जाता है)
अर्ज़ानी फ़रमाना
प्रदान करना, बख़्शना, दयापूर्वक छोड़ देना, देना
अर्ज़िंदा
लायक़, मुनासिब, निभने के क़ाबिल
अर्ज़ानी करना
प्रदान करना, देना, उपहार करना
अर्ज़ानी रखना
present, give away, give gratuitously
अर्ज़ानी होना
उपलब्ध होना, दस्तियाब होना, मिलना
आरज़ू निकलना
आरज़ू निकलना जिसका यह अकर्मक है
'अर्ज़ी-नवीस
याचिका लेखक, दरख़्वास्त या अर्ज़ी लिखने वाला, मुंशी
'अराइज़-नवीस
वो व्यक्ति जो कचहरी में दी जाने वाली दरख़ास्तें, अर्ज़ीयां और दूसरे किस्म के दस्तावेज़ लिखने का सरकारी तौर पर अधिकृत हो
'अर्ज़ी-नवीसी
عرض نویس کا کام ، منشی گیری.
'अराइज़-नवीसी
عرائض نویس کا منصب ، درخواستیں لکھنے کا کام یا پیشہ.
'अरीज़ा-निगार
पत्र लिखनेवाला, पत्र-लेखक, ख़त लिखने वाला, अर्ज़ी लिखने वाला, दरख़्वास्त-गुज़ार
'अरूज़-निगार
छंदःशास्त्र पर किताब लिखने वाला
आई रोज़ी नहीं तो रोज़ा
कुछ मिल गया तो खा पी लिया नहीं तो भूखा रह गया, भरोसे और संतोष पर गुज़र बसर है
'अर्ज़ानी-टीले
(भुगोल) अरज़ानी टीले छोटे-छोटे टीले होते हैं और उनकी दिशा वायु प्रवाह के साथ समकोण बनाता है
'अरीज़ा-ए-नियाज़
ऐसा ख़त जिसमें अक़ीदत और आस्था का इज़हार हो, बुज़ुर्गों या अफ़सरों को लिखा ख़त
'आरिज़ी-इंतिज़ाम
arrangement on temporary basis
'अर्ज़ी-नालियाँ
चौड़ाई वाली नालीयाँ, नालीयाँ जो चौड़ाई में हों
ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे
ग़ल्ला गर अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे
सुहाग भाग अरज़ानी, चूल्हे आगम न घड़े पानी
आवभगत बहुत अधिक लेना-देना कुछ नहीं
सुहाग भाग अरज़ानी, चूल्हे आग न घड़े पानी
आवभगत बहुत अधिक लेना-देना कुछ नहीं
गराँ ब-हिकमत, अर्ज़ां ब-'इल्लत
(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ बेशक़ीमत हो अच्छी होती है और जोशे कम क़ीमत हो या अर्ज़ां हो इस में ख़राबी होती है