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चार-आइना

एक चौकोर लोहे का पात्र जो तीर आदि के बचाव के लिए कपड़ों के नीचे छाती पर पहना जाता था

चार-आईना

एक प्रकार का कवच या बख़्तर जिसमें लोहे की चार पटरियाँ जुड़ी रहती है

चाँद न चाहे बुंदा

सौंदर्य और सुंदरता को किसी आभूषण की आवश्यकता नहीं है

चाँद ने खेत किया

new moon rose

चोर लेवे न शाह छेड़े

यानी बड़ी हिफ़ाज़त से है या ऐसी शैय है कि बज़ाहिर कुछ क़दर नहीं रखती मगर दरअसल बेशक़ीमत है

लंगड़े ने चोर पकड़ा, दौड़ियो अंधे मियाँ

एक हास्यजनक बात, अंधा न तो चोर ही पकड़ सकता है और न लंगड़ा दौड़ ही सकता है

लंगड़े ने चोर पकड़ा, दौड़ियो बे अंधे

एक हास्यजनक बात, अंधा न तो चोर ही पकड़ सकता है और न लंगड़ा दौड़ ही सकता है

चोर गठड़ी ले गया बेगारियों ने छुट्टी पाई

किसी हीले से मेहनत से बचना , मुसीबत टली, ख़लासी हुई

धोबी के घर पड़े चोर, वो न लुटा लुटे और

ज़ाहिर में नुक़सान किसी का और असल में किसी और का, धोबी की चोरी हो तो दूसरों का माल जाता है

मैं ने चार बरसातें ज़्यादा देखी हैं

यानी में तुम से ज़्यादा उम्र रसीदा और ज़्यादा तजरबाकार हूँ

चाँद आसमान चढ़ा सब ने देखा

जो व्यक्ति तरक़्क़ी करता है उसे सब सराहते हैं

सुख सोवें शैख़ और चोर न भाँडे ले

आदमी ग़फ़लत करे तो नुक़्सान उठाता है, शेख़ आराम की नींद सविता है, क्योंकि उस की मुफ़लिसी के बाइस इस के यहां चोरी नहीं होती

चोर का माल सब खाए, चोर के साथ कोई न जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

'ईद का चाँद न देखा , रुख़-ए-ज़ेबा देखा

महबूब के चेहरे की तारीफ़ में कहते हैं कि ख़ूबसूरत चेहरा देखना ईद का चांद देखने के बराबर है

दो में न चार में

بے وقعت ، غیر اہم ، غیر متعلق .

आप से चार बर सातें मैं ने ज़्यादा देखी हैं

मैं आपसे ज़्यादा अनुभवी और परिपक्व हूँ, में आप से ज़्यादा उन चालों को समझता हूँ

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

मुँह न तोह नाम चाँद ख़ाँ

جس صفت میں مشہور ہے اس کے خلاف صف سے متصف ہے، (کسی میں) شہرت کے مطابق صفت نہیں پائی جاتی بلکہ اس سے متضاد صفت پائی جاتی ہے

माई बाप के लातें मारे मेहरी देख जुड़ाय, चारों धाम जो फिरे आवे तबहूँ पाप न जाय

जो अपनी बीवी की ख़ातिर माता-पिता को मारे यदि वो सारी दुनिया के तीर्थ फिर आए फिर भी उसका पाप नहीं धुलेंगे

चोर, जुवारी, गठ-कटा, जार और नार छिनार, सौ सौ सौगंध खाएँ जो मोल न कर इतबार

चोर, जवारी, गठ-कटा, चरित्रहीन मर्द, दुश्चरित्र औरत, ये कितनी ही सौगंध खाएँ कि बुरा काम छोड़ देंगे, कदापि 'एतबार नहीं करना चाहिए

दिया तो चाँद था, न दिया तो मुँह माँद था

दान-पुण्य ही से नाम होता है वर्ना कोई वर्णन या बखान नहीं करता

दिया तो चाँद था, न दिया तो माँद था

दान-पुण्य ही से नाम होता है वर्ना कोई वर्णन या बखान नहीं करता

चाँद को भी ख़ुदा ने दाग़ लगा दिया है

संसार में कोई भी निर्दोष, बेगुनाह और बेदाग़ नहीं है

दोस क्या दीजिए चोर को साहब, बंद जब आप घर का दर न किया

जब ख़ुद हिफ़ाज़त नहीं की तो चोर का क्या क़सूर

पीर को न शहीद को पहले काने चोर को

जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने आप को औरों पर मुक़द्दम समझे तो उस वक़्त कहते हैं

आँख न नाक बन्नो चाँद सी

उस बदसूरत या कुरूप के लिए व्यंगात्मक तौर पर प्रयुक्त होता है जो अपने को सुंदर जाने

आँख न देखो बहू चाँद सी

आँख का ख़याल मत करो वैसे बीवी बहुत अच्छी है

पीर को न फ़क़ीर को पहले काने चोर को

जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने आप को औरों पर मुक़द्दम समझे तो उस वक़्त कहते हैं

नक़्द को छोड़ नए को न दौड़िइये

आइन्दा फ़ायदे की उमीद में जो मिले उसे ना छोड़ना चाहिए, मौजूदा फ़ायदा छोड़ ना

आसमान पर चाँद निकला सब ने देखा

उस अवसर पर प्रयुक्त है जहां यह कहना हो कि यह कोई ढकी छिपी बात नहीं, इस बात से सब अवगत हैं, इस मुद्दे को छिपाया नहीं जा सकता

इन बे-चारों ने हींग कहाँ पाई जो बग़ल में लगाई

इस काम की योग्यता नहीं रखते, उनमें इतनी बुद्धिमानी नहीं है, उनमें इतनी बुद्धि कहाँ कि यह काम करते

चीज़ न रखे आपनी चोरों गाली दे

जो शख़्स अपनी चीज़ को सेंत सिनहाल कर ना रखे और दूसरों पर इल्ज़ाम लगाए उस की निसबत कहते हैं

न देखा चोर बाप बराबर

बिना देखे किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए, किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए, जिसे अपराध करते न देखा हो वह अच्छा है

आँख चार न होना

लज्जित होना, लजाना, लाज या शर्म से सिर नीचा होना

चीज़ न राखो अपनी और चोरों गाली दो

रुक : चीज़ ना रखे अलख

चोर चोरी से जाए, हेरा फेरी से न जाए

बुरी 'आदत नहीं जाती

चोर चोरी से जाए हेरा फेरी से न जाए

a habit leaves its traces even after it is given up

आँखें चार न करना

शर्माना, लजाना, नज़र सामने न करना

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ जहाँ जाए वहीं मुँडे

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

आधी को छोड़ सारी को धावे ऐसा डूबे थाह न पावे

वह व्यक्ति जो उपस्थित वस्तु को छोड़ कर अधिक की ओर भागता है वह उपस्थित वस्तु को भी खो देता है, लालची सदा हानि उठा

आधी छोड़ सारी को जावे आधी रहे न सारी पावे

वह व्यक्ति जो मौजूद चीज़ को छोड़ कर ज़्यादा की ओर भागता है वह मौजूद चीज़ को भी खो देता है, लालची हमेशा नुक़्सान उठाता है

तुम ने दिल से निकाला , शहर तेरा हम छोड़ देंगे

تم نے دل سے نکالا شہر تیرا ہم چھوڑ دینگے

इन बे-चारों ने हींग कहाँ पाई

इस काम की योग्यता नहीं रखते, उनमें इतनी बुद्धिमानी नहीं है, उनमें इतनी बुद्धि कहाँ कि यह काम करते

सर पर चार उँगलियाँ न रखना

सलाम तक न करना, सलाम के लिए हाथ भी न उठाना

आधी को छोड़ सारी को धावे आधी भी हाथ न आवे

वह व्यक्ति जो उपस्थित वस्तु को छोड़ कर अधिक की ओर भागता है वह उपस्थित वस्तु को भी खो देता है, लालची सदा हानि उठाता है

आधी को छोड़ सारी को धावे आधी रहे न सारी पावे

वह व्यक्ति जो उपस्थित वस्तु को छोड़ कर अधिक की ओर भागता है वह उपस्थित वस्तु को भी खो देता है, लालची सदा हानि उठाता है

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ तो जहाँ जाएगी मूँडी जाएगी

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

आधी छोड़ सारी को जाए आधी रहे न सारी पाए

वह व्यक्ति जो मौजूद चीज़ को छोड़ कर ज़्यादा की ओर भागता है वह मौजूद चीज़ को भी खो देता है, लालची हमेशा नुक़्सान उठाता है

और न छोर

न शुरू न अख़ीर, शैतान का अंत

मैं ने तेरी छाछ छोड़ी, कुत्तों से छुड़ा

में फ़ायदे से बाज़ आया, मुझे नुक़्सान से बचा

बड़ा पत्थर न उठ सके तो तीन सलाम कर के छोड़ दीजिये

जो कार्य न हो सकता हो उसे छओड़ ही देना चाहिए

आप ने मुझे मोल ले कर छोड़ दिया है

आपने मुझ पर बड़ा उपकार किया है, दया प्रकट करने में प्रयुक्त

जुम'आ छोड़ सनीचर नहाए उस के जनाज़े में कोई न जाए

मुस्लमान प्रायः शुक्रवार को ज़रूर स्नान करते और कपड़े बदलते हैं

सुख सोवे कुम्हार जाकी चोर न लेवे मटिया

कुम्हार सुख की नींद सोता है क्यूँकि चोर उसके बर्तन नहीं चुराता

चाहने के नाम से गधी ने भी खेत खाना छोड़ दिया

जहां किसी ने किसी को अपनी मुहब्बत जता दी वो नाज़ करने ओ मिज़ाज दिखाने लगता है

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

जिस का ओर है न छोर

जिस की था, नहीं, जो बहुत बड़ा है, समुंद्र के मुताल्लिक़ कहते हैं

आँख न नाक, बन्नी चाँद-सी

उस बदसूरत या कुरूप के लिए व्यंगात्मक तौर पर प्रयुक्त होता है जो अपने को सुंदर जाने

सुख सोवे कुम्हार जो चोर न ले वा की मटिया

कुम्हार सुख की नींद सोता है क्यूँकि चोर उसके बर्तन नहीं चुराता

जो आधी को छोड़ सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

a bird in hand is worth two in the bush, it is better to accept something small than to reject it and hope to get more later on

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चार-आइना

एक चौकोर लोहे का पात्र जो तीर आदि के बचाव के लिए कपड़ों के नीचे छाती पर पहना जाता था

चार-आईना

एक प्रकार का कवच या बख़्तर जिसमें लोहे की चार पटरियाँ जुड़ी रहती है

चाँद न चाहे बुंदा

सौंदर्य और सुंदरता को किसी आभूषण की आवश्यकता नहीं है

चाँद ने खेत किया

new moon rose

चोर लेवे न शाह छेड़े

यानी बड़ी हिफ़ाज़त से है या ऐसी शैय है कि बज़ाहिर कुछ क़दर नहीं रखती मगर दरअसल बेशक़ीमत है

लंगड़े ने चोर पकड़ा, दौड़ियो अंधे मियाँ

एक हास्यजनक बात, अंधा न तो चोर ही पकड़ सकता है और न लंगड़ा दौड़ ही सकता है

लंगड़े ने चोर पकड़ा, दौड़ियो बे अंधे

एक हास्यजनक बात, अंधा न तो चोर ही पकड़ सकता है और न लंगड़ा दौड़ ही सकता है

चोर गठड़ी ले गया बेगारियों ने छुट्टी पाई

किसी हीले से मेहनत से बचना , मुसीबत टली, ख़लासी हुई

धोबी के घर पड़े चोर, वो न लुटा लुटे और

ज़ाहिर में नुक़सान किसी का और असल में किसी और का, धोबी की चोरी हो तो दूसरों का माल जाता है

मैं ने चार बरसातें ज़्यादा देखी हैं

यानी में तुम से ज़्यादा उम्र रसीदा और ज़्यादा तजरबाकार हूँ

चाँद आसमान चढ़ा सब ने देखा

जो व्यक्ति तरक़्क़ी करता है उसे सब सराहते हैं

सुख सोवें शैख़ और चोर न भाँडे ले

आदमी ग़फ़लत करे तो नुक़्सान उठाता है, शेख़ आराम की नींद सविता है, क्योंकि उस की मुफ़लिसी के बाइस इस के यहां चोरी नहीं होती

चोर का माल सब खाए, चोर के साथ कोई न जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

'ईद का चाँद न देखा , रुख़-ए-ज़ेबा देखा

महबूब के चेहरे की तारीफ़ में कहते हैं कि ख़ूबसूरत चेहरा देखना ईद का चांद देखने के बराबर है

दो में न चार में

بے وقعت ، غیر اہم ، غیر متعلق .

आप से चार बर सातें मैं ने ज़्यादा देखी हैं

मैं आपसे ज़्यादा अनुभवी और परिपक्व हूँ, में आप से ज़्यादा उन चालों को समझता हूँ

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

मुँह न तोह नाम चाँद ख़ाँ

جس صفت میں مشہور ہے اس کے خلاف صف سے متصف ہے، (کسی میں) شہرت کے مطابق صفت نہیں پائی جاتی بلکہ اس سے متضاد صفت پائی جاتی ہے

माई बाप के लातें मारे मेहरी देख जुड़ाय, चारों धाम जो फिरे आवे तबहूँ पाप न जाय

जो अपनी बीवी की ख़ातिर माता-पिता को मारे यदि वो सारी दुनिया के तीर्थ फिर आए फिर भी उसका पाप नहीं धुलेंगे

चोर, जुवारी, गठ-कटा, जार और नार छिनार, सौ सौ सौगंध खाएँ जो मोल न कर इतबार

चोर, जवारी, गठ-कटा, चरित्रहीन मर्द, दुश्चरित्र औरत, ये कितनी ही सौगंध खाएँ कि बुरा काम छोड़ देंगे, कदापि 'एतबार नहीं करना चाहिए

दिया तो चाँद था, न दिया तो मुँह माँद था

दान-पुण्य ही से नाम होता है वर्ना कोई वर्णन या बखान नहीं करता

दिया तो चाँद था, न दिया तो माँद था

दान-पुण्य ही से नाम होता है वर्ना कोई वर्णन या बखान नहीं करता

चाँद को भी ख़ुदा ने दाग़ लगा दिया है

संसार में कोई भी निर्दोष, बेगुनाह और बेदाग़ नहीं है

दोस क्या दीजिए चोर को साहब, बंद जब आप घर का दर न किया

जब ख़ुद हिफ़ाज़त नहीं की तो चोर का क्या क़सूर

पीर को न शहीद को पहले काने चोर को

जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने आप को औरों पर मुक़द्दम समझे तो उस वक़्त कहते हैं

आँख न नाक बन्नो चाँद सी

उस बदसूरत या कुरूप के लिए व्यंगात्मक तौर पर प्रयुक्त होता है जो अपने को सुंदर जाने

आँख न देखो बहू चाँद सी

आँख का ख़याल मत करो वैसे बीवी बहुत अच्छी है

पीर को न फ़क़ीर को पहले काने चोर को

जब कोई कम हैसियत शख़्स अपने आप को औरों पर मुक़द्दम समझे तो उस वक़्त कहते हैं

नक़्द को छोड़ नए को न दौड़िइये

आइन्दा फ़ायदे की उमीद में जो मिले उसे ना छोड़ना चाहिए, मौजूदा फ़ायदा छोड़ ना

आसमान पर चाँद निकला सब ने देखा

उस अवसर पर प्रयुक्त है जहां यह कहना हो कि यह कोई ढकी छिपी बात नहीं, इस बात से सब अवगत हैं, इस मुद्दे को छिपाया नहीं जा सकता

इन बे-चारों ने हींग कहाँ पाई जो बग़ल में लगाई

इस काम की योग्यता नहीं रखते, उनमें इतनी बुद्धिमानी नहीं है, उनमें इतनी बुद्धि कहाँ कि यह काम करते

चीज़ न रखे आपनी चोरों गाली दे

जो शख़्स अपनी चीज़ को सेंत सिनहाल कर ना रखे और दूसरों पर इल्ज़ाम लगाए उस की निसबत कहते हैं

न देखा चोर बाप बराबर

बिना देखे किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए, किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए, जिसे अपराध करते न देखा हो वह अच्छा है

आँख चार न होना

लज्जित होना, लजाना, लाज या शर्म से सिर नीचा होना

चीज़ न राखो अपनी और चोरों गाली दो

रुक : चीज़ ना रखे अलख

चोर चोरी से जाए, हेरा फेरी से न जाए

बुरी 'आदत नहीं जाती

चोर चोरी से जाए हेरा फेरी से न जाए

a habit leaves its traces even after it is given up

आँखें चार न करना

शर्माना, लजाना, नज़र सामने न करना

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ जहाँ जाए वहीं मुँडे

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

आधी को छोड़ सारी को धावे ऐसा डूबे थाह न पावे

वह व्यक्ति जो उपस्थित वस्तु को छोड़ कर अधिक की ओर भागता है वह उपस्थित वस्तु को भी खो देता है, लालची सदा हानि उठा

आधी छोड़ सारी को जावे आधी रहे न सारी पावे

वह व्यक्ति जो मौजूद चीज़ को छोड़ कर ज़्यादा की ओर भागता है वह मौजूद चीज़ को भी खो देता है, लालची हमेशा नुक़्सान उठाता है

तुम ने दिल से निकाला , शहर तेरा हम छोड़ देंगे

تم نے دل سے نکالا شہر تیرا ہم چھوڑ دینگے

इन बे-चारों ने हींग कहाँ पाई

इस काम की योग्यता नहीं रखते, उनमें इतनी बुद्धिमानी नहीं है, उनमें इतनी बुद्धि कहाँ कि यह काम करते

सर पर चार उँगलियाँ न रखना

सलाम तक न करना, सलाम के लिए हाथ भी न उठाना

आधी को छोड़ सारी को धावे आधी भी हाथ न आवे

वह व्यक्ति जो उपस्थित वस्तु को छोड़ कर अधिक की ओर भागता है वह उपस्थित वस्तु को भी खो देता है, लालची सदा हानि उठाता है

आधी को छोड़ सारी को धावे आधी रहे न सारी पावे

वह व्यक्ति जो उपस्थित वस्तु को छोड़ कर अधिक की ओर भागता है वह उपस्थित वस्तु को भी खो देता है, लालची सदा हानि उठाता है

भेड़ पे ऊन किस ने छोड़ी, भेड़ तो जहाँ जाएगी मूँडी जाएगी

जो व्यक्ति हर जगह लूटा जाए उसके प्रति कहते हैं

आधी छोड़ सारी को जाए आधी रहे न सारी पाए

वह व्यक्ति जो मौजूद चीज़ को छोड़ कर ज़्यादा की ओर भागता है वह मौजूद चीज़ को भी खो देता है, लालची हमेशा नुक़्सान उठाता है

और न छोर

न शुरू न अख़ीर, शैतान का अंत

मैं ने तेरी छाछ छोड़ी, कुत्तों से छुड़ा

में फ़ायदे से बाज़ आया, मुझे नुक़्सान से बचा

बड़ा पत्थर न उठ सके तो तीन सलाम कर के छोड़ दीजिये

जो कार्य न हो सकता हो उसे छओड़ ही देना चाहिए

आप ने मुझे मोल ले कर छोड़ दिया है

आपने मुझ पर बड़ा उपकार किया है, दया प्रकट करने में प्रयुक्त

जुम'आ छोड़ सनीचर नहाए उस के जनाज़े में कोई न जाए

मुस्लमान प्रायः शुक्रवार को ज़रूर स्नान करते और कपड़े बदलते हैं

सुख सोवे कुम्हार जाकी चोर न लेवे मटिया

कुम्हार सुख की नींद सोता है क्यूँकि चोर उसके बर्तन नहीं चुराता

चाहने के नाम से गधी ने भी खेत खाना छोड़ दिया

जहां किसी ने किसी को अपनी मुहब्बत जता दी वो नाज़ करने ओ मिज़ाज दिखाने लगता है

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

जिस का ओर है न छोर

जिस की था, नहीं, जो बहुत बड़ा है, समुंद्र के मुताल्लिक़ कहते हैं

आँख न नाक, बन्नी चाँद-सी

उस बदसूरत या कुरूप के लिए व्यंगात्मक तौर पर प्रयुक्त होता है जो अपने को सुंदर जाने

सुख सोवे कुम्हार जो चोर न ले वा की मटिया

कुम्हार सुख की नींद सोता है क्यूँकि चोर उसके बर्तन नहीं चुराता

जो आधी को छोड़ सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

a bird in hand is worth two in the bush, it is better to accept something small than to reject it and hope to get more later on

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