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फ़िक्रन
सोच के लिहाज़ से, विचार के अनुसार
फ़िक्र-अंगेज़ी
سنجیدہ خیال یا سوچ کو اُبھارنا، غور و فکر پر مائل کرنا.
फ़क़ीरन
بھیک مانگنے والی عورت ، بھکارن فقیرنی.
फ़िक्र-अंगेज़
संजीदा ख़्याल या सोच का उभारने वाला, ग़ौर-ओ-फ़िक्र पर माइल करने वाला
फ़ुक़्दान
अभाव, कमी, उपलब्ध न होना, भूल, नायाबी, बहुत अधिक कमी, बिलकुल न प्राप्त होना
फ़िक्री-नहज
वैचारिक दृष्टिकोण, सोच का अंदाज़, वैचारिक पद्धति
फ़िक़रों में उड़ाना
बातों-बातों में उड़ा देना, महत्वहीन बना देना, धोखा देना, छल करना
फ़िक़रों पे चढ़ना
किसी की बातों से धोका खाना, बातों के फ़ीरब में आजाना
फ़िक़रों पर चढ़ना
किसी की बातों से धोका खाना, बातों के फ़ीरब में आजाना
फ़क़ीरों का ख़ुदा है
भगवान ग़रीबों के प्रति दयालु है, ग़रीबों को भगवान का सहारा है
फ़ुक़्दान-ए-ग़ैरत
स्वाभिमान की कमी या अभाव, निर्लज्जता ।।
फ़िक़रों में आना
पुरफ़रीब बातों का शिकार हो जाना, धोका खन्ना, बातों में आना, बातों के फ़रेब में आजाना
फ़क़ीराना-सूरत
ग़रीबों या फ़क़ीरों की शक्ल
फ़क़ीदुन्नज़ीर
जिसके समान दूसरा न हो, अद्वितीय, लाजवाब, बे-मिसाल, अनुपम
फ़क़ीर-नवाज़ी
غریبوں کو نوازنا ، فقیروں کی پرورش کرنا ، درویشوں پر لُطف و کرم کرنا.
फ़िक़रों का बना हुआ
clever, sly, one who talks his/her way out of any situation
फ़ुक़्दान-ए-हया
लज्जा का अभाव, निर्लज्जता।
फ़क़ीराना
फ़क़ीरों, साधु, संतों की तरह, फ़क़ीरों और साधुओं-जैसा, दरवेशों जैसा, क़लंदराना
फ़ोक करना
सही दूरी पर चित्रकारी का शीशा लगाना, चित्रकारी के शीशे के मास्क को ठीक करना
फ़िक्र आना
तरद्दुद हिना, अंदेशा होना, फ़िक्रमंदी होना
फ़क़ीरनी का पूत चलन अमीरों का
ग़रीब हो कर अमीरों का ठाठ करना, ग़रीब हो कर अमीराना स्वभाव रखना
फ़िक़रे आना
आवाज़े कसा जाना, मतऊन होना
फ़ौक़ देना
तफ़व्वुक़ देना, फ़ौक़ियत देना , तर्जीह देना
फ़िक्री-अनारकी
मांसिक बिखराव, विचारों की उलझन, विचारों के अस्त-व्यस्त होने की अवस्था
फ़िक़रों में आ जाना
भाषण या बातों में आना, ठगा जाना
मौला के नाम दयजा फ़क़ीरों की सदा मौलना
विशेष रूप से जलालुद्दीन रूमी की उपाधि
फ़िक्र बुरा फ़ाक़ा भला, फ़िक्र फ़क़ीराँ खाए
भूका रहना चिंता करने से अच्छा है, चिंता फ़क़ीरों को मार देती है, चिंता आदमी को घुला देती है
महल्ल-ए-फ़ुक़्दान
(قواعد) محل فقدان وہ محل ہے جہاں نابعیت جنس لازم ہو
दस फ़क़ीरों को न दिया एक तकिया दार को दिया
फ़िक्र बुरी फ़ाक़ा भला, फ़िक्र फ़क़ीराँ खाए
भूका रहना फ़िक्र करने से बेहतर है, फ़िक्र फ़क़ीरों को मार देता , फ़िक्र आदमी को तहलील कर देता है