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शान मारे ग़ैर को, बे शान मारे आप को
शान-ओ-शौकत से दूसरा मरऊब होजाता है और सादगी और आजिज़ी से अपने आप को नुक़्सान पहुंचता है
शाबाश बी बी तिरे धड़के को, पादे आप लगावे लड़के को
क्या हौसला है कि क़सूर आप करे और दूओसरे के सर थोपे
बी बी को बाँदी कहा हँस दी, बाँदी को बाँदी कहा रो दी
कमीने की वास्तविक्ता स्पष्ट की जाये या किसी का वास्तविक दोष वर्णित किया जाये तो उसे अप्रिय जान पड़ता है
बाँदी को बाँदी कहा रो दी, बी बी को बाँदी कहा हँस दी
कमीने की वास्तविक्ता स्पष्ट की जाये या किसी का वास्तविक दोष वर्णित किया जाये तो उसे अप्रिय जान पड़ता है
अलिफ़ बे नगाड़ा मुल्ला जी को चने के खेत में पछाड़ा
पाठशाला या पाठ से छुट्टी मिलने पर बच्चों का प्रसन्नता में उछल कूद कर नारा
सारा गाँव जल गया , बी बी फ़ातिमा को ख़बर नहीं
इस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो सख़्त बेपर्वा और ख़ुदग़रज़ हो
आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है
जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है
घोड़ी को ना'ल ठुकवाते देख कर बी मेंडकी भी ना'ल लगवाना चाहें
रुक : घोड़े के लगे थे नाल मेंढ़की बोली मेरे भी जुड़ दो
जुम'आ का निकाह हफ़्ता को तलाक़
(लोक) निकाह के बाद बहुत जल्द तलाक़ होने और मेल होने के बाद बहुत जल्द फूट पड़ जाने की जगह बोलते हैं
दे दु'आ सम्धियाने को, फिरती दो दो दाने को
महिलाएँ लड़ाई में कहती हैं, इतनी निर्धन है कि अगर परिजन मदद न करते तो भूकी मरती
दु'आ दो सम्धियानों को , नहीं फिरतें दो दो दानों को
जिन के सहारे ऐश से बसर होती है, चीन की बसी बजती है, इन का एहसान मानव जिन की बदौलत ये सब नसीब हुआ
दे दु'आ सम्धियाने को, नहीं फिरती दो दो दाने को
महिलाएँ लड़ाई में कहती हैं, इतनी निर्धन है कि अगर परिजन मदद न करते तो भूकी मरती
दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते
ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं
किसी की आई मुझ को आ जाए
(कोसना) दूसरे की मौत मुझको आ जाए, क्रोध या पीड़ा की स्थिति में अपने आप को बददुआ देना
किसी की आई मुझ को आ जाए
۔(عو) دوسرے کی موت مجھ کو آجائے۔ نہایت غُصّہ یا تکلیف کی حالت میں اپنے آپ کو بد دعا دیتی ہیں۔ ؎
दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते
ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं
रोने ही को थे इतने में आ गया भाई
रोने के लिए बहाना मिल गया, ख़फ़ा तो थे ही तकरार से और भी इशारा हो गया ज़बरदस्ती किसी से छेड़छाड़ करना यानी ऊओंगते को ठेलते का बहाना हो गया
रोने को थी ही इतते में आ गए भैया
रोने के लिए बहाना मिल गया, कोई काम पहले करने को थे कि बहाना भी मिल गया
का'बा को ढाना
اصل مطلب، کعبئہ ہوتو اس کی طرف منہ نہ کرو، کسی جگہ سے نہایت بیزار ہونے کے موقع پر کہتے ہیں
राम नाम को आ सगनी भोजन को तैयार
फ़र्ज़शनासी के मौक़ा पर मस्त और फ़ायदे के मुक़ाम पर मुस्तइद ख़ुसूसन काहिल और हरामख़ोर नौकर के हक़ में कहते हैं
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