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हर्फ़ों का बना हुआ
चालाक, मक्कार, अय्यार; बातूनी, बातें बनाने वाला
हिरफ़न
कारीगरी; दस्तकारी; शिल्प; हस्तकौशल।
हर्फ़-ए-ना-शिनवी
परामर्श की परवाह न करना, हठ
हर्फ़न-हर्फ़न
अक्षरशः, एक-एक हर्फ़ करके, पूरा-पूरा, विस्तारपूर्वक
हर्फ़-अंदाज़
धूर्त, वंचक, चालाक, बेईमान, धोखेबाज़, फ़रेबी, मक्कार
हदफ़-नशीं
ٹھیک نشانے پر بیٹھنے والا ، نشانے پر لگنے والا (عموماً تیر) ۔
हरीफ़ाना
हरीफ़ों जैसा, प्रतिद्वंद्वियों जैसा, शत्रुओं जैसा, रक़ीबों जैसा
हर-फ़न्नी
رک : ہر فن مولا ؛ ہر فن میں دخل رکھنے والا ۔
हर्फ़-अंदाजी
धूर्तता, छल, चालाकी, फ़रेब, मक्कारी
हदफ़-अंदाज़
निशाने को उड़ा देने वाला, निशानेबाज़
हर फ़न मौला, हर गुण अधूरा
Jack of all trade and master of none.
हर्फ़-ए-नाइरा
(قافیہ) حرف مزید (رک) کے بعد بلا فاصلہ آنے والا حرف.
हर्फ़ आना
आपत्ति जताना, दोष लगाना,दोष लगना, इल्ज़ाम लगना
हर्फ़-ए-निदा
वह शब्द जिससे सम्बोधन किया जाय
हर फ़न मौला
हर एक काम में ताक़, सब कामों में कुशल, बहुत होशियार, अनेक विधाएँ जानने वाला,
हर फ़न मौला
ہر کام کا ماہر ، ہر فن جاننے والا ، ہر کام میں طاق ، جگت استاد ، سب باتوں میں کامل (طنزاً بھی مستعمل) ۔
हर्फ़-ए-नाशिनौ
बात न सुनने वाला, ज़िद्दी
हर्फ़-ए-नुदबा
वह शब्द या अव्यय जो विलाप के लिए बोला जाय, जैसे--हाय, आह।।
हर्फ़-ए-नाशुनौ
बात न सुनने वाला, ज़िद्दी
हुरुफ़-ए-नफ़रत
(قواعد) وہ الفاظ جو بیزاری اور ناپسندیدگی کے اظہار اور دھتکار یا پھٹکار کے موقع پر بولے جائیں ، جیسے : چھی ، تھو ، دُر دُر ، لعنت ، استغفراللہ ، لاحول ولا وغیرہ .
हुरूफ़-ए-नातिक़ा
ऐसे अक्षर जिनके ऊपर या नीचे नुक़्ते हों
हर्फ़-ए-नफ़ी
वह शब्द जो ‘न’ के अर्थ में आये, उदाहरण के लिए "नहीं" "न"
हुरुफ़-ए-नफ़रीन
(قواعد) وہ الفاظ جو بیزاری اور ناپسندیدگی کے اظہار اور دھتکار یا پھٹکار کے موقع پر بولے جائیں ، جیسے : چھی ، تھو ، دُر دُر ، لعنت ، استغفراللہ ، لاحول ولا وغیرہ .
हर फ़न में अधूरे , किसी फ़न में न उतरे पूरे
हर्फ़-ए-इंकार
(व्याकरण) नकार देने वाले वचन, नहीं शब्द
हुरूफ़-ए-नूरानी
(جفر) وہ حروف جو قرآن شریف کی اوّل سورتوں میں نازل ہوئے ہیں ، یہ ۱۴ حروف ہیں : ا ، ح ، ر ، س ، ص ، ط ، ع ، ق ، ک ل ، م ، ن ، ہ ، ی .
हुरूफ़-ए-नित'इय्या
(शुद्ध उच्चारण) तालू के अगले हिस्से से उच्चारित होने वाले अक्षर
हर्फ़-ए-निस्बत
وہ حرف جو نسبت ظاہر کرنے کے لیے استعمال کرتےہیں مثلاً شام سے شامی میں ی حرفِ نسبت ہے اسی طرح بن ، انہ ، زہ ، ہ ، ین وغیرہ بھی حروف نسبت ہیں.
वस्ल-उल-हरफ़ैन
عبارت میں دو دو یا تین تین حروف کے الفاظ کا مل کر بننا
आप हरफ़नमौला हैं
जब कोई व्यक्ति किसी बात का दावा करे तो व्यंग के रूप में कहते है इसी पर की निर्भर है आप तो हर फ़न में निपुण हैं, यानी आप कुछ नहीं जानते