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जनाज़ा
शवयात्रा, लाश, मुर्दा, अर्थी
जनाज़े को कंधा देना
carry the bier, shoulder the bier for a brief span of time while it is on its way to the graveyard
जनाज़ा पढ़ना
अंतिम संस्कार नमाज़ पढ़ना, जनाज़े की नमाज़ पढ़ाना
जनाज़ा देखे
(अवाम की भाषा) हमें मरा हुआ देखे जो यह बात करे
जनाज़ा देखिए
(अवाम की भाषा) हमें मरा हुआ देखे जो यह बात करे
जनाज़ा उठना
जनाज़ा उठाना (रुक) का लाज़िम
जनाज़ा निकले
(अवाम की भाषा) (श्राप) मरे, मर जाए
जनाज़ा उठाना
दफ़न करने के लिए लाश ले जाना, जनाज़ा उठा कर ले चलना
जनाज़ा निकालना
जनाज़े को घर से बाहर ले जाना
जनाज़ा-कश
(व्यंग्यात्मक) जनाज़ा ले जाने वाला
जनाज़ा-ए-रवाँ
(संकेतात्मक) घोड़ा, अश्व, घोड़े की सवारी, घोड़े की सवारी करने वाला, अश्वारोही
जनाज़ा-ए-बर-दोश
अ. फा. वि. कंधे पर जनाज़ा उठाये हुए ।
ज़नाज़न
sound of fast, speeding objects (e.g. bullets)
बूढ़ा नख़रा जनाज़े के साथ
मर्णासन्न होने पर भी बनाव श्रिंगार, मरने को तो बैठे हैं और फिर बुढ़ापे का चोचला करते हैं
बूढ़ा चोचला जनाज़े के साथ
मर्णासन्न होने पर भी बनाव श्रिंगार, मरने को तो बैठे हैं और फिर बुढ़ापे का चोचला करते हैं
आई जान के साथ जाएगी जनाज़े के साथ
اس کے متعلق کہتے ہیں جس کی عادت نہ بدلے
जुम'आ छोड़ सनीचर नहाए उस के जनाज़े में कोई न जाए
मुस्लमान प्रायः शुक्रवार को ज़रूर स्नान करते और कपड़े बदलते हैं
आई है जान के साथ जाएगी जनाज़े के साथ
आश्य आदत है जो ज़िंदगी भर छूटती नहीं, पक्की आदत में परिवर्तन नहीं आता
ग़ाइबाना-नमाज़-ए-जनाज़ा
वह नमाज़ जो मुसलमान मृतक की आत्मा की शान्ति के उसकी अनुपस्थिति में पढ़ते हैं
घोड़ी की सवारी चलना जनाज़ा
घोड़े की सवारी ख़तरनाक होती है
सनादीक़-ए-जनाज़ा
लकड़ी का संदूक़ जिसमें जनाज़ा रखा जाए
मरते हज़ारों को सुना , जनाज़ा कसी का न देखा
महिज़ बलंद बाँग दावे करना और अमल कुछ ना करना
मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा
आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं
हमारा जनाज़ा देखो
किसी को क़सम दिलाने के लिए ये फ़िक़रा कहते हैं कि अगर तुम ये काम ना करो तो हमें मुर्दा पाओगे
हमारा जनाज़ा देखे
किसी को क़सम दिलाने के लिए ये फ़िक़रा कहते हैं कि अगर तुम ये काम ना करो तो हमें मुर्दा पाओगे
एक की सैर, दो का तमाशा, तीन की मौत, चौथे का जनाज़ा
अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है
नमाज़-ए-जनाज़ा
वह नमाज़ जो मुसलमानों के जनाज़े पर मृतक की आत्मा की शान्ति के लिए पढ़ी जाती है, अंतिम संस्कार के लिए प्रार्थना
डोला आता है और जनाज़ा जाता है
शरीफ़ बेटी इज़्ज़त और सम्मान से ब्याह कर घर में आती है और मर कर निकलती है