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जैसा
जिस आकार-प्रकार या रूप-रंग का। जिस तरह का। पद-जैसा का तैसा जिस रूप में पहले था, वैसा ही। जैसे को तैसा = (क) जोड़ या मुकाबले का। (ख) पूरी शक्ति से जवाब देने या सामना २ करनेवाला। जैसा उपयुक्त या समीचीन हो। जैसा होना चाहिए या होता हो। मुहा०-(किसी की) जैसी की तैसी करना किसी की शेखी दूर करके उसे फिर पूर्व अवस्था या रूप में कर दिखाना। (उपेक्षा और तिरस्कार सूचक)
जैसी
like, of the same form, bearing resemblance
जा से
उचित, ठीक, अवसर एवं स्थान के अनुरूप, जायज़, सत्य
जी से
آمادگی کے ساتھ ، دل کھول کر ، جی جان سے.
जाए से
ٹھکانے سے ، ٹھیک ، درست ، مناسب ، بجا ، موقع سے .
जैसा ही
رک: جیسے ہی ،جیسا کی تاکید ، جوں ہی .
जैसे ही
जैसा ही, जूँ ही, इसी तरीक़े से, जितना ही
जिस से
from whom, from which, whereby, as a result of which
जासू
वे पान जो मदक बनाने के लिए अफीम में मिलाये जाते हैं
जासी
घुटनों के बल बैठने वाला, दोनों घुटनों पर बैठने वाला
जोशी
गुजरात, महाराष्ट्र और पहाड़ के ब्राह्मणों की एक जाति
जस्सी
جص (رک) سے منسوب یا متعلق، چونے کی مانند.
जा-शौ
بحری جہاز کو دھو کر صاف کرنے والا ، ماح .
जैसी धाड़ी दिवाली , तैसा भड़वा दसहरा
जैसे वारी दिवाली , तैसा भड़वा दसहरा
रुक: जैसी धाड़ी दिवाली अलख
जैसा मुँह वैसा थप्पड़
as the question so the answer, a bad cat deserves a bad rat
जैसे ओढ़ी कम्बली , वैसा ओढ़ा खेस
दुनिया की वासरत-ओ-इशरत क्या दोनों नापायदार हैं, मुसीबत और आराम को एक जैसा समझो, जिस शख़्स के मिज़ाज में मुसावात हो वो ये कहा करता है
जैसा मुँह वैसा थप्पड़
जो व्यक्ति जितना उचित हो उस के साथ वैसा ही व्यवहार होता है
जैसी ख़ंदी 'ईद वैसा भड़वा मुहर्रम
जब ख़ावंद और बीवी दोनों झुल्य् और तुंद मिज़ाज और बदज़ात हूँ तो उन की निसबत भी बोला करते हैं,दोनों एक से बेफ़ाइदा और बेकार
जैसी ओढ़ी काम्ली , वैसा ओढ़ा खेस
हर बात को मुसावी समझना,दुनिया के ऐश-ओ-मुसीबत की परवाह ना करना (जिस शख़्स के मिज़ाज में मुसावात हो वो कहता है) , मुसबीयत और आराम को एक जैसा समझना
जैसा मुँह वैसा थपेड़
जो शख़्स जिस लायक़ हो इस के साथ वैसा ही सुलूक होता है
जैसा मुँह वैसी चपेड़
रुक: जैसा मुंह वैसा थप्पड़
जैसा बादशाह वैसा वज़ीर
जैसा आक़ा बुरा वैसा नौकर, दोनों नालायक़
जैसा देवे वैसा पावे , पूत बिठार के आगे आवे
जैसा कोई दूसरों के साथ सुलूक करे वैसा इस के ख़ानदान के साथ होता है
जैसी पड़े वैसी सहे
हर तरह की मुसबीयत बुरद शत कर ली , जो गुज़रे बर्दाश्त करे
जैसा दूध धौला, वैसी छाछ धौली
बाहरी रूप से आदमी धोखा खा जाता है, ऊपरी दिखावट से धोखे में पड़ना
जैसे मियाँ काठ , वैसी सन की दाढ़ी
(तंज़न) अहमक़ के मुताल्लिक़ कहते हैं
जैसी पड़ी वैसी सही
हर तरह की मुसबीयत बुरद शत कर ली , जो गुज़रे बर्दाश्त करे
जैसा लेकड़ा भर , वैसा ठीकरा भर
जैसी सेवा करे तैसा आस पड़े
ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है
जैसा दूध, वैसा बुद्ध
बुद्धि परिवार के अनुकूल होती है
जैसी फूहड़ आप छिनाल , तैसी लगावे कल ब्योहार
बुरा शख़्स दूसरों को भी बुरा बना देता है
जैसे थे घर के वैसे आए डोली चढ़ के
जैसे अपने थे वैसे ही बेगाने निकले
जैसी जा की बात वैसा वा का स्वाद
जिस तरह की गुफ़्तगु होती है, वैसे ही इस का इलम, अक़ल, मफ़हूम होता है
जैसे रूह वैसे फ़रिश्ते
रुक: जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते
जैसा गाँव देखिये वैसे रोज़े रखिये
रुक: जैसा देस वैसा भेस ज़माने के मुवाफ़िक़ काम करना चाहिए
जैसी सेवा करे, वैसा फल खावे
रुक : जैसी सेवा करे तैसा अलख , जिस तरह की ख़िदमत की जाये वैसा अज्र मिले
जैसी सेवा करे, वैसा फल पावे
रुक : जैसी सेवा करे तैसा अलख , जिस तरह की ख़िदमत की जाये वैसा अज्र मिले
जैसी वा की रीत वैसा वा का सुभाव
जहां की जो कुछ रस्म है, वही वहां के लोगों की आदत होती है
जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते
जैसा आदमी होता है वैसे ही उस के साथी होते हैं
जैसे बाँधो वैसे पाओ
सावधानी बरतने से वस्तु सुरक्षित रहती है, एहतियात से चीज़ महफ़ूज़ रहती है
जैसा देवता, वैसी पूजा
आदमी का सम्मान उस के मर्तबे के हिसाब से होता है
जैसा लेना-देना वैसा गाना बजाना
जैसा लेना देना, वैसा गाना-बजाना
जैसी मज़दूरी मिलती है वैसा ही काम होता है
जैसा तेरा लेना देना, वैसा मेरा गाना-बजाना
जैसी मज़दूरी मिलती है वैसा ही काम होता है
जैसा सूत वैसा फेंटा, जैसा बाप वैसा बेटा
जैसे बुज़ुर्ग होते हैं वैसी ही औलाद होती है
जैसा सूई चोर वैसा बज्जर चोर
जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए
व्यंग है कि गंगा में नहाने से क्या होता है केवल मूँछें मुँड जाती हैं
जैसी माँ वैसी जाई
हर चीज़ अपने मूल का नमूना होती है