खोजे गए परिणाम
सहेजे गए शब्द
"kufr-e-anaa" शब्द से संबंधित परिणाम
खोजे गए परिणाम
"kufr-e-anaa" शब्द से संबंधित परिणाम
नक़्ल-ए-कुफ़्र कुफ़्र न बाशद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) आवश्यकतानुसार कुफ़्र को दोहराना अपराध नहीं होता, ग़लत बात को दुहराने वाला क़सूरवार में नहीं जा सकता
रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए
ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए
रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो काफ़िर हो जाए
ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए
Delete 44 saved words?
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा