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मय-कदा

शराब पीने की जगह, मैख़ाना, बादा ख़ाना, मधुशाला, ٘मदिरालय

मा'क़ूदा

جما ہوا ، انجمادی ، منجمد ، جامد ، ٹھوس ، ذرہ بستہ ۔

मा'क़ूदी

معقودہ (رک) سے منسوب یا متعلق ، جامد ، ٹھوس ، ذرہ بستہ ۔

मय-कदे वाली

अर्थात : शराब

जो दिल में कड़ा वो सब से बड़ा

बहादुर आदमी ही सबसे अच्छा होता है

ज़बान में कीड़े पड़ें

(श्राप) ज़बान गल सड़ जाये

क़ब्र में कीड़े पड़ें

(श्राप) क़ब्र में तकलीफ़ हो

ज़ख़्म में कीड़ा पड़ना

of a wound to be infested

क़ब्र में कीड़े पड़ना

मरने पर यातना में फँस जाना, मरने के बाद भी शांति न मिलना

गोर में कीड़े पड़ें

(बद दुआ) अज़ाब-ए-क़ब्र में मुबतला हो, जहन्नुम रसीद हो

ज़बान में कीड़े पड़ जाएँ

(श्राप) ज़बान गल सड़ जाये

बहुत मिठाई में कीड़े पड़ते हैं

ज़्यादा मेल-जोल होने से ख़राब परिणाम निकलता है

मग़्ज़ में कीड़ा होना

बड़ा झक्की होना, निहायत बातूनी होना, बड़ा बिकी होना

ताक़ में कौड़ी फेंकना

कुंडली बनाना, भविष्यवाणी करना

मग़्ज़ में कीड़ा है

दिमाग़ ख़राब है, घमंडी है, अहंकारी है

ज़्यादा मिठास में कीड़े पड़ जाते हैं

सीमा से अधिक अच्छा स्वभाव हानिकारक होता है, सीमा से अधिक मेल जोल से संबंध बिगड़ जाते हैं

मग़्ज़ में कीड़े कुलबुलाना

दिमाग़ में किसी नई बात की धुन पैदा होना

कान में कौड़ी पहनना

गु़लामी का हलक़ा पहनना, मुतीअ होना

कौड़ी में तीन मज़े

खट्टे की फांक बेचने वाले की आवाज़ जिस से मुराद ये है कि एक कोड़ी में खट्टे की फांक देता हूँ, जिस में नमक मिर्च और तुरशी तीन हैं

ज़बान में कीड़े निकालना

भाषण या लेख की भाषा पर आलोचना करना

गाँठ गिरह में कौड़ी नहें गट्टे वाले होत

जेब ख़ाली है मगर शेखी बघारते हैं, मुफ़लिसी में शौक़ीन मिज़ाजी

मुँह का कड़ा

۔ (ھ) مُنھ زور۔ مضبوط دھار کا۔ ؎

मुँह का कड़ा

مضبوط دھار کا ، سخت آبداری کا ؛ (مجازاً) تیز (عموماً تلوار کے لیے مستعمل) ۔

कड़ा मुँह आना

अशिष्ट भाषा का प्रयोग करना

दक्किन की कमाई काँदू नाले में गँवाई

मेहनत की कमाई को बिना कारण ख़र्च करने या बर्बाद करने के अवसर पर कहते हैं

घर में नहीं कौड़ी गट्टे वाले होत

निर्धन डींग मारने वाले के प्रति कहते हैं

गूह का कीड़ा गूह में रहे

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

मुँह की कड़ी

जिसका मुँह कठोर हो, मज़बूत तलवार जो मुड़ न सके

गिरह में नहीं कौड़ी , गुट्टे वाले होत

रुक गिरह में कोड़ी नहीं अलख

कान में कौड़ी डालना

مطیع و فرماں بردار بنانا، غلام بنانا، کنایہ ہے اطاعت و فرمانبرداری سے

गुह में कौड़ी गिरे तो दाँत से उठा लेना

कोड़ी कोड़ी वसूल करना, अपना हक़ ना छोड़ना

मुख में काड़ी लेना

मुँह में तिनका लेना, लज्जित होना, नम्रता प्रकट करना

गिरह में कौड़ी नहीं, बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कान में झनजी कोड़ी डालना

ग़ुलाम बनाना, ग़ुलाम होने की निशानी डालना, मुतीअ करना, फ़रमांबरदार बनाना

मु'आफ़ तो एक कौड़ी न होगी

बतौर इनकार, जब कोई माफ़ी मांगे तो कहते हैं

गिरह में कौड़ी नहीं और बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कौड़ी नहीं गाँठ में चले बाग़ की सैर

बहुत ग़रीब होना

कौड़ी नहीं गाँठ में, चले बाग़ की सैर

निर्धनता पर धनवानों वली आदत

जेब में कौड़ी नहीं और 'इश्क़ टैं टैं

इस्तिताअत ना हो तो कोई काम नहीं बनता

दिल्ली की कमाई काँदू के नाले में बहाई

उस जगह पर बोलते हैं कि जब कोई व्यक्ति बाहर पैसा कमा कर वहीं ख़र्च कर दे और घर ख़ाली हाथ जैसा गया था वैसा ही लौट आए

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

आक का कीड़ा आक में राज़ी, ढाक का ढाक में

प्रत्येक व्यक्ति अपने उचित स्थान पर ख़ुश रहता है

मोरी का कीड़ा मोरी में ख़ुश रहता है

۔(دہلی) (عو) مثل جو گندگی میں پلا ہو وہ گندگی میں خوش رہتا ہے۔

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा लें

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठाए

बहुत हरीस और बख़ील आदमी की निसबत कहते हैं, बहुत कंजूस है, फ़ायदे के लिए ज़लील काम करने पर भी तैय्यार है

निकले कौड़ी फेरा करने साथ में संदूक़ पिटारा

मुफ़लिसी में साज़-ओ-सामान की नुमाइश

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

۔ مثل یعنی ایسا بخیل ہے کہ نجاست کی بھی پروا نہیں کرتا۔

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठाता है

बहुत हरीस और बख़ील आदमी की निसबत कहते हैं, बहुत कंजूस है, फ़ायदे के लिए ज़लील काम करने पर भी तैय्यार है

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहता है

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

गू का कीड़ा गू ही में ख़ुश रहता है

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

गाँठ गिरह में कौड़ी नहीं, बाँकेपुर की सैर

बे रुपय पैसे हौसलामंदी, मुफ़लिसी में शौक़ीन मिज़ाजी

गू में कौड़ी गिरी तो दाँतों से उठा लूँगा

अपना हक़ ना छोड़ोंगा, कोड़ी कोड़ी वसूल करूंगा

लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए

रात को गाँव के पास से हाथी गुज़रा, उसके पाँव का निशान देख कर लोग बहुत हैरान हुए, लाल बुझक्कड़ ने यह फ़ैसला दिया कि कोई हिरन पाँव में चक्की बाँध के कूदा है

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मय-कदा

शराब पीने की जगह, मैख़ाना, बादा ख़ाना, मधुशाला, ٘मदिरालय

मा'क़ूदा

جما ہوا ، انجمادی ، منجمد ، جامد ، ٹھوس ، ذرہ بستہ ۔

मा'क़ूदी

معقودہ (رک) سے منسوب یا متعلق ، جامد ، ٹھوس ، ذرہ بستہ ۔

मय-कदे वाली

अर्थात : शराब

जो दिल में कड़ा वो सब से बड़ा

बहादुर आदमी ही सबसे अच्छा होता है

ज़बान में कीड़े पड़ें

(श्राप) ज़बान गल सड़ जाये

क़ब्र में कीड़े पड़ें

(श्राप) क़ब्र में तकलीफ़ हो

ज़ख़्म में कीड़ा पड़ना

of a wound to be infested

क़ब्र में कीड़े पड़ना

मरने पर यातना में फँस जाना, मरने के बाद भी शांति न मिलना

गोर में कीड़े पड़ें

(बद दुआ) अज़ाब-ए-क़ब्र में मुबतला हो, जहन्नुम रसीद हो

ज़बान में कीड़े पड़ जाएँ

(श्राप) ज़बान गल सड़ जाये

बहुत मिठाई में कीड़े पड़ते हैं

ज़्यादा मेल-जोल होने से ख़राब परिणाम निकलता है

मग़्ज़ में कीड़ा होना

बड़ा झक्की होना, निहायत बातूनी होना, बड़ा बिकी होना

ताक़ में कौड़ी फेंकना

कुंडली बनाना, भविष्यवाणी करना

मग़्ज़ में कीड़ा है

दिमाग़ ख़राब है, घमंडी है, अहंकारी है

ज़्यादा मिठास में कीड़े पड़ जाते हैं

सीमा से अधिक अच्छा स्वभाव हानिकारक होता है, सीमा से अधिक मेल जोल से संबंध बिगड़ जाते हैं

मग़्ज़ में कीड़े कुलबुलाना

दिमाग़ में किसी नई बात की धुन पैदा होना

कान में कौड़ी पहनना

गु़लामी का हलक़ा पहनना, मुतीअ होना

कौड़ी में तीन मज़े

खट्टे की फांक बेचने वाले की आवाज़ जिस से मुराद ये है कि एक कोड़ी में खट्टे की फांक देता हूँ, जिस में नमक मिर्च और तुरशी तीन हैं

ज़बान में कीड़े निकालना

भाषण या लेख की भाषा पर आलोचना करना

गाँठ गिरह में कौड़ी नहें गट्टे वाले होत

जेब ख़ाली है मगर शेखी बघारते हैं, मुफ़लिसी में शौक़ीन मिज़ाजी

मुँह का कड़ा

۔ (ھ) مُنھ زور۔ مضبوط دھار کا۔ ؎

मुँह का कड़ा

مضبوط دھار کا ، سخت آبداری کا ؛ (مجازاً) تیز (عموماً تلوار کے لیے مستعمل) ۔

कड़ा मुँह आना

अशिष्ट भाषा का प्रयोग करना

दक्किन की कमाई काँदू नाले में गँवाई

मेहनत की कमाई को बिना कारण ख़र्च करने या बर्बाद करने के अवसर पर कहते हैं

घर में नहीं कौड़ी गट्टे वाले होत

निर्धन डींग मारने वाले के प्रति कहते हैं

गूह का कीड़ा गूह में रहे

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

मुँह की कड़ी

जिसका मुँह कठोर हो, मज़बूत तलवार जो मुड़ न सके

गिरह में नहीं कौड़ी , गुट्टे वाले होत

रुक गिरह में कोड़ी नहीं अलख

कान में कौड़ी डालना

مطیع و فرماں بردار بنانا، غلام بنانا، کنایہ ہے اطاعت و فرمانبرداری سے

गुह में कौड़ी गिरे तो दाँत से उठा लेना

कोड़ी कोड़ी वसूल करना, अपना हक़ ना छोड़ना

मुख में काड़ी लेना

मुँह में तिनका लेना, लज्जित होना, नम्रता प्रकट करना

गिरह में कौड़ी नहीं, बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कान में झनजी कोड़ी डालना

ग़ुलाम बनाना, ग़ुलाम होने की निशानी डालना, मुतीअ करना, फ़रमांबरदार बनाना

मु'आफ़ तो एक कौड़ी न होगी

बतौर इनकार, जब कोई माफ़ी मांगे तो कहते हैं

गिरह में कौड़ी नहीं और बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कौड़ी नहीं गाँठ में चले बाग़ की सैर

बहुत ग़रीब होना

कौड़ी नहीं गाँठ में, चले बाग़ की सैर

निर्धनता पर धनवानों वली आदत

जेब में कौड़ी नहीं और 'इश्क़ टैं टैं

इस्तिताअत ना हो तो कोई काम नहीं बनता

दिल्ली की कमाई काँदू के नाले में बहाई

उस जगह पर बोलते हैं कि जब कोई व्यक्ति बाहर पैसा कमा कर वहीं ख़र्च कर दे और घर ख़ाली हाथ जैसा गया था वैसा ही लौट आए

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

आक का कीड़ा आक में राज़ी, ढाक का ढाक में

प्रत्येक व्यक्ति अपने उचित स्थान पर ख़ुश रहता है

मोरी का कीड़ा मोरी में ख़ुश रहता है

۔(دہلی) (عو) مثل جو گندگی میں پلا ہو وہ گندگی میں خوش رہتا ہے۔

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा लें

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठाए

बहुत हरीस और बख़ील आदमी की निसबत कहते हैं, बहुत कंजूस है, फ़ायदे के लिए ज़लील काम करने पर भी तैय्यार है

निकले कौड़ी फेरा करने साथ में संदूक़ पिटारा

मुफ़लिसी में साज़-ओ-सामान की नुमाइश

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

۔ مثل یعنی ایسا بخیل ہے کہ نجاست کی بھی پروا نہیں کرتا۔

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठाता है

बहुत हरीस और बख़ील आदमी की निसबत कहते हैं, बहुत कंजूस है, फ़ायदे के लिए ज़लील काम करने पर भी तैय्यार है

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहता है

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

गू का कीड़ा गू ही में ख़ुश रहता है

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

गाँठ गिरह में कौड़ी नहीं, बाँकेपुर की सैर

बे रुपय पैसे हौसलामंदी, मुफ़लिसी में शौक़ीन मिज़ाजी

गू में कौड़ी गिरी तो दाँतों से उठा लूँगा

अपना हक़ ना छोड़ोंगा, कोड़ी कोड़ी वसूल करूंगा

लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए

रात को गाँव के पास से हाथी गुज़रा, उसके पाँव का निशान देख कर लोग बहुत हैरान हुए, लाल बुझक्कड़ ने यह फ़ैसला दिया कि कोई हिरन पाँव में चक्की बाँध के कूदा है

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