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आदमी

मनुष्य, मानव, नर, मनुज, मानुष, इंसान, व्यक्ति, लोग, लोक, आदम की संतान

आद्मीं

आदमी

आदमी है

मामूली सिफ़ात का मालिक है

आदमी होना

आदमी का आदमी शैतान है

मनुष्य के संगत से मनुष्य बिगड़ता

आदमी-ज़ादा

आदमी की संतान, मनुष्य, आदमी

आदमी पेट का कुत्ता है

आदमी पेट के लिए सब काम करता है, आदमी पेट का दास है

आदमी पानी का बुलबुला है

मानव का जीवन अस्थिर है

आदमी पानी का बुलबुला है

आदमी सोहबत से पहचाना जाता है

आदमी की पहचान उसके पास बैठने वोलों और संगी साथियों से होती है

आदमी सा पखेरू कोई नहीं

आदमी बहुत भाग-दौड़ करता है, मनुष्य सभी जीवों में अद्भुत है

आदमी अनाज का कीड़ा है

मनुष्य के जीवन का आश्रय भोजन पर है, मनुष्य खाए बिना जीवित नहीं रह सकता

आदमी-ख़्वारा

आदमी को खाने वाला, मानवभक्षी (मनुष्य या पशु आदि)

आदमी अपने मतलब में बंधा है

हर आदमी अपने मतलब की ही बात करता है

आदमी का शैतान आदमी है

मनुष्य को मनुष्य ही गड्ढे में गिराता है, मनुष्य ही मनुष्य को बहकाता है

आदमी चने का मारा मरता है

आदमी के जीवन का कोई भरोसा नहीं, साधारण दुख से आदमी की मृत्यु हो जाती है

आदमी की दवा आदमी है

मनुष्य का मन मनुष्य से बहलता है, कितना ही दुख और पीड़ा हो चार आदमियों में बैठकर मन बहल जाता है

आदमी क्या है, सरांचे का बाँस है

बहुत लंबा आदमी है, बहुत लंबे आदमी पर उपहास है

आदमी हो या भूत

उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त जो लिपटा जाये और पीछा न छोड़े

आदमी हो या हौलट

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी हो या चूतिया

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी हो या चोंच

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी हो या आसेब

उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त जो लिपटा जाये और पीछा न छोड़े

आदमी के काम आदमी आता है

एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सहायता करता है

आदमी का बच्चा

न अधिक सुंदर न कुरूप, साधारण सी सूरअत का, स्वीकार्य सूरत

आदमी क्या जो आदमी को ना पहचाने

इंसान और मनुष्य को अच्छे और बुरे में भेद करना चाहिए, वह आदमी ही नहीं जो आदमी को न पहचाने

आदमी का आदमी से काम निकलता है

आदमी ज़रूरत के वक़्त आदमी ही से संपर्क करता है

आदमी की शक्ल है

सामान्य रूप है, सुंदर नहीं है, ख़ूबसूरत नहीं है

आदमी का जामा रखना

मनुष्य होना, मनुष्य की आकृति में होना, इंसानी शक्ल-ओ-सूरत में होना, इंसान की रूप में होना, इंसान होना

आदमी को आदमियत लाज़िमी है

मनुष्य को दूसरों के साथ कुलीनता से पेश आना चाहिए, मनुष्य में मानवता का होना बहुत आवश्यक है

आदमी की क़द्र मरे पर होती है

मृत्यु के बाद ही आदमी की मूल्य होती है, आदमी की अच्छाइयाँ उस की मृत्यु के बाद याद आती हैं

आदमी पीछे

आदमी हो या घन-चक्कर

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी की कसौटी मु'आमला है

आदमी की अच्छाई बुराई संपर्क में आने से मालूम होती है या मामला पड़ने से आदमी की पहचान या परख होती है, काम पड़ने पर ही मनुष्य की परीक्षा होती है

आदमी कुछ खो के सीखता है

नुक़्सान उठाने के बाद तजुर्बा और अनुभव होता है

आदमी की पेशानी दिल का आईना है

आदमी का हाल उसके मुख से पता चल जाता है

आदमी न आदम-ज़ाद

दूर तक जनसंख्या न हो, जहाँ जनसंख्या न हो, निर्जन, उजाड़, वीरान, सुनसान

आदमी हो या पन-शाख़ा

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी का जंगल

लोगों का समूह, जनसमूह, जनता की भीड़

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

आदमी ने कच्चा दूध पिया है

मनुष्य विस्मृति से मुक्त नहीं, मनुष्य का स्वभाव त्रुटिपूर्ण है (जब किसी व्यक्ति से उसकी गरिमा के विरूध्द कोई बात हो तो उसकी क्षमायाचना में प्रयुक्त)

आदमी अपने मतलब में अंधा होता है

मनुष्य अपने मतलब को प्राप्त करने में अच्छाई और बुराई में अंतर नहीं करता है

आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे

आदमी को मर्दुमशनासी ज़रूर है, अहल-ए-हुनर को दोस्त रखना आदमी को लाज़िम

आदमी आदमी अंतर कोई हीरा कोई कंकर

दो व्यक्ति एक प्रकार के नहीं होते इसलिए लोगों में कुछ लोग अचछे हैं तो कुछ बुरे

आदमी बन जाना

अच्छे संस्कार और उत्तम शिष्टाचार सीखना, शिष्ट और संस्कारी बन जाना

आदमी हो या बे नून के संग या जानवर

अत्यधिक असभ्य हो

आदमी की दवा आदमी

आदमी हो या बे-दाल के बूदम

निपट मूर्ख हो

आदमियत

मानवता, इंसानियत, सभ्यता, शिष्टता, तमीज़दारी, सुशीलता, अख्लाक़

आदमी अपने मतलब के लिए पहाड़ के कंकर ढोता है

मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए हर प्रकार के कष्ट सहता है

आदमी अन्न का कीड़ा है

मनुष्य बिना भोजन किए जीवित नहीं रह सकता, मानवीय जीवन की निर्भरता भोजन पर है

आदमी-पन

मानव होने की महत्ता या विशेषण, मानवता, सज्जनता, सभ्याता

आदमी को ढाई गज़ ज़मीन काफ़ी है

बहुत बड़ा भवन बनाने या लम्बी-चौड़ी ज़मीन प्राप्त करने का प्रयास करना व्यर्थ है, महल या घर बनाना या भूमि खरीदना व्यर्थ है

आदमी-ज़ात

मनु की संतान, मनुष्य

आदमी-ज़ाद

मनु की संतान, मनुष्य

आदमी-गरी

आदमगिरी, मनुष्यता, शिष्टता, कुलीनता

आदमी बनाना

मनुष्य का आकार देना, मनुष्य की जून में लाना

आदमी करना

आदमी बनाना, सभ्य बनाना, शिष्टाचार सिखाना

आदमी बनना

मानव का रूप धारना

आदमी-ख़्वार

आदमी को खानेवाला, मानवभक्षी

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आदमी

मनुष्य, मानव, नर, मनुज, मानुष, इंसान, व्यक्ति, लोग, लोक, आदम की संतान

आद्मीं

आदमी

आदमी है

मामूली सिफ़ात का मालिक है

आदमी होना

आदमी का आदमी शैतान है

मनुष्य के संगत से मनुष्य बिगड़ता

आदमी-ज़ादा

आदमी की संतान, मनुष्य, आदमी

आदमी पेट का कुत्ता है

आदमी पेट के लिए सब काम करता है, आदमी पेट का दास है

आदमी पानी का बुलबुला है

मानव का जीवन अस्थिर है

आदमी पानी का बुलबुला है

आदमी सोहबत से पहचाना जाता है

आदमी की पहचान उसके पास बैठने वोलों और संगी साथियों से होती है

आदमी सा पखेरू कोई नहीं

आदमी बहुत भाग-दौड़ करता है, मनुष्य सभी जीवों में अद्भुत है

आदमी अनाज का कीड़ा है

मनुष्य के जीवन का आश्रय भोजन पर है, मनुष्य खाए बिना जीवित नहीं रह सकता

आदमी-ख़्वारा

आदमी को खाने वाला, मानवभक्षी (मनुष्य या पशु आदि)

आदमी अपने मतलब में बंधा है

हर आदमी अपने मतलब की ही बात करता है

आदमी का शैतान आदमी है

मनुष्य को मनुष्य ही गड्ढे में गिराता है, मनुष्य ही मनुष्य को बहकाता है

आदमी चने का मारा मरता है

आदमी के जीवन का कोई भरोसा नहीं, साधारण दुख से आदमी की मृत्यु हो जाती है

आदमी की दवा आदमी है

मनुष्य का मन मनुष्य से बहलता है, कितना ही दुख और पीड़ा हो चार आदमियों में बैठकर मन बहल जाता है

आदमी क्या है, सरांचे का बाँस है

बहुत लंबा आदमी है, बहुत लंबे आदमी पर उपहास है

आदमी हो या भूत

उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त जो लिपटा जाये और पीछा न छोड़े

आदमी हो या हौलट

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी हो या चूतिया

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी हो या चोंच

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी हो या आसेब

उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त जो लिपटा जाये और पीछा न छोड़े

आदमी के काम आदमी आता है

एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सहायता करता है

आदमी का बच्चा

न अधिक सुंदर न कुरूप, साधारण सी सूरअत का, स्वीकार्य सूरत

आदमी क्या जो आदमी को ना पहचाने

इंसान और मनुष्य को अच्छे और बुरे में भेद करना चाहिए, वह आदमी ही नहीं जो आदमी को न पहचाने

आदमी का आदमी से काम निकलता है

आदमी ज़रूरत के वक़्त आदमी ही से संपर्क करता है

आदमी की शक्ल है

सामान्य रूप है, सुंदर नहीं है, ख़ूबसूरत नहीं है

आदमी का जामा रखना

मनुष्य होना, मनुष्य की आकृति में होना, इंसानी शक्ल-ओ-सूरत में होना, इंसान की रूप में होना, इंसान होना

आदमी को आदमियत लाज़िमी है

मनुष्य को दूसरों के साथ कुलीनता से पेश आना चाहिए, मनुष्य में मानवता का होना बहुत आवश्यक है

आदमी की क़द्र मरे पर होती है

मृत्यु के बाद ही आदमी की मूल्य होती है, आदमी की अच्छाइयाँ उस की मृत्यु के बाद याद आती हैं

आदमी पीछे

आदमी हो या घन-चक्कर

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी की कसौटी मु'आमला है

आदमी की अच्छाई बुराई संपर्क में आने से मालूम होती है या मामला पड़ने से आदमी की पहचान या परख होती है, काम पड़ने पर ही मनुष्य की परीक्षा होती है

आदमी कुछ खो के सीखता है

नुक़्सान उठाने के बाद तजुर्बा और अनुभव होता है

आदमी की पेशानी दिल का आईना है

आदमी का हाल उसके मुख से पता चल जाता है

आदमी न आदम-ज़ाद

दूर तक जनसंख्या न हो, जहाँ जनसंख्या न हो, निर्जन, उजाड़, वीरान, सुनसान

आदमी हो या पन-शाख़ा

बहुत फिरने वाले और रात दिन घूमने वाले के लिए प्रयुक्त

आदमी का जंगल

लोगों का समूह, जनसमूह, जनता की भीड़

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

आदमी ने कच्चा दूध पिया है

मनुष्य विस्मृति से मुक्त नहीं, मनुष्य का स्वभाव त्रुटिपूर्ण है (जब किसी व्यक्ति से उसकी गरिमा के विरूध्द कोई बात हो तो उसकी क्षमायाचना में प्रयुक्त)

आदमी अपने मतलब में अंधा होता है

मनुष्य अपने मतलब को प्राप्त करने में अच्छाई और बुराई में अंतर नहीं करता है

आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे

आदमी को मर्दुमशनासी ज़रूर है, अहल-ए-हुनर को दोस्त रखना आदमी को लाज़िम

आदमी आदमी अंतर कोई हीरा कोई कंकर

दो व्यक्ति एक प्रकार के नहीं होते इसलिए लोगों में कुछ लोग अचछे हैं तो कुछ बुरे

आदमी बन जाना

अच्छे संस्कार और उत्तम शिष्टाचार सीखना, शिष्ट और संस्कारी बन जाना

आदमी हो या बे नून के संग या जानवर

अत्यधिक असभ्य हो

आदमी की दवा आदमी

आदमी हो या बे-दाल के बूदम

निपट मूर्ख हो

आदमियत

मानवता, इंसानियत, सभ्यता, शिष्टता, तमीज़दारी, सुशीलता, अख्लाक़

आदमी अपने मतलब के लिए पहाड़ के कंकर ढोता है

मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए हर प्रकार के कष्ट सहता है

आदमी अन्न का कीड़ा है

मनुष्य बिना भोजन किए जीवित नहीं रह सकता, मानवीय जीवन की निर्भरता भोजन पर है

आदमी-पन

मानव होने की महत्ता या विशेषण, मानवता, सज्जनता, सभ्याता

आदमी को ढाई गज़ ज़मीन काफ़ी है

बहुत बड़ा भवन बनाने या लम्बी-चौड़ी ज़मीन प्राप्त करने का प्रयास करना व्यर्थ है, महल या घर बनाना या भूमि खरीदना व्यर्थ है

आदमी-ज़ात

मनु की संतान, मनुष्य

आदमी-ज़ाद

मनु की संतान, मनुष्य

आदमी-गरी

आदमगिरी, मनुष्यता, शिष्टता, कुलीनता

आदमी बनाना

मनुष्य का आकार देना, मनुष्य की जून में लाना

आदमी करना

आदमी बनाना, सभ्य बनाना, शिष्टाचार सिखाना

आदमी बनना

मानव का रूप धारना

आदमी-ख़्वार

आदमी को खानेवाला, मानवभक्षी

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