खोजे गए परिणाम
"ع" शब्द से संबंधित परिणाम
'अना
अ. स्त्री. कष्ट, दुःख, तकलीफ़, प्रयास, मशक्कत
'अता
बड़ों की ओर से छोटों को मिलने वाला दान, प्रदान की हुई वस्तु, प्रदत्त वस्तु, उपहार, दान, इनआम, पुरस्कार, बख़्शिश
'अब
बार-बार पानी पीना, मुँह भर- भर के खाना।।
'अया
अड़ाई या अढ़ाई गुने का पहाड़ा
'आनी
क़ैदी, बंदी, बहता हुआ खून
'इश्क़
प्रेम की प्रचंड भावना, गहरी चाहत, मोहब्बत, प्रेम, प्यार
'आज
हाथीदांत, हस्तिदंत, हाथी के दांत से बनी हुई कोई चीज़
'उम्र
जन्म से लेकर अंत तक का जीवनकाल या बीता हुआ जीवनकाल, सारा जीवन-काल, वह अवधि जिसमें कोई वस्तु या उपकरण आदि चालू हालत में या उपयोग में रहे, आयु, अवस्था, सिन
'आना
बालों से ढका हुआ श्रोणि के सामने पेट का निचला भाग, नाभि और मूत्रेंद्रिय के बीच का स्थान, उपस्थ, पेड़ू
'आलम
विश्व, संसार, दुनिया, जगत्हा, लत, ढंग
'आरज़ी
अस्थायी, क्षणिक, अस्थिर, थोड़ी देर का
'अजीब
अनोखा, आश्चर्यचकित कर देने वाला, विचित्र
'आसा
रुक: हाथ में पकड़ने की लकड़ी, छड़ी, लाठी
'आसी
पापी, अपराधी, दोषी, पातकी, पापाचारी, मुजरिम गुनाहगार
'आसिया
आसी की स्त्री, गुनहगार औरत, दूषित महिला, वह महिला जिसने कोई गुनाह किया हो
'आशिक़
प्रेमी, अनुरागी, व्यसनी, बहुत पसंद करने वाला, दिल से क़दर करने वाला, क़द्रदान
'अक़्ल
बुद्धि, धी, प्रज्ञा, मेधा, सूझ-बूझ, चतुरता, होशयारी, विवेक, तमीज़
'अब्र
स्वप्न का फल बताना, ता'बीर कहना
'अज़ाब
(अल्लाह ताला की ओर से) अपराध की सज़ा, कुकृत्यों की पादाश (सवाब का विलोम)
'अज़ल
कठिन और कड़ी मेहनत वाला काम
'अताई
जो अपनी ईश्वरदत्त प्रतिभा के बल पर ही बिना किसी शिक्षक की सहायता से कोई काम सीख ले, जो अपनी प्रतिभा से कोई काम सीख ले, बिना शिक्षक की सहायता से काम करने वाला, जो बहुत जल्दी कोई काम सोख लेता हो
'अहद
युग, काल, ज़माना, समय, वक़्त
'अबस
बेकार, व्यर्थ, निरर्थक, फ़ुज़ूल, अकारण
'अताया
‘अतीयः’ का बहु., पुरस्कार और सम्मान, बख़शिश, इनाम, उपहार, भेंट, दान
हियो
हल चलाने के लिए गाय भैंसों या ढोर को बुलाने की आवाज़
हूँ
अनुमोदन, समर्थन या स्वीकृति का सूचक शब्द।
'आदत
स्वभाव, प्रकृति (जो बिना इरादा हो)
हनी
पाचक, हाज़िम, स्वादिष्ठ, लज़ीज़, । सुगम, सहज ।।
'उलू
उच्चता, ऊँचाई, बलंद, उच्च, सर्वोच्च
'इल्म
विद्या, शिक्षा, तालीम, ज्ञान, जानकारी
'उल्या
'आ'ला' का स्त्रीलिंग, जैसे-पुरुष के लिए ‘आ’ला हव्रत' स्त्री के लिए ‘उल्या हज्रत' ।।
'अर्श
एक महान शरीर जो अपने फैलाव और ऊँचाई के कारण समस्त मर्त्यलोक पर फैला हुआ है, कुछ उसे नौवें आसमान पर और उससे ऊँचा विचार करते हैं, कहते हैं कि वह नूर-ए-इलाही अर्थात ईश्वर के प्रकाश से रौशन है, तख़्त-ए-इलाही अर्थात ईश्वर के सिंहासन से रौशन है, तख़्त-ए-इलाही, तख़्त (फ़र्श का विलोम)
'अरा
चटियल मैदान, जहाँ न घास हो न पेड़, दरगाह, आश्रम
'आस
रात में पहरा और गश्त देने वाला
'अदम
अस्तित्वहीनता, अस्तित्व न होने की अवस्था, न होना, न होने की स्थिति
'आशिक़े
कलमा-ए-तहसीन-ओ-आफ़रीन , (बाज़ारी) शाबाश, आफ़रीन, मर्हबा, क्या कहना है
'आशिक़ी
प्रेम, स्नेह, अनुराग, चाहत, इश्क़ होना, मुहब्बत, फ़रेफ़्तगी, आशिक़ होने की क्रिया या भाव, प्रेमासक्ति