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मौज़
केला, केले की फली, एक किस्म का केला जिसे अमृत बाण कहते हैं
मोज़ा-बंद
चमड़े के तसमों का बना हुआ मोज़ा (जो इंग्लैन्ड के राजा रिचर्ड प्रथम ने पहना था)
मोज़ा-गीर
घुड़सवारी: अपने सवार की टांग पर काटने वाला, वह घोड़ा जो सवार के पाँव को पकड़े या काटे
मोज़ा-साज़
चमड़े की मोज़ा बनाने वाला; जूते बनाने वाला, मोची
मोज़ा-आहनी
टख़नों से ऊँचा लोहे का जूता जो सिपाही पहना करते थे
मौज़ून-ए-तब'
जिस व्यक्ति का स्वास्थ्य उपयुक्त हो
मौज़ूँ होना
۱۔ मौज़ूं करना (रुक) का लाज़िम, (किसी ख़्याल वग़ैरा का शेअर में) नज़म होना
मौज़ूँ-तब'
वह व्यक्ति जिसका स्वभाव कविता लेखन के उपयुक्त हो, जिसका स्वभाव, कवित और शेर-ओ-शाएरी के वज़न आदि से मुनासबत और लगाव रखता हो, वो जो कविता लिख लेता हो, वो जो शेर को वजन के अनुसार लिखता हो
मोज़ा का घाव बीवी जाने या पाँव
रुक : मौज़े का घाओ अलख, अपनी तकलीफ़ को इंसान ख़ुद अच्छी तरह समझता है
मोज़े
मोज़ा का बहु. तथा लघु. पांव में पहनने की (सूती, रेशमी, ऊनी) जुराब
मोज़ा
पैरों के पंजे में पहनने का कपड़ा, जुर्राब, मोजा, पायतावा
मोज़े चढ़ाना
मोज़े पहनना, जुराबें पहनना
मौज़ूनिय्यत
नज़्म अर्थात शायरी या मौज़ूं अर्थात नपा-तुला (शेर के संदर्भ में) करने की विशेषता, मौज़ूँ-तब' होना
मोज़े लेना
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मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव
मोज़े का घाव बीवी जाने या राव
ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है
मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव
मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाव
मौज़ूनी
औचित्य, उपयुक्तता, ठीक शेर का बहर या उरूज़ से ठीक या सही होना, वज़न, फबन
मौज़ूँ-ज़ात
किसी दूसरे व्यक्ति के लिए मुनासिब, किसी दूसरे व्यक्ति के योग्य या उचित
मौज़ूं करना
(किसी विचार को) शेर में बाँधना, (शेर) नज़्म करना, शेर को वज़्न या छंद से ठीक करना, ठीक करना, प्रस्थिति के अनुसार करना
मौज़ूँ-कलाम
(शायरी) वह कलाम जो वज़न, बहर और छंद विद्या के एतबार से दुरुस्त लिखा गया हो
मौज़ूँ
तुला हुआ, वह चीज़ जो वज़्न या भार होकर बेची जाती है
मौज़ूँ बनाना
उपयोगी बनाना, काम के योग्य बनाना
मौज़ूँ-क़ामत
शरीर और क़द की दृष्टी से ठीक, उपयुक्त क़द
मोज़े का घाव रानी जाने या राव
ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है
मौज़ूनात
वो चीज़ें जिन्हें नाप तौल कर बेचा जाये, गंभीर बातें
पा-मोज़
वह कबूतर या चिड़िया जिसके पंजे भी परों से ढके होते हैं