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कार्गा

वह कपड़ा जिस पर सोने-चाँदी के तार के सुनहरे फूल-बूटे बने हों

करेगी

किसी काम का भविष्य में (स्त्री द्वारा) किये जाने की सम्भावना

कार-गाह

जुलाहों का करघा, या वह स्थान जहाँ जुलाहे बैठकर कपड़े बुनने आदि का काम करते हैं

कारगाह-ए-दहर

workshop, toil-place of the world

कार-गाह-ए-'अमल

मुराद: दुनिया, अनंत काल का कार्यस्थल

कार-गाह-ए-फ़लक

(सांकेतिक) दुनिया, संसार, विश्व, आसमान

कार-गाहे-कुन-फ़काँ

दुनिया और दोनों दुनियाँ की सामग्रियाँ

कार-गाह-ए-'आलम

दुनिया का कारख़ाना

कार-गाह-ए-हयात

ज़िंदगी का कारख़ाना, अभिप्राय: दुनिया

करगी

चीनी के कारखाने में जमी हुई चीनी को खुरचने वाला एक उपकरण, खुरचनी

कर्गा

a place where garments are made

करगू

(شکر سازی) بان٘س کی بنی ہوئی ایک قسم دکی جھلّی نما جالی جو شکر صاف کرنے کے لیے کارخانے میں ایک طرف کو بنی ہوتی ہے .

kedge

छोटा लंगर

करगा

कपड़ा बुनने की मशीन, वह चीज़ जिस पर तागे ताने और बाने के तौर पर लगाए जाते हैं और आदमी उस में तागा घुमा कर और एक काँटेदार चीज़ से उसे कसता है

कोरंगा

गोबर और मिट्टी पोत कर बनाई हुई एक प्रकार की दौरी

कूर्गा

बिगुल, क़र्ना

कर उगाओ

محصول یا چنگی جمع کرنے والا، ٹیکس وسول کرنے والا، تحصیلدار

कोरंगी

छोटी इलायची

क़ा'इदगी

قاعدہ ہونا ، قاعدے کے مطابق ہونا (مرکبات میں بطور جزوِ دوم مستعمل).

कड़ंगा

bitter talking

'अक़ीदगी

عقیدی ہونا ، اعتقاد ہونا .

करगा छोड़ तमाशे जाए नाहक़ चोट जुलाहा खाए

अपने काम छोड़कर औरों की रेस करने में नुक़्सान होता है

करगा छोड़ तमाशे जाए नाहक़ चोट जुलाहा खाए

अर्थात अपना काम छोड़ कर औरों की रेस नुक़्सान होता है

करूँगा पर टलूँगा नहीं

ज़रूर करूँगा रुकूँगा नहीं, ज़िद्दी आदमी कहता है

क्या करेगा

रुक : क्या कर लेगा, कुछ नहीं कर सकता

घोड़ा दाने, घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमला की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, अगर कोई शख़्स अपने नफ़ा की पर्वा ना करे तो भूका मरता है

घोड़ा घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमले की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, कोई शख़्स अगर अपने काम के नफ़ा की कुछ पर्वा ना करे तो गुज़ारा नामुमकिन है , मज़दूर मज़दूर ना ले तो भूका मर जाये , अपना मतलब कोई नहीं छोड़ता

ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

जब निर्लज्जता अपना ली तो फिर किस का डर

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

जब दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

उतर गई मुँह से लोई क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

क़ाज़ी न्याव न करेगा तो घर तो आने देगा

अगर फ़ायदा ना हुआ तो कुछ नुक़्सान भी नहीं है

कोई दिन तक याद करोगे

भले ही अभी हमारी महत्व नहीं है मगर मरने के बाद हमें लंबे समय तक याद करोगे, गो-अब हमारी क़दर नहीं करते हो, मगर मरने के बाद हमें भी मुद्दत तक याद करोगे, कुछ अर्से तक याद रहेगा

घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या

रुक : घोड़ा घास से यारी या आश्नाई करे तो भूका मरे

मियाँ बीवी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

उतर गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मियाँ बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

आख़िर मरोगे रूपया जोड-जोड़ कर क्या करोगे

कंजूस को कहा जाता है,जब वह आवश्यकता के अवसर पर भी ख़र्च नहीं करता

चढ़ जा बेटा सूली पर, राम भला करेगा

परिणाम की परवाह न कर ये काम कर ही डाल

मुँह पर डाली लोई, तो क्या करेगा कोई

यदि व्यक्ति ढीठ या बेशर्म हो जाए, तो उसे किसी की चिंता नहीं होती

नाट का बच्चा तो क़लाबाज़ी ही करेगा

जो जिस काम में सक्षम है वही काम करेगा

उतार ली मुँह को लोई तो क्या करेगा कोई

बेशर्म सब कुछ कर सकता है, लज्जाहीन से कोई बात दूर नहीं

चढ़ जा बेटा सूली पर, भगवान भली करेंगे

परिणाम की परवाह न कर ये काम कर ही डाल

फ़ासिद-उल-'अक़ीदगी

कच्चे विश्वास वाला, अंधविश्वासी

जब उनारी मुँह की लोई क्या करेगा कोई

बेहया बिन जाते पर किसी का डर या परवाह नहीं रहती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

दादा मरेंगे तो पोता राज करेगा

बड़े मर जाएँ तो छोटे मज़े उड़ाते हैं

क़ाज़ी गिला न करेगा

कोई आपत्ति नहीं करेगा, कुछ बुराई की बात न होगी, कोई शिकवा शिकायत नहीं करेगा

याद करेगा

कभी न भूले

याद करोगे

۔ कभी ना भोलूगे

क्या क़ाज़ी गिला करेगा

कोई ताना नहीं करेगा, कोई नाम नहीं धरेगा, कोई मुँह पर बात नहीं लाएगा, कोई भी टिप्पणी या चुनौती नहीं देगा

काछ की तलवार क्या काट करेगी

नाकारा चीज़ कारआमद नहीं होती

क्या करेगा दौला जिसे दे तिसे मौला

अल्लाह के दीन में किसी का नियंत्रण नहीं है

नाट का बच्चा तो कलाबाज़ी ही करेगा

जो जिस काम में सक्षम है वही काम करेगा

क्या याद करोगे

मुद्दत तक याद करते रहोगे, मुद्दत तक एहसान मंद रहोगे, बहुत याद करोगे, मुद्दत तक याद रखोगे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में 'अक़्ल-मंदी के अर्थदेखिए

'अक़्ल-मंदी

'aql-mandiiعَقْل مَنْدی

वज़्न : 2122

'अक़्ल-मंदी के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, स्त्रीलिंग

शे'र

English meaning of 'aql-mandii

Persian, Arabic - Noun, Feminine

عَقْل مَنْدی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - اسم، مؤنث

  • دانائی، ہوشمندی، زیرکی، فراست

Urdu meaning of 'aql-mandii

  • Roman
  • Urdu

  • daanaa.ii, hoshmandii, ziirakii, firaasat

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कार्गा

वह कपड़ा जिस पर सोने-चाँदी के तार के सुनहरे फूल-बूटे बने हों

करेगी

किसी काम का भविष्य में (स्त्री द्वारा) किये जाने की सम्भावना

कार-गाह

जुलाहों का करघा, या वह स्थान जहाँ जुलाहे बैठकर कपड़े बुनने आदि का काम करते हैं

कारगाह-ए-दहर

workshop, toil-place of the world

कार-गाह-ए-'अमल

मुराद: दुनिया, अनंत काल का कार्यस्थल

कार-गाह-ए-फ़लक

(सांकेतिक) दुनिया, संसार, विश्व, आसमान

कार-गाहे-कुन-फ़काँ

दुनिया और दोनों दुनियाँ की सामग्रियाँ

कार-गाह-ए-'आलम

दुनिया का कारख़ाना

कार-गाह-ए-हयात

ज़िंदगी का कारख़ाना, अभिप्राय: दुनिया

करगी

चीनी के कारखाने में जमी हुई चीनी को खुरचने वाला एक उपकरण, खुरचनी

कर्गा

a place where garments are made

करगू

(شکر سازی) بان٘س کی بنی ہوئی ایک قسم دکی جھلّی نما جالی جو شکر صاف کرنے کے لیے کارخانے میں ایک طرف کو بنی ہوتی ہے .

kedge

छोटा लंगर

करगा

कपड़ा बुनने की मशीन, वह चीज़ जिस पर तागे ताने और बाने के तौर पर लगाए जाते हैं और आदमी उस में तागा घुमा कर और एक काँटेदार चीज़ से उसे कसता है

कोरंगा

गोबर और मिट्टी पोत कर बनाई हुई एक प्रकार की दौरी

कूर्गा

बिगुल, क़र्ना

कर उगाओ

محصول یا چنگی جمع کرنے والا، ٹیکس وسول کرنے والا، تحصیلدار

कोरंगी

छोटी इलायची

क़ा'इदगी

قاعدہ ہونا ، قاعدے کے مطابق ہونا (مرکبات میں بطور جزوِ دوم مستعمل).

कड़ंगा

bitter talking

'अक़ीदगी

عقیدی ہونا ، اعتقاد ہونا .

करगा छोड़ तमाशे जाए नाहक़ चोट जुलाहा खाए

अपने काम छोड़कर औरों की रेस करने में नुक़्सान होता है

करगा छोड़ तमाशे जाए नाहक़ चोट जुलाहा खाए

अर्थात अपना काम छोड़ कर औरों की रेस नुक़्सान होता है

करूँगा पर टलूँगा नहीं

ज़रूर करूँगा रुकूँगा नहीं, ज़िद्दी आदमी कहता है

क्या करेगा

रुक : क्या कर लेगा, कुछ नहीं कर सकता

घोड़ा दाने, घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमला की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, अगर कोई शख़्स अपने नफ़ा की पर्वा ना करे तो भूका मरता है

घोड़ा घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमले की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, कोई शख़्स अगर अपने काम के नफ़ा की कुछ पर्वा ना करे तो गुज़ारा नामुमकिन है , मज़दूर मज़दूर ना ले तो भूका मर जाये , अपना मतलब कोई नहीं छोड़ता

ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

जब निर्लज्जता अपना ली तो फिर किस का डर

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

जब दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

उतर गई मुँह से लोई क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

क़ाज़ी न्याव न करेगा तो घर तो आने देगा

अगर फ़ायदा ना हुआ तो कुछ नुक़्सान भी नहीं है

कोई दिन तक याद करोगे

भले ही अभी हमारी महत्व नहीं है मगर मरने के बाद हमें लंबे समय तक याद करोगे, गो-अब हमारी क़दर नहीं करते हो, मगर मरने के बाद हमें भी मुद्दत तक याद करोगे, कुछ अर्से तक याद रहेगा

घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या

रुक : घोड़ा घास से यारी या आश्नाई करे तो भूका मरे

मियाँ बीवी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

उतर गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मियाँ बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

आख़िर मरोगे रूपया जोड-जोड़ कर क्या करोगे

कंजूस को कहा जाता है,जब वह आवश्यकता के अवसर पर भी ख़र्च नहीं करता

चढ़ जा बेटा सूली पर, राम भला करेगा

परिणाम की परवाह न कर ये काम कर ही डाल

मुँह पर डाली लोई, तो क्या करेगा कोई

यदि व्यक्ति ढीठ या बेशर्म हो जाए, तो उसे किसी की चिंता नहीं होती

नाट का बच्चा तो क़लाबाज़ी ही करेगा

जो जिस काम में सक्षम है वही काम करेगा

उतार ली मुँह को लोई तो क्या करेगा कोई

बेशर्म सब कुछ कर सकता है, लज्जाहीन से कोई बात दूर नहीं

चढ़ जा बेटा सूली पर, भगवान भली करेंगे

परिणाम की परवाह न कर ये काम कर ही डाल

फ़ासिद-उल-'अक़ीदगी

कच्चे विश्वास वाला, अंधविश्वासी

जब उनारी मुँह की लोई क्या करेगा कोई

बेहया बिन जाते पर किसी का डर या परवाह नहीं रहती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

दादा मरेंगे तो पोता राज करेगा

बड़े मर जाएँ तो छोटे मज़े उड़ाते हैं

क़ाज़ी गिला न करेगा

कोई आपत्ति नहीं करेगा, कुछ बुराई की बात न होगी, कोई शिकवा शिकायत नहीं करेगा

याद करेगा

कभी न भूले

याद करोगे

۔ कभी ना भोलूगे

क्या क़ाज़ी गिला करेगा

कोई ताना नहीं करेगा, कोई नाम नहीं धरेगा, कोई मुँह पर बात नहीं लाएगा, कोई भी टिप्पणी या चुनौती नहीं देगा

काछ की तलवार क्या काट करेगी

नाकारा चीज़ कारआमद नहीं होती

क्या करेगा दौला जिसे दे तिसे मौला

अल्लाह के दीन में किसी का नियंत्रण नहीं है

नाट का बच्चा तो कलाबाज़ी ही करेगा

जो जिस काम में सक्षम है वही काम करेगा

क्या याद करोगे

मुद्दत तक याद करते रहोगे, मुद्दत तक एहसान मंद रहोगे, बहुत याद करोगे, मुद्दत तक याद रखोगे

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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