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ख़ाविंद चोन का भी बुरा होता है

मालिक अगर आटे का बना हुआ भी हो तो बुरा होता है मतलब ये है कि चाहे मालिक कितना सीधा और नेक हो मगर ख़िदमतगार को हमेशा बुरा लगता है

तिनके का एहसान भी बहुत होता है

चून का हाकिम भी बुरा होता है

अदना से अदना हाकिम से भी डरना चाहिए

हाकिम के मारे और कीचड़ के फिसले का किस ने बुरा मनाया है

हाकिम किसी को ज़द-ओ-कोब करे तो इस की तसल्ली के लिए कहते हैं

धन ही होता है कन्या का बुरा

(हिंदू) औरत की क़िस्मत (वजूद) ही ख़राब है (बुरे वक़्त मुस्तामल)

यूँ भी होता है

यूँ भी है, ऐसे भी होता है, इस तरह भी होता है

नक्टों में एक नाक वाला भी नाकू होता है

बहुत से बे हुनरों में एक हुनरवर भी अंगुश्तनुमा हो जाता है, बहुत से नुक़्स वालों में एक बेऐब भी गोया अयुबी ख़्याल किया जाता / बिन कर रह जाता है, अंधों में काना राजा

अमीर का पाद भी ख़ुश्बूदार होता है

दौलत जुमला उयूब की पर्दापोशी करती है

कहीं नाख़ुन से भी गोश्त जुदा होता है

अपनों को छोड़ना कठिन है, रिश्ता किसी तरह नहीं छूटता, अपनों से अपने नहीं छूट सकते, घर का आदमी हमेशा घर का ही रहेगा

नक्टों में एक नाक वाला भी नक्कू होता है

बहुत से बे हुनरों में एक हुनरवर भी अंगुश्तनुमा हो जाता है, बहुत से नुक़्स वालों में एक बेऐब भी गोया अयुबी ख़्याल किया जाता / बिन कर रह जाता है, अंधों में काना राजा

कुत्ता भी अपने घर में शेर होता है

अहने इलाक़े में हर शख़्स की जुर्रत बढ़ जाती है , हिमायतों को देख कर सब के हौसले बढ़ जाते हैं, अपने ठिकाने पर मौजूद हो तो इंसान का हौसला बढ़ा हुआ होता है

कुत्ता भी अपनी गली में शेर होता है

अहने इलाक़े में हर शख़्स की जुर्रत बढ़ जाती है , हिमायतों को देख कर सब के हौसले बढ़ जाते हैं, अपने ठिकाने पर मौजूद हो तो इंसान का हौसला बढ़ा हुआ होता है

अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है

अपने क्षेत्र में हर व्यक्ति की बहादुरी और साहस बढ़ जाता है, समर्थन मिलने पर कायर भी बहादुर हो जाता है (ऐसे व्यक्ति के लिए बोलते हैं जो दूसरे की हिमायत के बल पर धमकाए या ऐंठे

मुर्ग़ी के लिये तकले का ज़ख़्म भी बहुत होता है

रुक : मुर्ग़ी को तकले का घाओ बस अलख

बुरे का साथ दे सो भी बुरा

बुरे व्यक्ति का मित्र भी बुरा ही होता है

हाथी हज़ार लुटे तो भी सवा लाख टके का होता है

अमीर आदमी कैसा ही ग़रीब क्यों ना हो जाये फिर भी इस की क़दर रहती है (मालदार के मुफ़लिस हो जाने के मौके़ पर मुस्तामल है)

क़ोरमा उबसा उबसा भी दाल से अच्छा होता है

सज्जन ग़रीब भी हो तो कमीने से बहुत अच्छा है

बुरा हाकिम ख़ुदा का ग़ज़ब

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

मर्दों का एक क़ौल होता है

मर्द जो कहते हैं वो करते हैं और अपनी बात पर क़ायम रहते हैं

सौगन चून की भी बुरी होती है

साझी कैसा ही कमतर हो दिक करने को काफ़ी है

सौ रूपए में एक बोतल का नशा होता है

दौलत इंसान को ग़ाफ़िल और मुतकब्बिर करदेती है

सोहबत का असर होता है

पास बैठने से कुछ ना कुछ असर ज़रूर होता है, जब किसी का चाल चलन किसी के पास बैठने से ख़राब हो जाये तो कहते हैं

दरख़्त का हाल फलों से मा'लूम होता है

वृक्ष अपने फल से ही जाना जाता है, मनुष्य अपने कर्मों से अच्छा या बुरा होता है, सब कुछ उसके परिणाम से जाना जाता है

जब कमर में ज़ोर होता है तो मदार साहब भी देते हैं

बेरों फ़क़ीर वन की दुआ का तब ही असर होता है जब अपने आप भी कोशिश की जाये

साँप का सर भी कभी काम आता है

कोई चीज़ ज़ाए नहीं करनी चाहिए . कभी ना कभी काम आजाती है, दाश्ता आबिद बिकार, गरचा बूद सर मार

हजाम का उस्तुरा मेरे सर पर भी फिरता है , तुम्हारे सर पर भी

में और तुम एक जैसे हैं, सब लोग एक जैसे हैं, यकसाँ बरताओ के मौक़ा पर मुस्तामल

पीठ पीछे बादशाह को भी बुरा कहते हैं

घर में जोरू का नाम बहू बेगम रख लेने से क्या होता है

अपनी इज़्ज़त अपने मुँह से नहीं हुआ करती

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

चून का मियाँ

बेज़बाँ आज्ञाकारी पति

सौत चून की भी बुरी

सोकन कितनी ही हक़ीर और कमज़ोर क्यों ना हो बर्दाश्त नहीं की जा सकती या ये कि कभी ना कभी नुक़्सान पहुंचा ही देती है, (गाहे हरीफ़ के लिए इसी मफ़हूम में मुस्तामल)

वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है

(मिसरा बतौर फ़िक़रा मुस्तामल) क़िस्मत की बात हर हाल में वाक़्य होकर रहती है, मुक़द्दर का लिखा टलता नहीं, जब कोई आदमी किसी के साथ बुराई करता है और दूसरा इस आंच से महफ़ूज़ रहता है तो उस वक़्त भी ये मिसरा पढ़ते हैं

जिस का चून उस का पून

जो अच्छा काम करता है इस को सवाब पहुंचता है

रूपे का नशा होता है

धन आपको लापरवाह और अभिमानी बनाता है

मश'अल्ची अंधा होता है

मश'अल दिखाने वाले को उससे निकटता के कारण नहीं दिखाई देता

'आशिक़ अंधा होता है

प्रेमी प्रेमीका के सिवा कुछ नहीं सोचता वह अपनी धुन में रहता है, प्रेम में मनुष्य को बुरा भला कुछ दिखाई नहीं देता

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे वक़्त में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे वक़्त में कोई काम नहीं आता

सौकन तो चून की भी बुरी

स्वत चाहे कैसी ही नाचीर और कमतर हो, बहरहाल गवारा नहीं, ना जाने किस वक़्त नुक़्सान पहुंचा दे, हरीफ़ बहरसूरत हरीफ़ है

कलाल की दुकान पर पानी भी पियो तो शराब का गुमान होता है

बुरी संगत में रहने वाले को भी बुरा समझा जाता है, बुरे स्थान पर मात्र जाने से ही लोग संदेह करने लगते हैं कि यह भी बुराई में सम्मिलित है

क्या पानी मथने से भी घी पैदा होता है

व्यर्थ या फ़ालतू काम से कोई लाभ नहीं होता, अकारण अच्छे गुमान या कल्पने में डूबा रहना ठीक नहीं

सब्र का फल मीठा होता है

सब्र का अंजाम अच्छा होता है

गाँडू का हिमायती भी हारा है

(फ़हश बाज़ारी) कम हौसला और नामर्द का तरफ़दार भी ज़क उठाता है, बोदे का साथी भी शर्मिंदगी उठाता है, नालायक़ और कमीने का साथ देना दाख़िल हमाक़त है

मरा हाथी भी सवा लाख का होता हे

कारआमद और क़ीमती चीज़ की निसबत कहते हैं, अच्छी और मुफ़ीद चीज़ की क़दर हमेशा रहती है

आम्ला का खाया बुज़ुर्ग का फ़रमाया पीछे मा'लूम होता है

आरंभ में तो ये दोनों वस्तुएँ ही स्वादहीन दिखाई पड़ती हैं परिणाम-स्वरूप अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होती हैं

करना ख़ुदा का किया होता है

क्या वाक़िया पेश आता है, अजीब वाक़िया पेश आता है, तसलसुल-ए-कलाम के लिए मुस्तामल

नमक का सहारा बहुत होता है

थोड़ा सा सहारा, थोड़ी सी मदद या छोटा सहारा भी बहुत होताहै , थोड़ा सा नमक पड़ने से भी खाना लज़ीज़ हो जाता है

परसों का होता कल और कल का होता आज

ऐसे मवाक़े पर कहते हैं जहां बहुत उजलत ज़ाहिर करना मंज़ूर हो

जहाँ नशेब होता है वहीं पानी मरता है

रुक : जहां गढ़ा अलख

कंजा भगवान होता है

करंजा यानी नीली आँखों वाला भाग्यशाली होता है।

जो औरों का बुरा चेते गा उस का पहले बुरा होगा

जो दूसरों का नुक़्सान चाहेगा इस का अपना नुक़्सान होगा

दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है

रीछ का एक बाल भी ग़नीमत है

कंजूस आदमी से जो कुछ हाथ लगे वही ग़नीमत है

कंजा भागवान होता है

करंजा यानी नीली आँखों वाला ख़ुशकिसमत होता है

पुराने चावलों में मज़ा होता है

तजरबाकार की राय अच्छी होती है

पुराने चावलों में मज़ा होता है

प्रदेसी का जी आधा होता है

परदेस में इंसान का हौसला नहीं रहता

ग़रज़-मंद बावला होता है

हाँडी में जो होता है सो वही डोई में निकलता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चून का हाकिम भी बुरा होता है के अर्थदेखिए

चून का हाकिम भी बुरा होता है

chuun kaa haakim bhii buraa hotaa haiچُون کا حاکِم بھی بُرا ہوتا ہے

कहावत

चून का हाकिम भी बुरा होता है के हिंदी अर्थ

  • अदना से अदना हाकिम से भी डरना चाहिए
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چُون کا حاکِم بھی بُرا ہوتا ہے کے اردو معانی

  • ادنیٰ سے ادنیٰ حاکم سے بھی ڈرنا چاہیے.

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