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दुर हो

(कलमा-ए-हक़ारत-ओ-नफ़रत) दफ़ा हो! चल पिट! , दूर हो

दूर हो

भाग जाओ, यहाँ से निकल जाओ, चले जाओ (घृणा व्यक्त करने के अवसर पर प्रयुक्त)

दूर हो जा

दफ़ा हो जाओ, यहां से निकल जाओ, चले जाओ (नफ़रत के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल)

दूर होना

जुदा होना, अलग हो जाना, निष्कासित होना

दौर हो चुकना

ग़लबा ख़त्म होना, दौर-ए-हुकूमत तमाम होना

डोर होना

फ़रीफ़ते होना, गरवीदा होना, माइल होना, ग़ालिब होना

दूर-होर-दराज़

बहुत दूर, काले कोसों, बहुत दूर, दूरवर्ती

जा दूर हो

चले जा, दफ़्न हो जा

हवा खा दूर हो

भाग जा, दफ़ा हो जाओ

आँखों से दूर हो मगर दिल से नज़दीक हो

यद्यपि दूर हो परंतु हर समय याद रहते हो, यद्यपि आँखों से ओझल हो परंतु हर समय कल्पना में रहते हो

नज़रों से दूर हो जाओ

(ग़ुस्से और नफ़रत के इज़हार के महल पर कहते हैं) भाग जाओ, सामने से चले जाओ, दफ़ान हो जाओ

चल दूर हो

be off! away! begone!

दूर ही से

ऊपरी दिल से

तुम भी बहुत दूर हो

خوب آدمی ہو

दूर ही से सलाम करना

بیزار ہونا، پناہ مانگنا

वो बाल खींचूँ कि जिस की जड़ दूर हो

सारे छुपे छुपाए दोष प्रकट कर दूँ, सारी दुनिया में अपमान का माध्यम एवं तिरस्कीर एवं अपयश का कारण बनूँ

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अधियाव में दौड़ चलती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अंधियाव में दौड़ चलंती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

जल से अग्नि बुझत है जल बरसत ठंड हो, जल से धोबी मैल को दूर करत है धोय

जल मनुष्य के लिये अत्यंत लाभदायक चीज़ है इस से आग बुझती है, बरसे तो सर्दी होती है और मैले कपड़ों से मैल भी निकालता है

जल से अग्नि बुझत है जल बरसत ठंड हो, जल से धोबी मैल को दूर करत है धो

जल मनुष्य के लिये अत्यंत लाभदायक चीज़ है इस से आग बुझती है, बरसे तो सर्दी होती है और मैले कपड़ों से मैल भी निकालता है

जीवड़ा मज़े-दार है

हासप्रिय औरत, प्रसन्न-चित्त स्त्री

डेढ़ पाव चून, नौ बेगारी राह में डर भी है

थोड़ी सी बात के लिए इतनी बड़ी व्यवस्था या छोटी सी बात पर इतना दिखावा, झूठा आडंबर

ज़र दार का सौदा है बे ज़र का ख़ुदा हाफ़िज़

धनवान व्यक्ति जो चाहे ले सकता है निर्धन कुछ नहीं कर सकते

वज़'अ-दार हो जाना

मुहज़्ज़ब हो जाना, उच्च आचार-विचार रखने और भले आदमियों का-सा व्यवहार करने वाला होना, शिष्ट और सभ्य होना

देर में देर होती है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

अल्लाह के यहाँ देर है अंधेर नहीं है

देर-सवेर कर्मों का फल अवश्य मिलता है

देर में देर तो होती ही है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

क़ुदरत के यहाँ देर है अंधेर नहीं

ख़ुदा के यहाँ देर है अंधेर नहीं

घोड़ी को घर क्या दूर है

घोड़े के आगे फ़ासिला और दूरी कुछ चीज़ नहीं, काम जानने वाले के लिए कोई काम मुश्किल नहीं, चतुर व्यक्ति अपना मतलब जल्दी निकाल लेता है, चालाक शख़्स अपना मतलब जल्द निकाल लेता है

क़र्ज़-दार हर जगह से पत्थर खाता है

उधार लेने वाला आदमी हर जगह से धुतकारा जाता है, हर कोई उसको अपमानित करता है, लोगों की दृष्टी से गिर जाता है

दिनों देर है

बहुत अर्सा नहीं है सिर्फ़ दिनों की देर अलबत्ता है

आज इस का दौर है तो कल उस का दौर है

ज़माना एक हाल पर रहता है, आज किसी का दरोज है तो कल किसी का, दुनिया की हर हालत आरिज़ी वार ना पाएदार है

दिल्ली दूर है

अभी लक्ष्य नहीं आया, लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल है

डर दो तरफ़ होता है

जब एक आदमी अपने दुश्मन पर किसी भी तरह से हमला करता है, तो उसे भी अपनी जान का डर होता है कि पता नहीं किसका हमला सफल हो जाए

ना'ल-दर-आतिश हो जाना

बहुत बेक़रार होना, तिलमिलाना , हसद या किसी और वजह से सख़्त तकलीफ़ और बेचैनी में मुबतला होना

आँखें मुँदते क्या देर है

मृत्यु आने में देर नहीं लगती, मौत आने में देर नहीं लगती, ज़िंदगी का क्या भरोसा है

एक डर दो तरफ़ होता है

शत्रुता का भय दोनों तरफ़ के लोगों को होता है, शत्रुता में दोनों ही एक दूसरे से भय खाते हैं

ढोल की आवाज़ दूर से सुहानी मा'लूम देती है

रुक : दौर के ढोल सुहाने

अभी दिल्ली दूर है

अभी लक्ष्य नहीं आया, लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल है

शराबियों से दूर ही भले

शराब पीने वालों के पास भी नहीं जाना चाहिए

कुछ दूर है

(हैरानी के लिए) कुछ दूर नहीं

बनिये का क़र्ज़ घोड़े की दौड़ बराबर है

जैसे घोड़ा दौड़ता है उसी गति से बनिये का ब्याज चढ़ता है

टूटी कमान में दोनों को डर होता है

तीर चलाने वाला जानता है कि निशाना नहीं लगेगा और दुश्मन तीर से डरता है, अदना दुश्मन का भी ख़ौफ़ ख़्वाही नज्जो एही होता है

आसमान दूर है ज़मीन सख़्त है

लाचारी दिखाने के अवसर पर कहते हैं

दीवार-ओ-दर से रोना बरसता है

दुख व्यक्त होना

अभी देहली दूर है

अभी लक्ष्य नहीं आया, लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल है

सैंय्याँ भए कुतवाल अब डर क्या है

रुक : सी्यां भए कुतवाल अब डर किया है

ज़मीन सख़्त है आसमान दूर

विवश हो जाने के स्थान पर बोलते हैं

ग़ैरत-दार को चुल्लू भर पानी काफ़ी है

जिस शख़्स में ग़ैरत का माद्दा होता है इस के लिए थोड़ी तौहीन भी बहुत है

आँखें बंद होते क्या देर है

मरते देर नहीं लगती

आँखें बंद होने क्या देर है

मौत आते देर नहीं लगती, ज़िंदगी का कुछ भरोसा नहीं, अभी आँखें खुली हैं पलक झपकते हमेशा के लिए बंद हो गईं

देख जगत और सामत डर और मत रो, बिना हुक्म भगवान के बाल न बेका हो

दुनिया के दुख की परवाह नहीं करनी चाहिए क्यूँकि बिना ईश्वर की आज्ञा के कुछ नहीं होता

पक्के आम के टपकने का डर रहता है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

घर के हुए न दर के

कहीं के न रहे

कया दूर है

कुछ ताज्जुब नहीं, कुछ बईद नहीं, ऐसा हो सकता है

ख़ुदा का दिया नूर, कभी न होए दूर

(प्राकृतिक सुंदरता को सौंदर्यीकरण की आवश्यकता नहीं) ईश्वर जो देता है वह हमेशा क़ायम रहता है

झोली-दार हो जाना

(घोड़े-बैल आदि का) पेट लंबा और लटका हुआ होना (पेट के सिकुड़े होने के विपरीत स्थिति)

सब से बेहतर है मियाँ साहिब सलामत दूर की

दूर-दूर रहना ही अच्छा है, घनिष्ठता अच्छी नहीं

दर का हो रहना

किसी का ग़ुलाम या सेवक बन जाना

दर का हो जाना

किसी का ग़ुलाम या सेवक बन जाना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दुर-शपवार के अर्थदेखिए

दुर-शपवार

dur-shapvaarدُر شَپْوار

دُر شَپْوار کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بادشاہوں کے قابل موتی ا بہت بڑا موتی؛(مجازاً) بیتی چیز.

Urdu meaning of dur-shapvaar

  • Roman
  • Urdu

  • baadshaaho.n ke kaabil motii e bahut ba.Daa motii;(majaazan) biitii chiiz

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दुर हो

(कलमा-ए-हक़ारत-ओ-नफ़रत) दफ़ा हो! चल पिट! , दूर हो

दूर हो

भाग जाओ, यहाँ से निकल जाओ, चले जाओ (घृणा व्यक्त करने के अवसर पर प्रयुक्त)

दूर हो जा

दफ़ा हो जाओ, यहां से निकल जाओ, चले जाओ (नफ़रत के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल)

दूर होना

जुदा होना, अलग हो जाना, निष्कासित होना

दौर हो चुकना

ग़लबा ख़त्म होना, दौर-ए-हुकूमत तमाम होना

डोर होना

फ़रीफ़ते होना, गरवीदा होना, माइल होना, ग़ालिब होना

दूर-होर-दराज़

बहुत दूर, काले कोसों, बहुत दूर, दूरवर्ती

जा दूर हो

चले जा, दफ़्न हो जा

हवा खा दूर हो

भाग जा, दफ़ा हो जाओ

आँखों से दूर हो मगर दिल से नज़दीक हो

यद्यपि दूर हो परंतु हर समय याद रहते हो, यद्यपि आँखों से ओझल हो परंतु हर समय कल्पना में रहते हो

नज़रों से दूर हो जाओ

(ग़ुस्से और नफ़रत के इज़हार के महल पर कहते हैं) भाग जाओ, सामने से चले जाओ, दफ़ान हो जाओ

चल दूर हो

be off! away! begone!

दूर ही से

ऊपरी दिल से

तुम भी बहुत दूर हो

خوب آدمی ہو

दूर ही से सलाम करना

بیزار ہونا، پناہ مانگنا

वो बाल खींचूँ कि जिस की जड़ दूर हो

सारे छुपे छुपाए दोष प्रकट कर दूँ, सारी दुनिया में अपमान का माध्यम एवं तिरस्कीर एवं अपयश का कारण बनूँ

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अधियाव में दौड़ चलती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अंधियाव में दौड़ चलंती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

जल से अग्नि बुझत है जल बरसत ठंड हो, जल से धोबी मैल को दूर करत है धोय

जल मनुष्य के लिये अत्यंत लाभदायक चीज़ है इस से आग बुझती है, बरसे तो सर्दी होती है और मैले कपड़ों से मैल भी निकालता है

जल से अग्नि बुझत है जल बरसत ठंड हो, जल से धोबी मैल को दूर करत है धो

जल मनुष्य के लिये अत्यंत लाभदायक चीज़ है इस से आग बुझती है, बरसे तो सर्दी होती है और मैले कपड़ों से मैल भी निकालता है

जीवड़ा मज़े-दार है

हासप्रिय औरत, प्रसन्न-चित्त स्त्री

डेढ़ पाव चून, नौ बेगारी राह में डर भी है

थोड़ी सी बात के लिए इतनी बड़ी व्यवस्था या छोटी सी बात पर इतना दिखावा, झूठा आडंबर

ज़र दार का सौदा है बे ज़र का ख़ुदा हाफ़िज़

धनवान व्यक्ति जो चाहे ले सकता है निर्धन कुछ नहीं कर सकते

वज़'अ-दार हो जाना

मुहज़्ज़ब हो जाना, उच्च आचार-विचार रखने और भले आदमियों का-सा व्यवहार करने वाला होना, शिष्ट और सभ्य होना

देर में देर होती है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

अल्लाह के यहाँ देर है अंधेर नहीं है

देर-सवेर कर्मों का फल अवश्य मिलता है

देर में देर तो होती ही है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

क़ुदरत के यहाँ देर है अंधेर नहीं

ख़ुदा के यहाँ देर है अंधेर नहीं

घोड़ी को घर क्या दूर है

घोड़े के आगे फ़ासिला और दूरी कुछ चीज़ नहीं, काम जानने वाले के लिए कोई काम मुश्किल नहीं, चतुर व्यक्ति अपना मतलब जल्दी निकाल लेता है, चालाक शख़्स अपना मतलब जल्द निकाल लेता है

क़र्ज़-दार हर जगह से पत्थर खाता है

उधार लेने वाला आदमी हर जगह से धुतकारा जाता है, हर कोई उसको अपमानित करता है, लोगों की दृष्टी से गिर जाता है

दिनों देर है

बहुत अर्सा नहीं है सिर्फ़ दिनों की देर अलबत्ता है

आज इस का दौर है तो कल उस का दौर है

ज़माना एक हाल पर रहता है, आज किसी का दरोज है तो कल किसी का, दुनिया की हर हालत आरिज़ी वार ना पाएदार है

दिल्ली दूर है

अभी लक्ष्य नहीं आया, लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल है

डर दो तरफ़ होता है

जब एक आदमी अपने दुश्मन पर किसी भी तरह से हमला करता है, तो उसे भी अपनी जान का डर होता है कि पता नहीं किसका हमला सफल हो जाए

ना'ल-दर-आतिश हो जाना

बहुत बेक़रार होना, तिलमिलाना , हसद या किसी और वजह से सख़्त तकलीफ़ और बेचैनी में मुबतला होना

आँखें मुँदते क्या देर है

मृत्यु आने में देर नहीं लगती, मौत आने में देर नहीं लगती, ज़िंदगी का क्या भरोसा है

एक डर दो तरफ़ होता है

शत्रुता का भय दोनों तरफ़ के लोगों को होता है, शत्रुता में दोनों ही एक दूसरे से भय खाते हैं

ढोल की आवाज़ दूर से सुहानी मा'लूम देती है

रुक : दौर के ढोल सुहाने

अभी दिल्ली दूर है

अभी लक्ष्य नहीं आया, लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल है

शराबियों से दूर ही भले

शराब पीने वालों के पास भी नहीं जाना चाहिए

कुछ दूर है

(हैरानी के लिए) कुछ दूर नहीं

बनिये का क़र्ज़ घोड़े की दौड़ बराबर है

जैसे घोड़ा दौड़ता है उसी गति से बनिये का ब्याज चढ़ता है

टूटी कमान में दोनों को डर होता है

तीर चलाने वाला जानता है कि निशाना नहीं लगेगा और दुश्मन तीर से डरता है, अदना दुश्मन का भी ख़ौफ़ ख़्वाही नज्जो एही होता है

आसमान दूर है ज़मीन सख़्त है

लाचारी दिखाने के अवसर पर कहते हैं

दीवार-ओ-दर से रोना बरसता है

दुख व्यक्त होना

अभी देहली दूर है

अभी लक्ष्य नहीं आया, लक्ष्य तक पहुँचना मुश्किल है

सैंय्याँ भए कुतवाल अब डर क्या है

रुक : सी्यां भए कुतवाल अब डर किया है

ज़मीन सख़्त है आसमान दूर

विवश हो जाने के स्थान पर बोलते हैं

ग़ैरत-दार को चुल्लू भर पानी काफ़ी है

जिस शख़्स में ग़ैरत का माद्दा होता है इस के लिए थोड़ी तौहीन भी बहुत है

आँखें बंद होते क्या देर है

मरते देर नहीं लगती

आँखें बंद होने क्या देर है

मौत आते देर नहीं लगती, ज़िंदगी का कुछ भरोसा नहीं, अभी आँखें खुली हैं पलक झपकते हमेशा के लिए बंद हो गईं

देख जगत और सामत डर और मत रो, बिना हुक्म भगवान के बाल न बेका हो

दुनिया के दुख की परवाह नहीं करनी चाहिए क्यूँकि बिना ईश्वर की आज्ञा के कुछ नहीं होता

पक्के आम के टपकने का डर रहता है

बूढ़े आदमी की मौत का हर समय ख़तरा, बड़ी उम्र के आदमी की जीवन का भरोसा नहीं

घर के हुए न दर के

कहीं के न रहे

कया दूर है

कुछ ताज्जुब नहीं, कुछ बईद नहीं, ऐसा हो सकता है

ख़ुदा का दिया नूर, कभी न होए दूर

(प्राकृतिक सुंदरता को सौंदर्यीकरण की आवश्यकता नहीं) ईश्वर जो देता है वह हमेशा क़ायम रहता है

झोली-दार हो जाना

(घोड़े-बैल आदि का) पेट लंबा और लटका हुआ होना (पेट के सिकुड़े होने के विपरीत स्थिति)

सब से बेहतर है मियाँ साहिब सलामत दूर की

दूर-दूर रहना ही अच्छा है, घनिष्ठता अच्छी नहीं

दर का हो रहना

किसी का ग़ुलाम या सेवक बन जाना

दर का हो जाना

किसी का ग़ुलाम या सेवक बन जाना

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