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आता

आने वाला, वो जो आता है

आता-जाता

यात्री, रस्ता चलने वाला, पथिक, मुसाफ़िर, राहरौ

आता आओ जाता जाओ, आता आए जाता जाए

आता है हाथी के मुँह, जाता है च्यूँटी के मुँह

रोग अर्थात बीमारी के आने में देर नहीं लगती परंतु जाती धीरे धीरे है

आता जाता कुछ नहीं

कुछ नहीं जानता, अनपढ़ है

आता हो तो हाथ से न दीजे, जाता हो तो उसका ग़म न कीजे

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

आता न छोड़िये , जाता न मोड़िये

जो हाथ लगे ले लीजिए जो बस का ना हो उसे जाने दीजिए

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता आओ जाता जाओ

(आने जाने वाले पर) कोई प्रतिबंध नहीं, कोई रोक-टोक नहीं, कोई परवाह नहीं आए या जाए

आ'ताफ़

दया, कृपा, दयालुता, मेहरबानियाँ, स्नेह (आमतौर पर बुज़ुर्गों की ओर से)

नज़र में आता

मुझे क्या नहीं आता

मैं हर विद्या और कौशल से परिचित हूँ

बे-सीखे कुछ नहीं आता

सीखे या ज्ञान प्राप्त किए बिना कोई गुण नहीं आता

दिल में आता है

इरादा होता है, दिल चाहता है

कुछ नहीं आता है

मैं ऐसे फेरों में नहीं आता

मैं ऐसे धोखों में नहीं आता, मैं धोखा नहीं खाता

पुड़िया में आता है

अर्ज़ां शैय जो महंगी हो जावे इस मौक़ा पर बोलते हैं मसलन जो घटड़ी में आती हो वो लिफाफों में मिलने लगे जैसे गंदुम नख़ूद वग़ैरा

चुल्लू में समंदर नहीं आता

छटे सामर्थ्य वाले से बड़ा काम नहीं हो सकता

क़लम पकड़ना नहीं आता

लिखना में आता

हमेशा से चला आता है

यूँ ही होता है, पुराना चलन है, रस्म पुरानी है

हमेशा से चला आता है

गया वक़्त फिर नहीं आता

बीता हुआ समय दुबारा नहीं मिल सकता जो मौक़ा' हाथ से निकल जाए फिर हाथ नहीं आता

वक़्त जा कर नहीं आता

वक़्त जा कर नहीं आता

मौक़ा हाथ से निकल जाए तो फिर नहीं मिलता, जो समय या घड़ी गुज़र जाती है फिर नहीं आती

कुँवें के पास प्यासा आता है

किसी शैय का हाजतमंद या तालिब ख़ुद इस के पास पहुंचता है

ख़ुदा काम आता है

ख़ुदा ही मदद करता है

ख़ुदा काम आता है

कूएँ के पास प्यासा आता है

किसी शैय का तालिब ख़ुद इस के पास पहुंचता है

दिन को ऊँट नहीं नज़र आता

(औरत) बिलकुल अंधा है, मूर्ख है

रोना गाना किस को नहीं आता

थोड़ा बहुत सबगा लेते हैं, उस वक़्त मुस्तामल जब कोई किसी से गाने की फ़र्माइश करे

दिया-लिया आगे आता है

ख़ैर ख़ैरात करते रहना आड़े वक़्त में इंसान की सलामती या भलाई का बाइस बिन जाता है

ग़ुस्सा कमज़ोर पर आता है

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं

(प्रसिद्ध कवि मीर हसन की कविता का एक श्लोक कहावत के रूप में प्रयोग किया जाता है) जो मौक़ा हाथ से निकल जाये वो फिर हाथ नहीं आता, पछतावा और अफ़सोस रह जाता है

पानी का हगा मुँह पर आता है

भेद खुल जाता है, दोष प्रकट हो कर रहता है, किये का फल मिल कर रहता है

कलेजा अंदर से उमडा चला आता है

कलेजा अंदर से उमडा चला आता है

(अविर) सख़्त बेचैनी या घबराहट है, दिल सँभाले नहीं सँभलता

कलेजा अंदर से उमडा चला आता है

(अविर) सख़्त बेचैनी या घबराहट है, दिल सँभाले नहीं सँभलता

गाना और रोना, किस को नहीं आता

ऐसी बातें सब जानते हैं, दुख और सुख से सब प्रभावित होते हैं

वक़्त पर कुछ बन नहीं आता

जब मुसीबत पड़े तो कोई सुझाव कारगर नहीं होता

वक़्त पर कोई काम नहीं आता

संकट और परेशानी के समय कोई मदद नहीं करता

पानी पिया मुँह पर आता है

बात छिपी नहीं रहती

आसमान का थूका मुँह पर आता है

उच्च स्तर पर किसी भी प्रकार का हमला करने से निम्न स्तर की अपमान होती है, पवित्र को बदनाम करने वाला ख़ुद ही बदनाम होता है

चाँद पर थूका मुँह पर आता है

बेऐब को ऐब लगा कर या खुले हुए कमाल का इनकार कर के अनासन ख़ुद ही बदनाम होता या बुरा समझा जाता है

चाँद का थूका मुँह पर आता है

अच्छे आदमी पर आरोप लगाने वाला ख़ुद अपमानित होता है

सर का बोझ पाँव पर आता है

हर चीज़ अपनी असल की तरफ़ पलटी है, अपनों का फ़िक्र अपनों ही को होता है

साँप का सर भी कभी काम आता है

कोई चीज़ ज़ाए नहीं करनी चाहिए . कभी ना कभी काम आजाती है, दाश्ता आबिद बिकार, गरचा बूद सर मार

ऐसा वैसा भाता नहीं, ख़्वान मलूका आता नहीं

ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब किसी व्यक्ति को जो भाग्य है वह पसंद न हो और जो दिल चाहता है वह भाग्य न हो

कातना तो आता नहीं पोनियाँ तो बनाने लगी

चर्ख़ा कातना आसान है पूनी बनाना मुश्किल है, ऐसी औरतों की निसबत बोलते हैं जिन को आसान सा काम नहीं आता लेकिन मुश्किल काम करने का दावा करती हैं

अपना घर सौ कोस से नज़र आता है

प्रत्येक व्यक्ति अपनी किसी अच्छाई या दुर्बलता को भली-भाँती जानता है

पानी का हगा मुँह पर नहीं आता है

आसमान का थूका मुँह पर आता है, किए का फल मिलता है, दोष प्रकट हुए बिना नहीं रहता

जो मुँह में आता है बक जाता है

सुब्ह का निकला शाम को आता है

जवानी में गधी पर भी जोबन आता है

युवावस्था की अपनी एक सुन्दरता है, युवावस्था में कुरूप व्यक्ति भी स्वरूप प्रतीत होता है

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

कूए के पास प्यासा आता है कुवा नहीं जाता

ग़रज़मंद को चाहिए कि जहां ग़रज़ निकले वहां जाये, बेग़र्ज़ को क्या पेड़ पड़ी है

खोटा पैसा कभी काम आता है

रुक : खोटा, पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

दिया लिया ही आड़े आता है

समय पर दान-पुण्य काम आता है, दान अज़ाब अर्थात पाप के दंड से बचाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं के अर्थदेखिए

गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं

gayaa vaqt phir haath aataa nahii.nگَیا وَقْت پِھر ہاتھ آتا نَہیں

कहावत

गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं के हिंदी अर्थ

  • (प्रसिद्ध कवि मीर हसन की कविता का एक श्लोक कहावत के रूप में प्रयोग किया जाता है) जो मौक़ा हाथ से निकल जाये वो फिर हाथ नहीं आता, पछतावा और अफ़सोस रह जाता है

English meaning of gayaa vaqt phir haath aataa nahii.n

  • time past is time lost, a lost opportunity never returns

گَیا وَقْت پِھر ہاتھ آتا نَہیں کے اردو معانی

  • (مشہور شاعر میر حسن کا مصرع بطور ضرب المثل مستعمل) جو موقع ہاتھ سے نکل جائے وہ پھر میسّر نہیں آتا، پچھتاوا اور افسوس رہ جاتا ہے

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं

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