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आप जानिए

यह निश्चित कार्य है, इस बात को सब जानते हैं, यह तो सब ही को पता है, यह तो मानी हुई बात है

आबरू जग में रहे तो बादशाही जानिए

nothing is more precious than good name

भोर भया जब जानिए जब पीले बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

वक़्त पड़े पर जानिए को बैरी को मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

भोर भया जब जानिए जब पौरे बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

भोर भया जब जानिए जब पेरे बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

मियाँ आवें क्यों कर जानिए घोड़े की टाप पहचानिए

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बार

जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते

जाट मरा तब जानिए जब तीजा हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बाड़

जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते

मेव मरा जब जानिए, जब तीजा हो जाय

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

सुब्ह का बिछड़ा शाम को आवे तो बिछड़ा न जानिए

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

जिस घर बड़े न बूझिए दीपक जले न साँझ, वो घर उजड़ जानिए जिन की त्रिया बाँझ

जिस घर में बड़ों की इज़्ज़त ना हो या शाम को दिए ना जलें या जिस घर में बांझ औरत हो वो घर उजड़ जाते हैं

आयतवार तब जानिये जब हटी लीपें बानिये

वास्तव में छुट्टी उस दिन समझना चाहिये जब बनिये दुकान की लिपाई करें

बाट चले जानिये या बाहा पड़े जानिये

मुआमला पड़ने या सफ़र या सोहबत या हमसायगी से आदमी का हाल खुलता है

सारा माल जाता जानिये तो आधा दीजिये बाँट

अगर तमाम माल का नुक़्सान होता नज़र आए और आधा देने से आधा बच जाये तो आधा दे देना चाहिए कि इसी में फ़ायदा है

वक़्त को ग़नीमत जानिये

अवसर को नहीं गंवाना चाहिए, समय की क़द्र करनी चाहिए, अवसर पर काम कर लेना चाहिए, समय को अनमोल समझना चाहिए

अपने मन से जानिये पराए मन की बात

दूसरे तुम से क्या चाहते हैं अथवा कैसे व्यवहार की आशा रखते हैं इसे स्वयं अपने मन से समझ लेना चाहिए

वक़्त पड़े पर जानिये कौन बैरी कौन मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

सारा माल जाता जानिये तो आधा दीजे बाँट

यदि सारी सम्पत्ति की हानि हो रही हो तो आधा दूसरों को दे कर जितना बच सके बचा लीजिए

जाट मुवा जब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव जाट बहुत सख़्त जान होते हैं, यानी दग़ाबाज़ और फ़रेबी अगर मर भी जाएं तो उन का मर जाना काबिल-ए-एतिबार क़बल अज़ सोइम नहीं , दग़ाबाज़ की किसी बात का एतबार नहीं करना चाहिए

मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

पास रहे जानिये या बाट चले

किसी की अच्छाई या बुराई उसी सूरत में मालूम होती है जब वो या तो पास रहे या सफ़र में शरीक हो

ऊत गए न जानिये दे गए बाड़

जिस के घर ढनखर लग गए कोई ना रहा और जो शख़्स अपने बुज़ुर्गों के ख़िलाफ़ बदचलन और बदअतवार हुआ वही ओत है

राह चले या पास बसे , जब जानिये

आदमी सफ़र और पड़ोस में रह कर पहचाना जाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जानिए के अर्थदेखिए

जानिए

jaaniyeجانئے

वज़्न : 212

English meaning of jaaniye

  • know, learn

Urdu meaning of jaaniye

  • Roman
  • Urdu

जानिए के अंत्यानुप्रास शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

आप जानिए

यह निश्चित कार्य है, इस बात को सब जानते हैं, यह तो सब ही को पता है, यह तो मानी हुई बात है

आबरू जग में रहे तो बादशाही जानिए

nothing is more precious than good name

भोर भया जब जानिए जब पीले बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

वक़्त पड़े पर जानिए को बैरी को मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

भोर भया जब जानिए जब पौरे बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

भोर भया जब जानिए जब पेरे बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

मियाँ आवें क्यों कर जानिए घोड़े की टाप पहचानिए

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बार

जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते

जाट मरा तब जानिए जब तीजा हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बाड़

जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते

मेव मरा जब जानिए, जब तीजा हो जाय

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

सुब्ह का बिछड़ा शाम को आवे तो बिछड़ा न जानिए

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

जिस घर बड़े न बूझिए दीपक जले न साँझ, वो घर उजड़ जानिए जिन की त्रिया बाँझ

जिस घर में बड़ों की इज़्ज़त ना हो या शाम को दिए ना जलें या जिस घर में बांझ औरत हो वो घर उजड़ जाते हैं

आयतवार तब जानिये जब हटी लीपें बानिये

वास्तव में छुट्टी उस दिन समझना चाहिये जब बनिये दुकान की लिपाई करें

बाट चले जानिये या बाहा पड़े जानिये

मुआमला पड़ने या सफ़र या सोहबत या हमसायगी से आदमी का हाल खुलता है

सारा माल जाता जानिये तो आधा दीजिये बाँट

अगर तमाम माल का नुक़्सान होता नज़र आए और आधा देने से आधा बच जाये तो आधा दे देना चाहिए कि इसी में फ़ायदा है

वक़्त को ग़नीमत जानिये

अवसर को नहीं गंवाना चाहिए, समय की क़द्र करनी चाहिए, अवसर पर काम कर लेना चाहिए, समय को अनमोल समझना चाहिए

अपने मन से जानिये पराए मन की बात

दूसरे तुम से क्या चाहते हैं अथवा कैसे व्यवहार की आशा रखते हैं इसे स्वयं अपने मन से समझ लेना चाहिए

वक़्त पड़े पर जानिये कौन बैरी कौन मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

सारा माल जाता जानिये तो आधा दीजे बाँट

यदि सारी सम्पत्ति की हानि हो रही हो तो आधा दूसरों को दे कर जितना बच सके बचा लीजिए

जाट मुवा जब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव जाट बहुत सख़्त जान होते हैं, यानी दग़ाबाज़ और फ़रेबी अगर मर भी जाएं तो उन का मर जाना काबिल-ए-एतिबार क़बल अज़ सोइम नहीं , दग़ाबाज़ की किसी बात का एतबार नहीं करना चाहिए

मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

पास रहे जानिये या बाट चले

किसी की अच्छाई या बुराई उसी सूरत में मालूम होती है जब वो या तो पास रहे या सफ़र में शरीक हो

ऊत गए न जानिये दे गए बाड़

जिस के घर ढनखर लग गए कोई ना रहा और जो शख़्स अपने बुज़ुर्गों के ख़िलाफ़ बदचलन और बदअतवार हुआ वही ओत है

राह चले या पास बसे , जब जानिये

आदमी सफ़र और पड़ोस में रह कर पहचाना जाता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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