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जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय के अर्थदेखिए

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

jo kosat bairii mare aur man chitve dhan hoy, jal maa.n ghii niksan laage to ruukhaa khaa.e na koyجو کوست بیری مرے اور من چتوے دھن ہوئے، جل ماں گھی نِکسن لاگے تو روکھا کھائے نہ کوئے

कहावत

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय के हिंदी अर्थ

  • अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

جو کوست بیری مرے اور من چتوے دھن ہوئے، جل ماں گھی نِکسن لاگے تو روکھا کھائے نہ کوئے کے اردو معانی

  • اگر کوسنے سے دشمن مرجائے، خواہش سے دولت ملے اور پانی سے گھی نکلے تو کوئی روکھی نہ کھائے

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