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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए के अर्थदेखिए
करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए
karnii kare to kyu.n kare aur karke pachhtaa.e, pe.D bo.e babuul ke to aam kahaa.n se khaa.e•کرنی کرے تو کیوں کرے اور کر کے پچھتائے، پیڑ بوئے ببول کے تو آم کہاں سے کھائے
अथवा - करनी करे तो क्यूँ डरे, कर के क्यूँ पछताय, बोवे पेड़ बबूल के, आम कहाँ से खाय
कहावत
करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए के हिंदी अर्थ
- जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए
- जैसा काम करोगे वैसा प्रिणाम निकलेगा, बबूल बो कर आम नहीं प्राप्त हो सकते
- बुरे काम का परिणाम तो भोगना ही पड़ेगा, उसके लिए पछताने से क्या होता है
کرنی کرے تو کیوں کرے اور کر کے پچھتائے، پیڑ بوئے ببول کے تو آم کہاں سے کھائے کے اردو معانی
- جو بات کرنی چاہو کرو ڈرو نہیں اور کر کے پھر پچھتانا نہیں چاہیے
- جیسا کام کرو گے ویسا نتیجہ نکلے گا، ببول بو کر آم نہیں حاصل ہو سکتے
- برے کام کا انجام تو جھیلنا ہی پڑے گا، اس کے لئے پچھتانے سے کیا ہوتا ہے
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए
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