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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़राश के अर्थदेखिए
ख़राश के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग, प्रत्यय
- दीवारों पर पलस्तर के तड़खने या खुरचे जाने के गहरे निशान
- खरोंच; छिलन
- किसी अंग के छिल जाने या रगड़ने पर होने वाला घाव
- कोई अंग छिलने अथवा छीले जाने पर अथवा रगड़ खाने पर होनेवाला छोटा या हलका घाव
- खुजली।
- लकीर, रगड़ का निशान
- उचटता हुआ घाव, छीलन, रगड़।
- खुजली, ख़ारिश
- गला ख़राब होना, बे सुरा होना, आवाज़ बदल जाना
- नाख़ुन या कांटे वग़ैरा का निशान, खरोचा
- रगड़, छिलन
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कोई दम ऐसी ज़िंदगी भी करें
अपना सीना हो और ख़राश अपनी
कोई अगर पूछता ये हम से बताते हम गर तो क्या बताते
भला हो सब का कि ये न पूछा कि दिल पे ऐसी ख़राश क्यूँ है
वो दिन गए कि थी मिरे सीने में कुछ ख़राश
अब दिल कहाँ है दिल का निशाँ याद रह गया
English meaning of KHaraash
Noun, Feminine, Suffix
- scratch, narrow and shallow cut, scrape, cicatrix, excoriation, cutting
- scraping, lacerating
خَراش کے اردو معانی
اسم، مؤنث، لاحقہ
- رگڑ، چِھلَن
- جلن، سوزش، تیزی
- ناخن یا کانٹے وغیرہ کا نشان، کھروچا
- گلا خراب ہونا، بے سُرا ہونا، آواز بدل جانا
- لکیر، رگڑ کا نشان جو لکڑی بنی ہوئی چیزوں پر پڑ جاتا ہے
- دیواروں پر پلستر کے تڑخنے یا کُھرچے جانے کے گہرے نشانات
- زمین کی اُکھڑے ہوئے پرت، فرش کا مسالہ تڑخ جانا
- کھجلی، خارش
- چبھن، تکلیف، خدشہ، خوف
- (کنایتہً) ماتھے کی شکنیں جو عمر رسیدگی کا پتہ دیتی ہیں
ख़राश के अंत्यानुप्रास शब्द
ख़राश के यौगिक शब्द
ख़राश से संबंधित रोचक जानकारी
خراش اصغرعلی خاں نسیم کا شعر ہے ؎ یہاں تک اوج جنوں میں مجھے کمال ہوا خراش ناخن دیوانگی ہلال ہوا بعض لوگوں کا خیال ہے کہ نسیم نے’’خراش‘‘ کو ضرورت شعری کی بنا پر مذکر باندھا ہے ۔ حقیقت یہ ہے کہ لفظ ’’خراش‘‘ پرانے زمانے میں مذکر تھا، میر ؎ غصے میں ناخنوں نے مرے کی ہے کیا تلاش تلوار کا سا گھاؤ ہے جب ہے کا ہرخراش نسیم کا زمانہ آتے آتے ’’خراش‘‘مؤنث ہوچکا تھا، چنانچہ ’’توبۃالنصوح‘‘ میں ہے: فیل ہائی دھڑام سے تخت پر سے گر پڑی۔ کہیں ذرا سی خراش آگئی۔ لہٰذا ہم یہ فرض کریں کہ نسیم نے پرانے لوگوں کے اتباع میں ’’خراش‘‘ کو مذکر لکھا ہے، یا یہ فرض کریں کہ انھوں نے ’’ہلال‘‘ کی مناسبت سے ’’ہوا‘‘ لکھا ہے۔ یہ طریقہ پہلے ز مانے میں رائج تھا۔ دیکھئے:’’اضافت کی علامت(کا، کی، کے) میں تعقید‘‘، ’’فاعل اور فعل کا توافق‘‘۔ دونوں صورتوں میں نسیم پرکچھ اعتراض نہیں وارد ہوتا، ’’ضرورت شعری‘‘ کی بات ہی کیا ہے۔
ماخذ: لغات روز مرہ
مصنف: شمس الرحمن فاروقی
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