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माया

माया

= माथा

मायाँ

अकबरी काल की एक प्रकार की ऊनी, रेशमी चादर जो लाहौर में तैयार की जाती थी

माया-दार

पूँजीवाला, धनी, मालदार, जो मालामाल हो

माया-दास

माया-जाल

घर-गृहस्थी का जंजाल, दौलत का चक्कर

माया-पति

ईश्वर, परमेश्वर; भगवान

माया-चार

मायावी, फ़रेबी, मक्कार, दग़ाबाज़, जालसाज़, कपटी, धोके बाज़

माया-मोह

दुनिया की मुहब्बत, संसारिक दिलचस्पी, हवस, लालच

माया-वर

माया-ए-नाज़

जिस पर गर्व किया जा सके

माया-सिदक़

माया'-कारी

माया-धर

जादूगर, वह व्यक्ति जो जादू दिखाता हो

माया-रूपी

झूटी, भ्रम, धोखाधड़ी, छल

माया-पात्र

माया'-ए-पैमा

(भौतिक विज्ञान) तरल पदार्झ का सापेक्ष घनत्व पता करने का एक उपकरण

माया-ए-ख़्वेश

अपना धन-दौलत, अपनी वस्तु, निजी धन अथवा वस्तु

माया-दारी

दौलतमंदी, मालदार होना, मालामाल होना

माया-पाशीदा

माया-पाशीदगी

माया-ए-इफ़्तिख़ार

माया जोड़ना

धन जोड़ना, दौलत इकट्ठा करना, रुपया पैसा जमा करना

माया तेरे के तीन नाम, परसू, परसा, परसराम

मनुष्य की इज़्ज़त दौलत की वजह से होती है, जब ग़रीब था लोग परसू कहते थे, जब ज़रा मालदार हुआ तो परसा कहने लगे, और जब धनी हो गया तो प्रसराम कहलाने लगा

माया जोड़ना

माया गंठ औरर बिद्या कंठ

रुपया अपने क़बज़े में होना चाहिए और इलम दिमाग़ में

माया से माया मिले , मिले नीच से नीच , पानी से पानी मिले , मिले कीच से कीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, जो जैसा होता है वैसे के पास जाता है

माया के तीन नाम, परसा, परसू, परसराम

इंसान की इज़्ज़त दौलत की वजह से होती है, जब ग़रीब था तो लोग प्रसा कहते थे, जब ज़रा हैसियत बनी तो प्रसव कहने लगे, जब दौलतमंद होगया तो परसराम कहलाने लगा

माया के लम्बे लम्बे हाथ

दौलत की रसाई बहुत दूर तक होती है, दौलत से पहुंच में इज़ाफ़ा हो जाता है

माया के भी पाँव होते हैं, आज मेरे कल तेरे

धन किसी के पास सदैव नहीं रहता, आज एक के पास है तो कल दूसरे के पास

माया मरी न मन मरे मर मर गए सरीर, आसा तिरिश्ना न मरे कह गए दास कबीर

ना तो क़ुदरत मरती है ना दिल ना ख़ाहिश ना उम््ीद, बदन मर जाता है उम्मीदवार प्यासा रह जाता है

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

माया को माया मिले कर के लम्बे हात, तुलसी दास ग़रीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

माया का क्या जोड़ना, खल खाना, कम्बल ओढ़ना

कंजूस के प्रति कहते हैं जो दुख उठा कर धन जमा' करता है अर्थात ऐसी दौलत जमा' करने का क्या लाभ कि खाने पहनने को भी तरसे

माया का जाल

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया मिली न राम

ना दुनिया मिली, ना देन मिला, ना इधर के रहे ना इधर के रहे, ना ये हाथ आया ना वो मिला

नौ-माया

दिल-बे-माया

ख़ुश-माया

आनन्द, मज़ा, लुत्फ़, ख़ुशी

तंग-माया

निर्धन, कंगाल, ग़रीब, अधम, नीच, कमइल्म, विद्याहीन

गराँ-माया

बहुमूल्य, कीमती, महत्त्वपूर्ण, उत्तम, उमदा

ख़ून-माया

कम-माया

थोड़ी पूंजी वाला, टुटपुंजिया, तुच्छ, नीच, कमीना, जिसके पास बहुत ही थोड़ी पूँजी हो

सब्ज़-माया

(वनस्पति विज्ञान) हरा पदार्थ; के खाद्य पदार्थ

बिरूँ-माया

आसुरी-माया

सुबुक-माया

शब्दावली के लिहाज़ से कम हैसियत, महत्वहीन

दस्त-माया

पूँजी, सरमाया

जोग-माया

= योगमाया

योग-माया

मोह-माया

दौलत की हवस, धन की लालसा

ख़मीर-माया

अस्ल बुनियाद, जड़

मरकज़ी-माया

ख़लिय्या-माया

क़लील-माया

थोड़ी सी पूँजी रखने वाला, कम धन दौलत वाला

फ़राख़-माया

नख़ुज़-माया

निज़्द-माया

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में माया के अर्थदेखिए

माया

maayaمایَہ

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 22

माया के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • = माथा
  • ऐसा अंकन या चित्र जिसमें केवल मुख और मस्तक बना हो, धड़ आदि शेष अंग न दिखाये गये हों। विशेष-शेष मुहावरों के लिए देखें ' सिर ' के मुहा०।
  • पूँजी, कुल जमा, सामान
  • पीतांबर। २ : असुर। स्त्रिी० [सं० माता] १. माता। माँ।
  • बड़ी या आदरणीय स्त्री के लिए संबोधन का शब्द। स्त्रिी० = मादा। अव्य० = माहि (बीच में)।
  • माथा
  • सिर का अगला भाग। मस्तक। पद-माथा-पच्ची, माथा-पिट्टन। मुहा०-(किसो के आगे या सामने) माया घिसना = बहुत दीनता या नम्रतापूर्वक मिन्नत या खुशामद करना। माथा टेकना = सिर झुकाकर प्रणाम करना। माथा ठनकना = (क) सिर में हलकी धमक या पीड़ा होना। (ख) लाक्षणिक रूप में, पहले से ही किसी दुर्घटना या बाधा होने की आशंका होना। माथा रगड़ना = दे० ऊपर ' माथा घिसना '। माथे चढ़ाना = शिरोधार्य करना। (किसी के) माथे टीका होना = कोई ऐसी विशेषता होना जिसके कारण महत्त्व या श्रेष्ठता प्राप्त हो। माये पर बल पड़ना = आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना। माथे भाग होना = भाग्यवान् होना। (कोई चीज किसी के) माथे मारना = बहुत उपेक्षापूर्वक या तुच्छ भाव से देना। जैसे-वह रोज तगादा करता है, उसकी किताब उसके माथे मारो।
  • धन, दौलत, पूँजी, अस्लज़र, उपकरण, सामान, योग्यता, काबिलीयत ।।

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कोई काम करने या कोई चीज बनाने की अलौकिक अथवा असाधारण कला या शक्ति। जैसे इन्द्र अपनी माया से अनेक रूप धारण करता है।
  • बहुत ही उत्कृष्ट या प्रखर बुद्धि। प्रज्ञा।
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English meaning of maaya

Noun, Masculine

  • mercy, illusion
  • stock, capital, wealth, fund

مایَہ کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • کسی چیز کا مادّہ یا جوہر، اصل

माया के पर्यायवाची शब्द

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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